दुधवा, दुधवा टाइगर रिजर्व का पर्याय है जो उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र के उप - हिमालय क्षेत्र में स्थित है। यह पार्क लखीमपुर खीरी जिले में भारत - नेपाल बॉर्डर पर स्थित है। दुधवा नेशनल पार्क को तराई क्षेत्र के अंतिम अवशेष के रूप में सबसे लुप्तप्राय पारिज्ञिथतिक तंत्र में गिना जाता है।
दुधवा नेशनल पार्क
इस राष्ट्रीय पार्क को एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में 1958 में दलदल हिरण के लिए स्थापित किया गया था। जनवरी 1977 में, अर्जन सिंह के कई प्रयासों के बाद यह एक अधिसूचित पार्क बन गया। दस साल बाद 1988 में इसे किशनपुर वन्यजीव अभयारण्य और कतरनियाघाट वन्यजीव अभयारण्य के साथ एक बाघ अभयारण्य के रूप में घोषित कर दिया गया था।
यह बाघ अभयारण्य दो भागों में बंटा हुआ है एक दुधवा नेशनल पार्क और दूसरा किशनपुर वन्यजीव अभयारण्य। यह दोनो लगभग 15 किमी. की दूरी पर स्थित है। भारत - नेपाल बॉर्डर पर बहने वाली नदी मोहाना, इस पार्क की उत्तरी सीमा पर स्थित है जबकि सुहेली नदी पार्क की दक्षिणी सीमा पर स्थित है।
इस क्षेत्र में अधिकाश: जलोढ़ मैदान, झील, पूल और कई नाले हैं। यहां की भारतीय - गंगा भूमि पर विविध वनस्पति और साल व कई अन्य जंगल भी पार्क के अंदर भी पाएं जाते है।
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में वन्य जीव
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में आकर्षक वन्यजीवों की विस्तृत श्रृंखला है। इनमें से कुछ प्रजातियों के जन्तुओं का यहां बसेरा है जैसे - तेंदुआ बिल्ली, फिशिंग कैट, रैटल, सीविट, जैकॉल या सियार, हॉग हिरण और भौकनें वाला हिरण आदि। इनके अलावा, यहां हिस्पिड खरगोश का भी घर है जिनके बारे में माना जाता है कि 1951 में यह विलुप्त हो गए थे और 1984 में यह पुन: अस्तित्व में आ गए थे जो कि संरक्षणवादियों के लिए खुशी की बात है। इन सभी जानवरों और पशुओं के अलावा, यहां मगरमच्छ के साथ - साथ पायथन यानि अजगर और मॉनिटर लिजॉर्ड को भी देखा जा सकता है जो नदी के तट पर विचरण करते रहते है।
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में चिडियों को निहारना
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान, पक्षी प्रेमियों के लिए एक खजाना है। इस पार्क में 400 घरेलू और प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां निवास करती है। पार्क के अंदर स्थित दलदलों और झीलों में पानी वाले पक्षियों व प्रवासी पक्षियों की कई किस्में पर्यटकों को खासा आकर्षित करती है। पार्क के अंदर देखने में सबसे लुभावना बानके ताल लगता है जहां आप कलहंस, जलकाग, बगला और बतख की कई प्रजातियां देख सकते है इसके अलावा, ताल और चैती की भी प्रजातियां यहां पाई जाती है।
सफेद गर्दन वाले स्टॉर्क, पेन्टेड स्टॉर्क और ओपन बिल्ड स्टॉर्क जैसे कई वैराईटी के स्टॉर्क इस पार्क में पाएं जाते है जिनमें से कुछ पानी में रहने वाले और कुछ जमीन पर रहने वाले होते है। यहां आकर यहां बसेरा बनाएं कठफोड़वा, बार्बेट्स, मिनिवेट्स, बुलबुल और किंगफिशर जैसे रंगीन पक्षी देखना न भूलें।
दुधवा की सैर का सबसे अच्छा समय
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान की सैर का सबसे अच्छा समय नवंबर से मार्च तक होता है।