आज से लगभग तीन दशक पहले 1985 में बनी फिल्म 'राम तेरी गंगा मैली' का जिक्र आते ही मस्तिष्क सीधा खूबसूरत वादियों की ओर चला जाता है। राज कपूर द्वारा निर्देशित यह फिल्म उस दौर की सबसे सुपरहिट फिल्मों में से एक मानी जाती है। जिसके अधिकांश दृश्यों को 'उत्तराखंड' में शूट किया गया था। वैसे देखा जाए तो पर्यटन के क्षेत्र में भारतीय सिनेमा की अहम भूमिका रही है।
फिल्म जगत भारत की खूबसूरती का बड़े स्तर पर प्रचार-प्रसार करते आ रहा है। 'नेटिव प्लानेट' के इस खास खंड में आज हम बात करेंगे फिल्म 'राम तेरी गंगा मैली' के उस खूबसूरत फिल्म लोकेशन के बारे में जिसकी खूबसूरती ने इस फिल्म को एक नया आयाम दिया। जिसका जादू आज भी बरकरार है।
उत्तराखंड का खूबसूरत कोना
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फिल्म राम तेरी गंगा मैली के उस खूबसूरत लोकेशन का नाम है हरसिल, जो उत्तराखंड, गढ़वाल के उत्तरकाशी जिले में स्थित एक पहाड़ी गांव है। जो भागीरथी नदी के किनारे बसा है। यह पूरा क्षेत्र मनमोहक आबोहवा के लिए जाना जाता है। चारों तरफ हरिलाली ही हरियाली और बहती गंगा इस स्थान को जन्नत का रूप प्रदान करती है।
यहां से लगभग 30 किमी की दूरी पर 'गंगोत्री राष्ट्रीय उद्यान' है। जो अपने शंकुधारी वनो और घास के मैदानों के लिए प्रसिद्ध है। पहाड़ी वन्य जीवन करीब से देखने के लिए यह एक आदर्श विकल्प माना जाता है।
दुर्गम पर्वतों के बीच जन्नत का एहसास
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वैसे देखा जाए तो गढ़वाल के अधिकांश खूबसूरत स्थलों तक पहुंचने के लिए दुर्गम रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है। इसी वजह से ज्यादातर प्रकृति प्रेमी इन स्थानों तक पहुंच नहीं पाते। लेकिन यहां कुछ ऐसे भी स्थल मौजूद हैं जहां प्राकृतिक विषमताएं बाधा नहीं बनती। ऐसा ही खूबसूरत स्थल है 'हरसिल'।
यहां सैलानी आसानी से पहुंच सकते हैं, और प्राकृतिक खूबसूरती का जी भर कर आनंद उठा सकते हैं। उत्तरकाशी स्थित हरसिल सघन हरियाली से भरा हुआ है। जहां आप मनमोहक दृश्यों के साथ एडवेंचर का भी मजा ले सकते हैं।
जो बनाते हैं हरसिल को खास
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हरसिल की प्राकृतिक खूबसूरती का कोई मोल नहीं। यहां बहने वाली भागीरथी का शांत और अस्थिर प्रवाह यहां का मुख्य आकर्षण है। हरसिल घाटी खूबसूरत प्राकृतिक नदी-नालों व जल प्रपातों से भरी है। चारों तरफ दिखाई देते देवदार के वन इस जगह को एक मनमोहक रूप प्रदान करते हैं।
यहां आपको चारो-तरफ वृक्ष ही वृक्ष नजर आएंगे। देखा जाए तो जिंदगी का मजा प्रकृति से निकटता में ही है। यहां आप कुछ ऐसा ही अनुभव करेंगे। हरे-भरे वृक्षों के सहारे हिमालय की बर्फीली चोटियों को देखना अपने आप में ही काफी रोमांच भरा है।इस स्थान से जुड़ा है भगवान कृष्ण की मृत्यु का बड़ा राज
यहां से अन्य स्थलों की सैर
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ऋषिकेश से गंगोत्री जाने वाले अधिकांश ट्रैवलर्स हरसिल में रूकना ज्यादा पसंद करते हैं। यहां आप गौमुख से निकलती भागीरथी नदी के अद्भुत दुश्यों को देख सकते हैं। इसके अलावा आप यहां से डोडीताल का सफर कर सकते हैं, जो कुछ ही दूरी पर स्थित है। डोडीताल अपनी रंगीन मछलियों के लिए जाना जाता है।रहस्य : कहीं भूत मारते हैं तमाचा तो कहीं अपने आप पहाड़ चढ़ती हैं गाड़ियां
इसके अलावा आप यहां बगोरी, मुखबा, पुराली, घराली आदि गांवों का भ्रमण कर सकते हैं जो अपने अंदर इतिहास के कई पन्ने समेटे हुए हैं। आप से यहां 7 किमी की दूरी पर स्थित सात तालों की सैर कर सकते हैं। जो सातताल के नाम से ही जाने जाते हैं। यहां आप थोड़ी दूर रूककर प्रकृति की अनमोल खूबसूरती का आनंद उठा सकते हैं।
फिल्म में शामिल करने की वजह
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कहा जाता है जिसके बाद उन्होंने हरसिल की खूबसूरती से मन्त्रमुग्ध होकर इसे राम तेरी गंगा मैली में शामिल किया। फिल्म राम तेरी गंगा मैली में हरसिल के कई खूबसूरत दूश्यों को फिल्माया गया है, जिनकी खूबसूरती देखने ही बनती है। यहां के एक झरने का नाम फिल्म की अदाकार मन्दाकिनी के नाम पर रखा गया है, जहां मन्दाकिनी का नहाते हुए दृश्य शूट किया गया था।
हरसिल आने का सही समय
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कैसे करे प्रवेश
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हरसिल पहुंचने के लिए आपको ज्यादा मशक्कत करने की जरूरत नहीं। रेल या हवाई मार्ग के द्वारा पहले आपको ऋषिकेश उतरना होगा। ऋषिकेश रेल मार्ग के द्वारा भारत के बडे़ शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
हवाई मार्ग के लिए देहरादून स्थित जौलीग्रांट हवाई अड्डे का सहारा ले सकते हैं। ऋषिकेश पहुंचने के बाद आप हरसिल के लिए अपनी यात्रा सड़क मार्गों के द्वारा कर सकते हैं।