पूरे देश में कैप्टेन कूल, क्रिकेट के जाने माने हस्ती व कई दिलों की धड़कन, महेन्द्र सिंह धोनी की धूम कई सालों पहले ही मच गई थी जब उन्होंने हेलीकॉप्टर शॉट की खोज की और देश के कैप्टेन कूल के रूप में उभरे। आज फिर से पूरे देश में उनकी धूम मची हुई है, उनकी हालिया रिलीज़ हुई फ़िल्म, 'एम.एस. धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी' की वजह से। जहाँ पूरे देश और दुनिया के कई हिस्सों के लोग उनकी इस फ़िल्म के ज़रिये उनके जीवन के बारे में जाने को उत्सुकता से इस फिल्म को देखने जा रहे हैं, चलिए उसी उत्सुकता के साथ हम आपको धोनी से जुड़े उन जगहों की सैर पर ले जाते हैं, जहाँ की भूमि और प्यार उनके मन में सदा समाये हुए हैं।
ये वही जगह हैं, जहाँ से उन्होंने अपने सफलता की सीढियाँ चढ़नी शुरू की थीं। तो चलिए चलते हैं कैप्टेन कूल से जुड़े यादों को समेटने उनके ही क्षेत्रों में।
राँची
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राँची
झारखण्ड की राजधानी राँची को धोनी से काफ़ी पहचान मिली है। और मिले भी क्यूँ ना, आखिर कैप्टेन कूल यहीं पले-बढ़े हुए हैं। यही वह जगह है, जहाँ इस महान खिलाड़ी का उदय हुआ।
क्रिकेट में धोनी के जलवों के बाद राँची शहर भी लोगों के सामने तेज़ी से उभरा है। प्रकृति के बीचो-बीच शांत राँची में और इसके आस-पास ऐसी कई जगह हैं, जहाँ की खूबसूरती आज भी लोगों से अनजान व अछूती हैं। किसी ज़माने में जब झारखण्ड बिहार का ही भाग था,राँची बिहार का हिल स्टेशन कहलाता था, जो अब धोनी के शहर के नाम से जाना जाता है। वैसे क्या आपको पता है, राँची जलप्रपातों का भी शहर कहलाता है? जी हाँ, अपने प्राकृतिक पर्यावरण में कई प्राकृतिक जल प्रपातों को समेटे हुए राँची जलप्रपातों का भी शहर कहलाता है। दसम फॉल, हिरनी फाल्स, हुंडरू फाल्स, आदि जैसे प्राकृतिक जलप्रपात इस शहर के प्रमुख आकर्षक केंद्रों में से एक हैं।
देवड़ी मंदिर
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यही वह खूबसूरत शहर है जो देश के कैप्टेन कूल की जन्मभूमि और कर्मभूमि दोनों ही है। आज भी धोनी का परिवार इस शहर में निवास करता है।
धोनी का सबसे पसंदीदा मंदिर
राँची से कुछ दूरी पर ही स्थित है धोनी का पसंदीदा मंदिर, देवड़ी मंदिर। यह मंदिर देवी की पूजा के लिए उनका सबसे मनपसंद मंदिर है। इस मंदिर में माँ दुर्गा की पूजा की जाती है। यहाँ माँ दुर्गा का सोलह भुजा रूप स्थापित है और यह झारखण्ड के सबसे पुराने दुर्गा मंदिरों में से एक है।
दसम फॉल
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रांची से लगभग 60 किलोमीटर दूर तमाड़ में स्थित यह भव्य मंदिर झारखण्ड के नैशनल हाईवे 33 में पड़ता है। कैप्टेन कूल जब भी अपने घर को आते हैं वे कभी भी इस मंदिर में माँ दुर्गा के दर्शन करना नहीं भूलते हैं।
देवड़ी मंदिर के पास ही स्थित अन्य पर्यटक स्थल
झारखण्ड के सबसे प्रसिद्द पर्यटक स्थलों में से एक दसम फॉल, देवड़ी मंदिर से लगभग 40 किलोमीटर की ही दूरी पर स्थित है। दसम फॉल की मुख्य सहायक नदी है कांची नदी, जो इसे पर्यटकों के बीच आकर्षण का प्रमुख केंद्र बनाती है।
जयदा मंदिर
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जयदा मंदिर
देवड़ी मंदिर से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जयदा मंदिर, भगवान शिव जी को समर्पित है। स्वर्णरेखा नदी के किनारे, पहाड़ी पर स्थित यह मंदिर झारखण्ड के प्रमुख पिकनिक स्थलों में से भी एक है। मकर संक्रांति त्यौहार के पावन अवसर पर इस मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है। यहाँ खूब बड़ा मेला लगता है, जिसमें शामिल होने झारखण्ड के पडोसी राज्यों ओडिशा, पश्चिम बंगाल आदि से भी पर्यटक मेले का मज़ा लेने आते हैं।
अल्मोड़ा
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धोनी का पैतृक स्थल: लावली
उत्तराखंड के अल्मोड़ा का छोटा सा गाँव लावली, धोनी का पैतृक स्थल है। पहले इनके पिताजी इसी गाँव में निवास करते थे, तबादले के बाद वे अपने परिवार सहित राँची को शिफ्ट हो गए। लावली अल्मोड़ा जिले में कुमाऊं की पहाड़ियों पर स्थित है। जितना ही यह सुनने में मज़ेदार लगता है, उतनी ही मज़ेदार बात यह है कि धोनी के कई प्रशंसक, उनके इस पैतृक स्थल के बारे में पता करने के बाद इस जगह पर यात्रा के लिए गए हैं।
हिमालय पर्वत की तलहटी पर बसा यह गाँव,अल्मोड़ा का मंत्रमुग्ध कर देने वाला आकर्षण है। प्रकृति के इस मनोरम उपहार में धार्मिक स्थलों के साथ पर्यटकों के लिए कई आकर्षण के केंद्र जुड़े हुए हैं।
[भारत के स्विट्ज़रलैंड,अल्मोड़ा की खूबसूरत सैर!]
