हुगली या जो हुगली-चुचुरा के नाम से भी जाना जाता है, भारत में उन कुछ स्थानों में से एक है, जहां पुर्तगाली, डच और ब्रिटिश जैसी कई सभ्यताओं के संस्कृति आधारित अवशेष के प्रभाव परिलक्षित होते हैं। मुगल साम्राज्य,जिसके निशान अभी भी हुगली में देखे जा सकते हैं, के बाद ब्रिटिश साम्राज्य नें भारत में कोलकाता, हल्दिया और हुगली जैसे स्थानों पर अपनी जड़ें फैलाना शुरू कर दिया।
हुगली नदी
हुगली आज एक समृद्ध नदी बंदरगाह है तथा कोलकाता, जो राज्य की राजधानी है, से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नदी नौका सेवा के द्वारा हुगली से उत्तरी 24 परगना काफी सुलभ है। वास्तव में, हुगली नदी पूर्ण रूप से भागीरथी के तट पर स्थित है। हुगली को केवल हुगली नदी के रूप में भी जाना जाता है।
हुगली तथा इसके आसपास के पर्यटक स्थल
इन वर्षों में हुगली कोलकाता का एक विस्तारित उपनगर बन गया है। यह अच्छी एकदिनी यात्रा सिद्ध होता है,खासकर उसके लिए जो कोलकाता आया हुआ हो। कोलकाता के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से अधिकांश स्थल हुगली से उसी दिन जाकर लौटने वाली दूरी के भीतर हैं। कुछ उल्लेखनीय स्थानीय स्थलों में से कुछ जैसे कि बंदेल चर्च और हुगली इमामबाड़ा हैं।
हुगली का आधुनिकीकरण
हुगली के स्थानीय लोगों की शैली महानगरीय है तथा वे काफी आधुनिक हैं। चिनसूरा एन.एस. रोड एक ऐसी जगह है, जहां आपकी इच्छाओं को पूरा करने वाले सभी प्रकार के नवीनतम फैशन के ब्रांड्स, तकनीकी तथा भूख को मिटाने के लिए रेस्तरां मिल जाएंगे। हुगली में स्थानीय बंगाली व्यंजनों में विशेष रूप से स्वादिष्ट समुद्री भोजन को कोई भी नहीं छोड़ना चाहेगा।
हुगली में समारोह
हुगली में लोग बहुत धूमधाम और उत्साह के साथ त्यौहार मनाते हैं। यहाँ मनाये जाने वाले प्रमुख त्यौहारों में, दुर्गा पूजा, काली पूजा, दशहरा तथा दीवाली शामिल हैं। इन त्यौहारों के दौरान पूरा शहर सजाया जाता है तथा रंग बेहद प्रेरणादायक होते हैं।