भले ही इंसान मंहगी वस्तुओं से अपनी खुशियों को पूरा करने की कितनी भी कोशिश करे, लेकिन जब बात आत्मिक और मानसिक शांति की आती है, तो उसे प्रकृति की तरफ रूख करना ही पड़ता है। भारत का उत्तरी राज्य उत्तराखंड कुछ ऐसा ही स्थल है, जो अपनी तरोताजा कर देने वाली आबोहवा और अद्भुत भौगोलिक विविधताओंके लिए जाना जाता है।
प्रकृति के खूबसूरत नजारे यहां करीब से देखे जा सकते हैं। अगर आप इस दौरान रोमांचक अनुभव लेने के लिए किसी पहाड़ी स्थल की खोज मे हैं, तो उत्तराखंड के चोपता आ सकते हैं। एक प्रकृति प्रेमी से लेकर रोमांच के शौकीनों के लिए यहां बहुत कुछ उपलब्ध है। चोपता, पहाड़ी जंगलों से घिरा केदारनाथ वन्यजीव अभयारण्य का एक हिस्सा है, जो विश्व भर के ट्रेकर्स के मध्य काफी ज्यादा लोकप्रिय है।
यहां से आप नंदा देवी, त्रिशूल और चौखंबा चोटियों को आसानी से देख सकते हैं। खासकर यहां ट्रैवलर, ट्रेकिंग के लिए ज्यादा आते हैं। इस लेख में माध्यम से जानिए अपने विभिन्न पर्यटन आकर्षणों के साथ यह पहाड़ी स्थल आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है।
तुंगनाथ
चोपता भ्रमण की शुरुआत आप चंद्रनाथ पर्वत पर स्थित प्रसिद्ध तुंगनाथ मंदिर से कर सकते हैं। अद्भुत वास्तुकला के साथ बनाया गया यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जो 1000 साल से भी पुराना बताया जाता है। भगवान शिव के साथ आप यहां माता पार्वती और अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं देख सकते हैं।
तुंगनाथ की गितनी भारत के प्रसिद्ध पंच केदार में होती है, जहां दर्शन के लिए विश्व भर से पर्यटकों का आगमन होता है। चोपता की यात्रा को थोड़ा धार्मिक मोड़ देने के लिए आप यहां दर्शन के लिए आ सकते हैं।
चंद्रशिला ट्रेक
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चोपता प्राकृतिक और धार्मिकता से अलग रोमांच के लिए भी जाना जाता है। यहां पास में स्थित चंद्रनाथ पर्वत, अपने रोमांचक ट्रेकिंग रूट के लिए जाना जाता है। देशभर से ट्रैवलर यहां इस एडवेंचर का अनुभव लेने के लिए आते हैं। चंद्रशिला समुद्र तल से 13,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां से आप ग्रेट हिमालय के शानदार दृश्यों का आनंद जी भरकर उठा सकते हैं।
चंद्रशिला का ट्रेक लगभग 1.5 कि.मी का है, जो तुंगनाथ मंदिर से शुरु होता है। चंद्रशिला का बेस कैंप चोपता में है। एक राज्य का एक प्रसिद्ध एडवेंचर प्वाइंट है, जहां आप साल के किसी भी महीने आ सकते हैं।
देवरिया ताल
चोपता के पास आप शानदार झीलों की सैर का प्लान भी बना सकते हैं। आप यहां से देवरिया ताल की ओर रूख कर सकते हैं। समुद्र तल से 2438 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह झील अपनी प्राकृतिक सौंदर्यता के बल पर सैलानियों को आकर्षित करती है। इसका साफ पानी और यहां से दिखते चौखंभा चोटी के शानदार दृश्य सैलानियों को काफी ज्यादा रोमांचित करते हैं।
यह झील खूबसूरत प्राकृतिक नजारों से घिरी हुई है, जहां आप थोड़ी देर बैठकर आत्मिक और मानसिक शांति का अनोखा अनुभव कर सकते हैं। झील के खूबसूरत नजारों का आनंद उठाने के साथ-साथ आप यहां ट्रेकिंग का अनुभव भी ले सकते हैं। एक शानदार अनुभव के लिए आप यहां आ सकते हैं।
दुग्गल बिट्टा
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आप चोपता के पास दुग्गल बिट्टा स्थल की यात्रा का प्लान बना सकते हैं। दुग्गल बिट्टा एक छोटा हैमलेट है,जो चोपता या चार धाम यात्रा पर निकले यात्रियों के लिए एक हॉल्ट के रूप में काम करता है। लगभग 2600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह स्थल भारी संख्या में ट्रैवलर्स को आकर्षित करता है। दरअसल दुग्गल बिट्टा, केदरानाथ वन्यजीव अभयारण्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
यह स्थल चारों तरफ से प्राकृतिक खूबसूरती से भरा हुआ है, जहां आप एक सुकून भरा समय बिता सकते हैं। यहां से दिखने पहाड़ियों के दृश्य काफी ज्यादा रोमांचित करते हैं। दुग्गल बिट्टा का अर्थ होता है, दो पहाड़ी के मध्य का स्थान।
कालीमठ
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तोपता के आसपास धार्मिक स्थलों की श्रृंखला में आप कालीमठ के दर्शन कर सकते हैं। सरस्वती नदी के तट पर स्थित यह मंदिर रुद्रप्रयाग जिले के प्रसिद्ध मंदिरों में गिना जाता है, जहां रोजाना दूर-दराज से श्रद्धालुओं का आगमन लगा रहता है। लगभग 1800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर भारत में 108 शक्तिपीठों में से एक है। पहाड़ों और प्राकृतिक खूबसूरती से घिरा यह मंदिर मां काली को समर्पित है।
सारी गांव
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उपरोक्त स्थलों के अलावा आप चोपता से सारी गांव की यात्रा क प्लान बना सकते हैं। लगभग 6554 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह गांव उखीमठ के पास स्थित है। प्राकृतिक आकर्षणों से घिरा यह एक शानदार पहाड़ी गंतव्य है, जहां आप एक यादगार समय बिता सकते हैं। यहां से देवरिया झील लगभग 2 कि.मी की दूरी पर रह जाती है।
यहां का सफर बहुत ही शानदार माना जाता है। आप यहां के पहाड़ों के अद्भुत दृश्यों की आनंद ले सकते हैं। एक रिफ्रेशिंग यात्रा के लिए आपको यहां जरूर आना चाहिए।