बोधगया
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कैप्टेन कूल से जुड़े प्रसिद्द स्थलों की सैर करते हुए चलिए चलते है, बिहार की ओर!
बिहार
स्कूल के दिनों में धोनी क्रिकेट से ज़्यादा फुटबॉल में रूचि रखते थे। पर किसी तरह उन्होंने क्रिकेट के खेल में भी अपनी मुख्य जगह बनाई और बिहार रणजी टीम से अपनी शुरुआत की। इसी टीम में शामिल होने के बाद उन्हें अंडर 19 टीम में भी जगह मिल गई। राजनितिक रूप से भी प्रसिद्द बिहार, बौद्ध धर्म का प्रमुख केंद्र है। भूतपूर्व में मगध(मौर्य साम्राज्य) नाम से जाना जाने वाला प्रदेश और कोई नहीं, बिहार है। आज यह कई ऐतिहासिक विरासतों और धार्मिक स्थलों को अपने में समेटे हुए भारत का एक ऐतिहासिक क्षेत्र है। बोधगया, जहाँ भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी, आज बिहार का सबसे प्रसिद्द व धार्मिक स्थल कहलाता है।
खड़गपुर रेलवे स्टेशन
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खड़गपुर
जब कैप्टेन कूल डोमेस्टिक क्रिकेट ही खेल रहे थे, तब वे खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर टी.टी.ई के पद पर कार्यरत थे। खड़गपुर पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर जिले में स्थित शहर है, जो भारत के सबसे लंबे रेलवे प्लेटफार्म के लिए प्रसिद्द है। झाड़ग्राम महल, चिल्कीगढ़, गोपीगढ़ हेरिटेज पार्क, और विष्णु मंदिर खड़गपुर के प्रमुख पर्यटक स्थल हैं।
देहरादून
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धोनी की विवाहस्थली: देहरादून
यूथ आइकॉन कैप्टेन कूल देश की लाखों लड़कियों के दिलों की धड़कन भी हैं। जब वे अपने सफलता के शिखर पर थे तब उन्होंने अपनी बचपन की दोस्त साक्षी सिंह रावत से साल 2010 में एक निजी समोराह में विवाह किया। साक्षी सिंह रावत मुख्यतः देहरादून से हैं। विवाह समारोह देहरादून के विश्रांति रिसॉर्ट में संपन्न हुआ।
विश्रांति रिसॉर्ट
विश्रांति रिसॉर्ट, दून घाटी के प्रकृति के मध्य में स्थित एक खूबसूरत जंगल रिसॉर्ट है। यह एक आलीशान, सारे सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण लक्ज़री रिसॉर्ट है, जो आपको एक सुखद व यादगार अनुभव प्रदान करेगा। पहाड़ियों के खूबसूरत परिदृश्य को पेश करते हुए होटल की एग्ज़ॉटिक इंटीरियर डिज़ाइन वाले बड़े-बड़े कमरे,कॉटेज एक सुखद और राजसी अनुभव का एहसास कराते हैं।
विश्रांति रिसॉर्ट
Image Courtesy: Official Website
आज कैप्टेन कूल को चाहने वाले करोड़ों प्रशंसक पूरी देश दुनिया में फैले हुए हैं जिनके खेल और खेल योजना की तारीफ करते लोग नहीं थकते। हाल ही में रिलीज़ हुई उनकी जीवनकथा उनके मुश्किल, सुखद व सफल जीवन अनुभव का एहसास लोगों को करा रही है। इसी खास मौके पर धोनी से जुड़े इन प्रमुख और खूबसूरत क्षेत्रों की यात्रा भी आपको कैप्टेन कूल के जीवन के और करीब ले जाएगी और यह आपके सबसे सुखद और यादगार अनुभवों में से एक होगा।
अपने महत्वपूर्ण सुझाव व अनुभव नीचे व्यक्त करें।
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