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रहस्य : यहां गढ़ा है मौत की भविष्यवाणी और मुक्ति कोठरी का बड़ा राज

उत्तराखंड की चुनिंदा प्रेतवाधित जगहें, जहां इंसानों का जाना मना है। Most Haunted places of Uttarakhand, where humans are not allowed to go.

सनातन धर्म के गरूण पुराण के अनुसार जिनका अंतिम संस्कार ठीक प्रकार से नहीं किया जाता, वे आत्माएं प्रेत का रूप धारण कर अपनी मुक्ति के लिए भटकती रहती हैं। इसके अलावा अपूर्ण इच्छाओं और वासनाओं के कारण भी रूह भटकती हैं। वे जगहें जहां ऐसी आत्माएं अपना डेरा डालती हैं वे प्रेतवाधित बन जाती हैं। जहां इंसान अजीबोगरीब घटनाओं का सामना करता है।
ऐसी ही कुछ जगहें उत्तराखंड में मौजूद हैं जहां इंसानों का जाना मना है। रहस्य की पड़ताल में आज हमारे साथ जानिए उत्तराखंड के पैरानॉर्मल साइट्स के बारे में, जिनके बारे में जानकर आपके सच में रोंगटे खड़े हो जाएंगे।

भुतहा सवॉय होटल

भुतहा सवॉय होटल

PC- Nick Kenrick


वर्ष 1902 के दौरान मसूरी में बनाया गया सवॉय होटल भारत के चुनिंदा ऐतिहासिक होटल्स में गिना जाता है। जहां दशकों तक राजा-महाराजा, राजनेता जैसे अभिजात वर्ग आते रहे। यहां तक ​​कि भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू को भी यह जगह काफी पसंद थी।

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जानकारों का मानना है कि लेडी गारनेट की आत्मा यहां भटकती है। होटल के 121 कमरे शाम के बात अजीबोगरीब हरकतों का शिकार हो जाते हैं। शाम के बाद यहां भयानक आवाजे सुनना आम है।

लाम्‍बी देहर खदान

लाम्‍बी देहर खदान

मसूरी के पास लाम्‍बी देहर खदान, एक वीरान जगह है, जिसे राज्य के प्रेतवाधित जगहों में गिना जाता है। यह रहस्यमयी खदान एकसाथ 50 हजार मजूदरों की मौत की गवाह है। 90 के दशक में चुना पत्थर के कारण यहां के मजदूर फेफड़े की बीमारी से ग्रसित हो गए थे, जिसके बाद उन्हें खून की उलटियां हुईं और वे मर गए।
अब यह इलाका जंगल में तब्दील हो चुका है। जहां रात में चीखने-चिल्लाने की आवाजे सुनाई देती हैं। इस वजह से यहां रात में कोई नहीं भटकता है। यहां से गुजरने वाले वाहन अकसर हादसों का शिकार हो जाते हैं।
आखिर क्या है तिलस्मी शक्तियों से भरे इस रहस्यमयी गांव की हकीकत

मुलीलिंगर हवेली

मुलीलिंगर हवेली

1825 के दौरान मसूरी में एक मुलीलिंगर हवेली का निर्माण कैप्टन यंग नाम के एक विदेशी ने करवाया था। जो अंग्रेजों के भारत छोड़े जाने तक यहां रहा। लेकिन यह बात अभी भी एक रहस्य बनी हुई है कि क्या कैप्टन यंग अंग्रेजों के साथ चला गया था या वो आज भी यहीं है ?

स्थानीय निवासियों का मानना है कि कैप्टन की आत्मा आज भी इस हवेली के आसपास भटकती है। यहां अकसर अजीबोगरीब घटनाएं घटती रहती हैं। कहा जाता है जो यह विश्वास नहीं करता कि कैप्टन भारत छोड़कर चला गया है वो यहां हादसे का शिकार हो जाता है।

परी टिब्बा

परी टिब्बा

घने जंगलों के बीच मसूरी के दक्षिण में स्थित परी टिब्बा परियों की पहाड़ी के नाम से जाना जाता है। जिसका कई बार रस्किन बॉन्ड की किंवदंतियों में उल्लेख किया गया है। लेकिन बहुत कम ही लोग इस बात से परिचित हैं कि यह जगह रस्किन बॉण्ड की किस्सों के अलावा पैरानॉर्मल अनुभवों के लिए भी जानी जाती है।

कहा जाता है कि यह जगह रहस्यमय प्रकाश के हमलों का शिकार है। जहां आधे जले पेड़, काले पड़ चुके पत्तों को देखा जा सकता है। स्थानीय निवासियों के अनुसार यहां कोई प्रेमी जोड़ा रहस्यमय प्रकाश का शिकार हो गया था।

जिनकी आत्मा आज भी यहां अपने प्रेम को पूरा करने के लिए भटक रही है। अजीबोगरीब हादसों के लिए कुख्यात यह जगह उत्तराखंड के चुनिंदा प्रेतवाधित जगहों में गिनी जाती है।

मुक्ति कोठरी का बड़ा राज

मुक्ति कोठरी का बड़ा राज

PC- Geetanjali Dhar

उत्तराखंड के चंपावत में स्थित लोहा घाट बंगला, राज्य के चुनिंदा प्रेतवाधित जगहों में गिना जाता है। जहां आय दिन अनहोनियां घटती रहती हैं। यह बंगला कभी अस्पताल हुआ करता था, जहां का एक डॉक्टर मरीजों की मौत की भविष्यवाणी किया करता था। जब भी कोई नया मरीज आता वो डॉक्टर उसकी मौत की तारीख बताता।

कहा जाता है कि अस्पताल में मुक्ति कोठरी नाम का एक कमरा था, जहां मौत से पहले मरीजों को ले जाया जाता था। जिसके बाद मरीजों की मौत हो जाया करती थी। बहुतों का मानना है कि वो डॉक्टर खुद उन मरीजों को मारता था। मुक्ति कोठरी आज तक एक रहस्य ही बनी हुई है।ऐसा मंदिर जो हमेशा के लिए पति-पत्नी को कर देता है अलग

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