1857 के विद्रोह में अहम भूमिका निभाने वाला दादरी उत्तरप्रदेश के गौतमबुद्ध नगर के पास स्थित है। यहां के गुर्जर शासक राजा उमराव सिंह और इस क्षेत्र के कुछ अन्य मुखिया ने ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध विद्रोह किया था। राजा को उनके चार साथियों के साथ अंग्रेजों ने फांसी दे...
मोदीनगर तहसील में स्थित मुराद नगर कस्बा जिला मुख्यालय गाजियाबाद से 14 किमी दूर है। इस कस्बे की स्थापना 400 साल पहले मुगल बादशाह आलमगीर के बेटे मिर्जा मोहम्मद मुराद मुगल ने की थी। उनका मकबरा शहर के पास में ही बना है। मुरादनगर भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी सुरेश रैना का...
गाजियाबाद जिले के अंतर्गत आने वाला अजरारा गांव ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। यह गांव इस क्षेत्र से बहने वाली काली नदी के किनारे पर बसा है। यह गांव अपने तहसील मुख्यालय खरखोदा से करीब 7.5 किमी दूर है। इस गांव का नामकरण एक योगी अजयपाल के नाम पर हुआ है।...
हापुड़ से 24 किमी पूर्व और जिला मुख्यालय गाजियाबाद से 10 किमी दूर स्थित डसना एक तहसील है। एक दंतकथा के अनुसार महमूद गजनवी के शासन काल के दौरान कुष्ठ रोग से ग्रस्त सलारसी नाम के एक राजपूत मुखिया ने इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए हरिद्वार का भ्रमण किया था और गंगा...
गाजियाबाद से करीब 23 किमी दूर ऐतिहासिक गांव धौलाना मेरठ-हापुड़-बुलंदशहर रोड पर गुलाओठी में स्थित है। एक दंतकथा के अनुसार इस गांव की स्थापना एक राजपूत मुखिया धौल सिंह सिसौदिया ने की थी और इसी के नाम पर इस गांव का नामकरण भी हुआ। 1780 में सिखों ने यहां आक्रामण कर इसे...
गाजियाबाद के मोहन नगर तहसील की स्थापना 1958 में उद्योगपति एनएन मोहन ने किया था। इसी के नाम पर इस शहर का नाम भी पड़ा। जीटी रोड पर स्थित यह शहर गाजियाबाद से 7 किमी, साहिबाबाद से 3 किमी और दिल्ली से 16 किमी दूर है।
औद्योगिक रूप से समृद्ध यह शहर पहले...
ऐतिहासिक महत्व वाला शहर हापुड़ गाजियाबाद जिले का सबसे बड़ा तहसील है। जिला मुख्यालय से 34 किमी और दिल्ली से 60 किमी दूर स्थित हापुड़ एनसीआर का हिस्सा है। ऐसी मान्यता है कि इस शहर की स्थापना 983 ईस्वी में बुलंदशहर और मेरठ के मुखिया हरदत्ता ने की थी। शायद इसी लिए इस...
लोनी गांव का अस्तित्व भगवान राम के समय में भी था। ऐसी मान्यता कि राम के छोटे भाई शत्रुघन ने इस जगह लवनासुर नाम के एक दावन की हत्या की थी। एक अन्य दंतकथा के अनुसार लोन्नकरण नाम के राजा ने इस शहर की स्थापना की थी और एक किले भी बनवाया, जिसका नाम लोनी रखा गया था। 1789...
गाजियाबाद जिले में मोदीनगर तहसील में पड़ने वाला फरीदनगर एक छोटा सा शहर है। बेगमाबाद-हापुड़ रोड पर बसा यह शहर भोजपुर ब्लॉक से बमुश्किल 2 किमी और जिला मुख्यालय से 30 मील दूर है। शहर का नाम मुग़ल शासक अकबर के एक अधिकारी फरीद उद्दीन के नाम पर पड़ा है। उनकी सत्य निष्ठा...
बहादुरगढ़ गांव जिला मुख्यालय गाजियाबाद से 78 किमी दूर गढ़मुक्तेश्वर-बुलंदशहर रोड पर स्थित है। इस गांव का असली नाम गढ़ नाना था। पर यहां के शासक नवाब बहादुर खान ने इसका नाम बदल दिया। बहादुर खान को यह जगह मुगल बादशाह जहांगीर से जागीर के तौर पर मिली थी।
ऐसा...
गाजियाबाद जिले से 15 किमी दूर स्थित जलालाबाद एक तहसील है। इस जगह की स्थापना मुगल बादशाह जलालुद्दी मोहम्मद अकबर के शासनकाल में की गई थी। उन्ही के नाम पर इस जगह का नामकरण भी हुआ। यह शहर गेहूं, चना और गन्ने के उत्पादन के लिए जाना जाता है।
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, मोदीनगर की स्थापना उत्तरप्रदेश के एक प्रसिद्ध व्यवसायी सेठ गुजार मल मोदी ने की थी। गाजियाबाद से 25 किमी उत्तर-पूर्व दिल्ली-मैसूरी नेशनल हाइवे 58 पर स्थित मोदीनगर शहर अपेक्षाकृत नया है। 1975 में जब गाजियाबाद जिला बना तब मोदीनगर को तहसील...