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आभानेरी फेस्टिवल 2018 : इसलिए खास माना जाता है राजस्थान का यह त्योहार

आभानेरी फेस्टिवल 2018, समय और कार्यक्रम । Abhaneri festival 2018

कला लोक-संस्कृति के आधार पर भारत का राजस्थान एक समृद्ध राज्य है। यहां की रंग-बिरंगी और प्राचीन संस्कृति को देखने के लिए सालभर पर्यटकों का आगमन लगा रहता है। राजस्थान अपने गौरवशाली इतिहास और प्राचीन संरचनाओं के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है, इसलिए यह राज्य सबसे अनोखा और अविश्वसनीय माना जाता है। आप यहां राजा-महाराजों के काल के किले-महल, हवेलियां, बावड़ियां और अन्य संरचनाएं देख सकते हैं। खासकर इतिहास और कला प्रेमियों के लिए यह राज्य किसी बड़े खजाने से कम नहीं। यहां के वन्यजीव अभयारण्य, संग्रहालय, झील, पहाड़ियां आदि भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं।
वैसे अगर आप राजस्थान की संस्कृति के खूबसूरत रंगों को और भी उज्जवल और करीब से देखना चाहते हैं, तो यहां के त्योहारों के समय का प्लान बनाएं। बता दें कि 10 सिंतबर से राजस्थान के दौसा में अभानेरी फेस्टिवल शुरु होने जा रहा है। चार दिन तक चलने वाले इस त्योहार में कई खास आयोजन किए जाएंगे, जिसमें शाामिल होकर आप अपने आनंद को दुगना कर सकते हैं। आइए जानते है, पर्यटन के लिहाज से आभानेरी फेस्टिवल आपके लिए कितना खास है।

आभानेरी के बारे में

आभानेरी के बारे में

आभानेरी राजस्थान के दौसा जिले का एक प्राचीन गांव है, जो 9वीं शताब्दी से संबंध रखता है। यह गांव अपनी प्राचीन धरोहरों के लिए जाना जाता है। कला-संस्कृति और शिल्पकला के लिए गांव विश्व भर में जाना जाता है। इस गांव का मुख्य आकर्षण चांद बावड़ी (स्टेप वेल) और हर्षत माता मंदिर है, जिन्हें देखने के लिए विश्व भर से पर्यटकों का आगमन होता है। इस गांव के नाम पर आधारित है आभानेरी फेस्टिवल, जो 10 सितंबर से शुरु होकर 13 सिंतबर तक मनाया जाएगा।

आभानेरी महोत्सव : क्या है खास ?

आभानेरी महोत्सव : क्या है खास ?

PC- Sahil

यह एक वार्षिक त्योहार है, जो राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित किया जाता है। इस त्योहार का मुख्य उद्देश्य अभानेरी की कला-संस्कृति और प्राचीन धरोहरों को प्रोत्साहन देना है। चार दिन तक चलने वाले इस महोत्सव में कई तरह की पारंपरिक रंगारंग प्रस्तृतियां दी जाएंगी। जिसमें सांस्कृतिक संध्या, नुक्कड़ नाटक, पद दंगल, ऊंटी की सवारी पर गांव भ्रमण, मयूर डांस, चकरी नृत्य, घूमर, कलबेलिया, , भवाई नृत्य, कच्ची घोड़ी जैसे नृत्यों का समावेश होगा।

इस त्योहार में शामिल होकर पर्यटक चांद बावड़ी की सैर और गांव सफारी का आनंद भी ले पाएंगे। इस त्योहार में आर्ट एंड क्रॉफ्ट की प्रदर्शनी भी लगेगी, जिसमें राज्य का कई कलाकार हिस्सा लेंगे।

चांद बावड़ी जरूर देखें

चांद बावड़ी जरूर देखें

PC- Arpita Roy08

आभानेरी गांव अपनी प्राचीन चांद बावड़ी के लिए ज्याद प्रसिद्ध है, यह एक सीढ़ीदार कुंआ है, जिसका इस्तेमाल जलापूर्ति के लिए किया जाता था। ऐसी स्टेप वेल आपको राजस्थान में कई सारी दिख जाएंगी, लेकिन कुछ बावड़ियों को कला और वास्तुकला के आधार पर खास माना जाता है, चांद बावड़ी उन्हीं में से एक है, जो अपने विशाल आकार औऱ कलाकृतियों के लिए प्रसिद्ध है। इतिहास पर गौर करें तो पता चलता है कि इस सीढ़ीदार कुएं का निर्माण 9वीं शताब्दी के दौरान किया गया था। इसमें 3500 सीढ़िया हैं।

हर्षत माता मंदिर

हर्षत माता मंदिर

PC- Daniel VILLAFRUELA

चांद बावड़ी के अलावा यहां स्थित हर्षत माता का मंदिर भी आभानेरी के मुख्य आकर्षणों में गिना जाता है। यह प्राचीन मंदिर चांद बावड़ी के ठीक पास में स्थित है। यह मंदिर माता हर्षत को समर्पित है, जो हर्ष और उल्लास की देवी मानी जाती हैं। इस मंदिर के दर्शन के लिए दूर-दूर से पर्यटकों का आगमन होता है। देवी के सम्मान में यहां एक वार्षिक मेले का भी आयोजन किया जाता है। चूकि यह एक प्राचीन मंदिर है, इसलिए यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अंतर्गत स्थिति है।

कैसे करें प्रवेश

कैसे करें प्रवेश

आभानेरी, जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर दौसा से 35 कि.मी की दूरी है, जहां आप परिवहन के तीनों साधनों का इस्तेमाल कर पहुंच सकते हैं। यहां का नजदीकी हवाईअड्डा जयपुर एयरपोर्ट है, रेल मार्ग के लिए आप दौसा रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं। अगर आप चाहें तो यहां सड़क मार्गों के द्वारा भी पहुंच सकते हैं। बेहतर सड़क मार्गों से आभानेरी राज्य के बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

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