हेमिस, जम्मू और कश्मीर में स्थित एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है जो लेह से दक्षिण-पूर्व की ओर 40 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह जगह पर्यटकों के लिए सबसे अच्छा गंतव्य स्थल है जहां वह प्रकृति की गोद में उत्तम समय बिता सकते है। यहां का हेमिस मठ या गोम्पा मठ लोगों के बीच खासा लोकप्रिय है। इस मठ को सबसे पहले 1630 ई. में बनवाया गया था जिसका श्रेय स्टेगसंग रासपा नवांग ग्यात्सों को जाता है। बाद में 1972 ई. में इसकी पुर्नस्थापना भी की गई और यहां एक महायोग तंत्र स्कूल चलाया जाने लगा जिसके आचार्य सेंज नामवार ग्वालवा थे।
क्या है हेमिस के आस पास
हेमिस में मुख्य आकर्षण बुद्ध भगवान की एक मूर्ति है जो तांबें धातु की बनी हुई है। मठ की दीवारें पर बौद्ध धर्म से जुड़ी कई कलाकृतियों को देखा जा सकता है। समय को दर्शाने वाला कालचक्र और चार भागों के भगवान भी मठ में स्थापित हैं। दहाड़ते हुए शेर वाले गुरू के नाम से विख्यात महान गुरू पद्मसभंव के सम्मान में प्रत्येक वर्ष जून या जुलाई के महीने में हजारों श्रद्धालु यहां मनाए जाने वाले वार्षिक उत्सव में भाग लेते है। गुरू पद्मसभंव के बारे में तिब्बत के बौद्ध धर्म में काफी पढ़ने और सुनने को मिलता है।
हेमिस का राष्ट्रीय उद्यान जो सिंधु नदी के तट पर स्थित है वह एक और लोकप्रिय आकर्षण है जिसे हेमिस हाई आल्टीट्यूट राष्ट्रीय पार्क कहा जाता है। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा समीपस्थ संरक्षित क्षेत्र है जो 4400 वर्ग किमी. के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। हेमिस राष्ट्रीय उद्यान, दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा नेशनल पार्क है जहां बर्फ में पाई जाने वाली लिओपार्ड, हिरण, मकाऊ, लाल भेडि़यां, गिद्ध और गोल्डन ईगल जैसे कई जानवर देखने को मिलते हैं।
कैसे पहुंचे हेमिस
हेमिस आने के लिए उत्सुक पर्यटक वायुमार्ग, रेलमार्ग और बस मार्ग में से किसी भी साधन से आ सकते है।
हेमिस का मौसम
यहां आने वालों को मौसम का विशेष ख्याल रखना होगा। हेमिस आने के लिए गर्मियों का मौसम यानि अप्रैल से जून के बीच का समय सबसे बेहतर होगा, सर्दियों में यहां के तापमान के काफी गिरावट आने के कारण घूमना असंभव है। सर्दियों में यहां का तापमान माइनस 30 डिग्री तक हो जाता है।