होगेनक्कल तमिलनाडु के धरमपुरी जि़ले में कावेरी नदी पर स्थित एक छोटा सा गाँव है। इसे यह नाम कन्नड़ शब्दों, ’होगे’ अर्थात् ’धुआं’ और ’कल’ अर्थात् ’चट्टान’ से मिला है और इसलिए इसका नाम ’होगेनक्कल’ अर्थात् ’धुआंदार चट्टान’ है। इस चट्टान पर तेज़ी से पानी के गिरने के कारण धुएं दिखाई देता है। नदी के किनारे पर स्थित यह गाँव व्यस्त महानगर बेंगलुरु से लगभग 150कि.मी. दूर और दो राज्यों तमिलनाडु और कर्नाटक की सीमा पर स्थित है।
घरेलू और विदेशी पर्यटकों के लिए यह एक लोकप्रिय वीकेंड डेस्टिनेशन है। तेज़ बहती कावेरी की आवाज़, नदी से पकड़ी गई ताज़ी मछली जो किसी रसोई में पकाई जा सकती है, स्थानीय जड़ी-बूटियों का उपयोग करके तेल मालिश से कायाकल्प करने वाले एक्सपर्ट, एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को सौंपे जाने वाले स्पेशल तेल और मसाज करने के लिए स्पेशल बिंदु, ये सभी होगेनक्कल की यात्रा को एक मज़ेदार अनुभव बनाते हैं।
पर्यटकों के लिए होगेनक्कल में और भी बहुत कुछ है।
थोड़ा रोमांच पसंद करने वाले लोग झरनों के पास बहने वाली नदी में नैराकी कर सकते हैं। यह उतना आसान नहीं है जितना लगता है, इसलिए एक्सपर्ट तैराकों के साथ ही जाएं। इसके अलावा आप मेलागिरी हिल्स पर ट्रैक के लिए भी जा सकते हैं जो न केवल जंगलों की ताज़ी हवा में एक रोमांचक अनुभव होगा बल्कि आप इस जगह की हरियाली की सुंदरता भी देख सकेंगें। इसी वजह से कई फिल्ममेकर्स रोमांटिक गानों की शूटिंग के लिए होगेनक्कल को चुनते हैं।
होगेनक्कल में और आसपास के पर्यटन स्थान
होगेनक्कल के प्रमुख आकर्षणों में से एक है-कावेरी नदी में हरिगोल (कोरेकल्स) नाव की सवारी। कोरेकल्स एक विशेष प्रकार की गोल टोकरीनुमा नाव होेती है जो प्लास्टिक शीट से ढकी होती हैं ताकि नीचे से पानी न आ सके।
बोटमैन से डील करके आप कावेरी नदी में राइड का मज़ा ले सकते हैं। हालांकि यह छोटी लगती है लेकिन एक बोट में 8 लोग सवारी कर सकते हैं। भोजन और स्थानीय मालिश करने वाले जिन्हें मालिश-करन भी कहते हैं, उनके द्वारा किए जाने वाले स्पा ट्रीटमेंट के अलावा स्थानीय बच्चों द्वारा 30फीट की ऊँचाई से नदी में डाइविंग कौशल दिखाना होगेनक्कल का अन्य प्रमुख आकर्षण है। ये बच्चे आमतौर पर प्रत्येक डाइव के लिए 5रूपए लेते हैं।
कैसे पहुँचे होगेनक्कल
इस जगह की कनेक्टिविटी अच्छी है।
होगेनक्कल आने के लिए सबसे अच्छा समय
लगभग पूरा साल होगेनक्कल का मौसम सुहावना रहता है। हालांकि, मानसून के दौरान नदी में बाढ़ की स्थिति होती है जिससे यहाँ की यात्रा करने के लिए यह मौसम उचित बन जाता है।