हरियाणा में स्थित पंचकुला दिल्ली वालो के लिए एकदम परफेक्ट वीकेंड गेटवे है। पंचकूला भारत के योजनाबद्ध शहरों में से एक और चंडीगढ़ का सैटेलाइट शहर है। पंचकूला जि़ले के पाँच जनगणना शहरों में से एक पंचकूला की सीमा पंजाब में मोहाली शहर से मिलती है। भारतीय सेना का सम्मानित मुख्यालय, चंडीमंदिर छावनी पंचकूला में ही स्थित है।
पंचकूला का नाम पाँच सिंचाई नहरों से निकला है जिन्हें स्थानीय रूप से कुल कहा जाता है। ये नहरें घग्गर नदी से पानी लेती हैं जो आसपास के क्षेत्रों जैसे नाडा साहिब और मनसा देवी में बाँटा जाता है। ये नहरें स्थानीय लोगों के लिए बहुत
अधिक उपयोगी हैं और ग्रामीण लोग इनकी देखरेख करते हैं।
इसके पूर्व और उत्तर में हिमाचल प्रदेश है जबकि पश्चिम में पंजाब और दक्षिण में चंडीगढ़ है। पंचकूला में बहने वाली घग्गर नदी बारहमासी है, हालांकि, मानसून में इसमें पानी का अभाव रहता है।
पंचकुला कैसे पहुंचे
पंचकूला का निकटतम एयरपोर्ट चंडीगढ़ में है, जो पंचकूला से मात्र 8.5 किलोमीटर की दूरी पर है। चण्ड़ीगढ़ रेलवे स्टेशन पंचकूला का नजदीकी रेलवे स्टेशन है तथा कालका, अम्बाला, चण्ड़ीगढ़ के शहरों के माध्यम से भी पंचकूला
पहुंच सकते हैं। आइये जानते है पंचकुला की मुख्य शहरो से दूरी
दिल्ली-239 4 घंटे
गुडगांव-308 5 घंटे
नॉएडा 272 साढ़े तीन घंटे
चण्डीगढ़ 11- आधा घंटा
कैक्टस गार्डन (काँटों का बगीचा)
पंचकूला में स्थित कैक्टस गार्डन एशिया का सबसे बड़ा गार्डन है जिसमें कैक्टस की दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों का विशाल संग्रह है। समान विकास और पीढ़ी से संबंधित कैकटस यहाँ रखे हुए हैं। ओपनशिया, फेरोकैक्टस, एगेव्स, स्तंभाकार कैक्टस, एकिनोसेरेस और मेमिलेरिया आदि कैक्टस की कुछ प्रजातियाँ इस बगीचे में देखी जा सकती हैं। बता दें,हर साल मार्च के महीने में कैक्टस शो आयोजित किया जाता है। इस समय देशभर से पर्यटक यहाँ आते हैं। इस बगीचे में नौ काँच के घर मौजूद हैं। यहाँ पौधें बेचे भी जाते हैं।
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नाडा साहिब गुरुद्वारा
नाडा साहिब गुरुद्वारा घग्गर नदी के पास और शिवालिक पहाड़ी की निचली पहाड़ी पर स्थित है। पौराणिक कथा के अनुसार यह माना जाता है कि युद्ध के पश्चात गुरु गोबिंद सिंह जी ने इस जगह पर रुकने का फैसला किया था। इस जगह पर नाडू शाह द्वारा गुरु गोबिंद सिंह का गर्मजोशी से स्वागत किया गया नाडू की मेहमान नवाजी से गुरु गोबिंद सिंह जी बहुत प्रसन्न हुए तथा उन्होंने इस स्थल को नाडू के नाम से संबोधित किया जिसे नाडा साहिब गुरुद्वारा कहा गया।
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मनसा देवी मंदिर
मनसा देवी मंदिर बिलासपुर गांव से तीन किलोमीटर मणि माजरा में स्थित है। यह मंदिर माता शक्ति को समर्पित किया गया है। 200 साल पुराने इस मंदिर को महाराज गोल सिंह द्वारा बनवाया गया था। इस मंदिर में नवरात्रों के दौरान मेले का आयोजन किया जाता है। करीब 100 एकड़ से अधिक के क्षेत्रफल का यह मंदिर शिवालिक पहाड़ियों की निचली पहाड़ी पर बना हुआ है। इस मंदिर में होने वाले मेले में हर साल श्रद्धालु भारी संख्या में आते हैं।
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मोरनी हिल
पिंजौर घाटी की पहाडियों के पीछे, चंडीगढ़ से 45 किलो मीटर की दूरी पर लगभग 3900 फीट की ऊंचाई पर मोरनी हिल का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है। इस पहाड़ी के ऊपरी हिसरे पर पाइन वृक्षों का एक गुच्छा है जिससे यह पहाड़ी हरी और नीली दिखाई देती है। मोरनी हिल्स में जंतुओं और वनस्पति का अद्भुत संयोजन दिखाई देता है। मोरनी हिल्स वन्य जीवन को देखने के शौकीन लोगों के लिए एक स्वर्ग है तथा पक्षियों के पसंद करने वाले लोगों के लिए भी यहां क्वेल, पेट्रीज़, सेंड ग्राउस और सामान्य रूप से दिखाई देने वाले डव के साथ भेडिए, खरगोश, हाइना, नील गाय, सांभर और कभी कभार चीता भी दिखाई दे सकता है।
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पिंजौर गार्डन
अगर आप भी मखमली घास और रंग-बिरंगे फूलों के शौक़ीन हैं तो यहाँ ज़रूर आइये क्यूंकि यहाँ का खुशनुमा वातावरण आपको बेहद भायेगा। जिसे आप पूरी ज़िन्दगी भूल नहीं पाएंगे। यहाँ के प्रमुख आकर्षण यहाँ बने शीश महल, रंग महल और जल महल हैं। यहाँ की सुंदरता देख पर्यटक मंत्रमुग्ध हो उठते हैं।
Image Courtesy:Aleksandr Zykov
रामगढ़ का किला
रामगढ़ के किले पर करीबन 360 साल पहले चंदेल शासकों का शासन था।
पंचकुला जाने का उचित समय
पंचकुला जाने का उचित समय मध्य अगस्त से नवंबर तक का माना जाता है क्योंकि उस समय ना अधिक सर्दी होती है और ना ही अधिक गर्मी।
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