पूर्वी चंपारण बिहार का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला जिला है। इस स्थान का नाम, दो शब्दों, 'चंपा' और 'अरण्य' को मिलकर बना है। चंपा सुगंधित फूल के वृक्ष को संदर्भित करता है,और अरण्य का मतलब घर या एक घिरा हुआ स्थान होता है। इसका नाम उस समय में पड़ा जब यह जिला मैगनोलिया (चंपा) पेड़ों के जंगल से घिरा हुआ था।
यह हरे भरे वातावरण से युक्त बिहार का एक प्रशासनिक जिला है, जहां पर्यटकों के लिए विविध आकर्षण भरे हैं। गंडक, बुरही गंडक और बाघमती नदियां इस क्षेत्र से होकर बहने वाली नदियां हैं। नेपाल के साथ सीमा पर जुड़ा हुआ तथा अन्य राज्यों एवं बिहार के अन्य शहरों से जुड़े हुए इस जिले का सम्पर्क व्यापक है। इस प्रकार, पूर्वी चंपारण पर्यटकों को खुशी देने वाला स्थान है।
पूर्वी चंपारण तथा आसपास के पर्यटक स्थल
पूर्वी चंपारण का मोतिहारी शहर, इस जिले का मुख्यालय माना जाता है। यह कुछ क्रांतिकारी ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है और भारत की आजादी के लिए इसे एक मंच के रूप में इसका उपयोग हुआ था। महात्मा गांधी द्वारा अग्रणी 'सत्याग्रह' आंदोलन पहली बार यहीं से शुरू हुआ था।
पूर्वी चंपारण पर्यटन में आकृषक पर्यटन स्थल जैसे केसरिया स्तूप, रक्सौल तथा सोमेश्वर शिव मंदिर पर्यटकों के आकर्षण को सुनिश्चित करते हैं। य सभी स्थल पूर्वी चंपारण को बिहार का सबसे ज्यादा पसंदीदा पर्यटन स्थलों में से एक बनाते हैं।
कला और संस्कृति
पूर्वी चंपारण लोक गीतों के अपने पारंपरिक संकलन के लिए जाना जाता है। ये गीत अवसरों के अनुसार अपना महत्व रखते हैं। झुमरी नृत्य, पूर्वी चंपारण का एक व्यापक रूप से पसंद किया जाने वाला नृत्य है और विवाहित महिलाओं द्वारा किया जाता है।
पूर्वी चंपारण में व्यंजनों की भी विशेष किस्में मिलती हैं। यह स्थान मूंह में पानी ला देने वाली मिठाईयों के लिए जाना जाता है। मिठाईयां जैसे छेना मर्की, केसरिया पेड़ा, खाजा, माल पुआ, खुर्मा, तिलकुट, मुरब्बठात, आदि न केवल स्थानीय लोगों बल्कि पर्यटकों को भी अपने स्वाद का गुलाम बना लेती हैं। प्रत्येक समृद्ध संस्कृति की तरह, पूर्वी चम्पारण भी अपने उत्सवों के दौरान खुशियों में डूब जाता है।
सूर्य देवता को समर्पित प्रसिद्ध छठ पूजा, पूर्वी चंपारण का मुख्य हिंदू त्योहार है। यह साल में दो बार मनाया जाता है, एक बार चैत्र (मार्च) में और दूसरी बार कार्तिक (नवंबर) में। पर्यटकों को पूर्वी चम्पारण की यात्रा की योजना, मकर संक्रान्ति, होली और रामनवमी के उत्सव के आस-पास बनानी चाहिए, क्योंकि इस जिले में ये त्योहार बडी श्रद्धा व उत्साह से मनाये जाते हैं।
पूर्वी चंपारण यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय
इस जगह की यात्रा करने के लिए सबसे अच्छा समय सर्दियों के दौरान, अक्टूबर से मार्च तक, का होता है। इन महीनों के दौरान, तापमान आरामदायक रहता है तथा सभी स्थानों को घूमने के लिए उपयुक्त रहता है।
पूर्वी चंपारण तक कैसे पहुंचे
पूर्वी चंपारण पर्यटन, रेल एवं सड़क मार्ग द्वारा बेहतर सम्पर्क प्रदान करता है।