गुंटूर, दक्षिण भारतीय राज्य, आंध्र प्रदेश में स्थित एक शहर है जो बंगाल की खाड़ी से लगभग 60 किमी. दूरी पर स्थित है। यह शहर आंध्र प्रदेश की राजधानी, हैदराबाद के दक्षिण पूर्वी हिस्से में स्थित है और इससे 266 किमी. की दूरी पर स्थित है। 2012 में गुंटूर की सीमा काफी बढ़ा दी गई थी और उसमें दस गांवों को शामिल कर लिया गया था, जिसके बाद वह आंध्र प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा शहर बन गया है। गुंटूर, आंध्र प्रदेश राज्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसे यहां का सीखने और प्रशासन का उद्गम स्थल माना जाता है। इसे राज्य के सबसे विकसित शहरों में से एक माना जाता है क्योंकि यहां कई शिक्षण और प्रशासनिक संगठन है।
गुंटूर और उसके आसपास स्थित शहर में पर्यटन स्थल
गुंटूर, आंध्र प्रदेश का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। यहां कोदाविद्दु किला, उंदावल्ली गुफाएं, अमरवती, उप्पालपादु गार्डन और प्रकासम बैरज आदि प्रमुख है। गुंटूर में उष्णकटिबंधीय जलवायु है। यहां गर्मी का मौसम गर्म और शुष्क रहता है। सर्दियों के दौरान मौसम में ठंडक रहती है। मानसून के दिनों भारी वर्षा होती है।
प्राचीन और आधुनिक
गुंटूर जिले का इतिहास काफी प्राचीन है, यह लगभग 500 ई.पू. से अस्तित्व में है। इसके जितना पुराना इतिहास दक्षिण भारत के अन्य किसी इलाके का नहीं है। प्राचीन काल के दौरान, भट्टीप्रोलू के राज्य, वर्तमान के गुंटूर जिले के बाहर हुआ करते थे। इसका पता 922 - 929 सी.ई. के बीच शासन करने वाले अमरराजा प्रथम से जुड़ी, उनके काल की प्लेटों पर की पाई गई नक्काशी से स्पष्ट पता चलता है।
यह एक वेंगी चालुक्य राजा थे। गुंटूर में 1147 सीई और 1158 सीई के दौरान के शिलालेख भी पाएं जाते है। यह शिलालेख दर्शाते है कि गुंटूर को पहले संस्कृत नाम - ग्रथापूरी के नाम से जाना जाता था जिसका अर्थ होता है - तालाबों से घिरा। गुंटूर का आधुनिक इतिहास, यूरोपियन के आने से शुरू होता है।
इस शहर को राष्ट्रीय और अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर नए युग के रूप में काफी ख्याति प्राप्त है। वास्तव में, फ्रेंच इस शहर के विकास से काफी प्रभावित थे और इसीकारण उन लोगों ने गुंटूर में 1952 में अपने मुख्यालय बना लिए। इसके बाद, निजामों और हैदर अली ने यहां शासन किया। 1788 में अंग्रेजों ने इस इलाके पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया।
यहां 1890 में रेलवे ट्रैक बिछाया गया। इसे कृषि केंद्र के रूप में विकसित किया गया। इस क्षेत्र का विकास आजादी के बाद भी होता रहा। बल्कि आज भी इस शहर में कई विकास कार्य चलते रहते है। गुंटूर ने शिक्षा और तकनीकी के क्षेत्र में दक्षिण भारत के कई शहरों को पीछे छोड़ दिया।
गुंटूर कैसे पहुंचे
गुंटूर में कोई एयरपोर्ट नहीं है। यहां का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट विजयवाया में स्थित है जो गुंटूर से 96 किमी. की दूरी पर स्थित है। यहां का सबसे नजदीकी अंर्तराष्ट्रीय हवाई अड्डा, हैदराबाद में स्थित है जो गुंटूर से 250 किमी. की दूरी पर स्थित है। यहां एक रेलवे स्टेशन है जो पूरे राज्य के कई शहरों से भली - भांति जुड़ा हुआ है।
यहां से देश के कई प्रमुख शहरों जैसे - दिल्ली, कोलकाता, मुम्बई, चेन्नई, हैदराबाद और बंगलौर के लिए ट्रेन मिलती है। यह शहर, राज्य के अन्य शहरों से भी जुड़ा हुआ है। एक प्रमुख पर्यटन स्थल होने के कारण, गुंटूर में हर साल भारी संख्या में पर्यटक सैर के लिए आते है।
इसीकारण, गुंटूर के लिए राज्य में कई स्पेशल ट्रेन भी समय - समय पर चलाई जाती है। गुंटूर तक जाने वाली सड़कें भी काफी अच्छी हालत में है। पर्यटक, आसपास के इलाकों से बस या टैक्सी से भी गुंटूर तक पहुंच सकते है। गुंटूर तक के लिए डीलक्स और नॉन डीलक्स बसें चलती है।