क्या कभी मैसूर की यात्रा करते हुए आपने मैसूर की झीलों के बारे में सुना या फिर इन झीलों को घूमने की कोशिश की? क्या आपको पता ही नहीं है मैसूर की झीलों के बारे में? कोई नहीं आज के लेख से हम आपको मैसूर की खूबसूरत झीलों से रूबरू करायेंगे।
कर्नाटक की सांस्कृतिक राजधानी मैसूर सिर्फ अपने शाही इतिहास और वैभव-शाली मन्दिरों के लिए ही नहीं बल्कि अपनी झीलों के लिए भी जानी जाती है। स्थानीय वासी और प्रकृति प्रेमियों के बीच ये झीलें खासा प्रसिद्ध है, हालांकि पर्यटन के हिसाब से अभी ये झीले ज्यादा लोकप्रिय नहीं हैं?
अगर आप भी शहर के शोर से दूर पक्षियों की चहचाहट के बीच अपनी छुट्टियों को बिताना चाहते हैं, तो आपको मैसूर यात्रा के दौरान इन झीलों को अवश्य घूमना चाहिए, इन झीलों की असीम प्रकृति और खूबसूरती को देख यकीनन आप अपनी पूरी थकान को भूल जायेंगे।
तो आइये जानते हैं मैसूर की प्राकृतिक खूबसूरत झीलों के बारे में
करणजी झील
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मैसूर जू के पीछे स्थित करणजी झील मैसूर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में शुमार है, यह झील खूबसूरत नेचर बाग़ से परिपूर्ण है, जिसमें एक बटरफ्लाई पार्क और एक मन मोह लेने वॉक थ्रू एवीएरी है।
इसकी सबसे खास बात यह है कि यह देश का सबसे बड़ा वॉक थ्रू एवीएरी है। करणजी झील का रखरखाव मैसूर जू अथॉरिटी द्वारा किया जात है। यह कुल 90 हेक्टियर में फैला हुआ है और इनमें से 55 हेक्टियर पर झील बना हुआ है। वहीं 35 हेक्टियर में झील का तटवर्ती क्षेत्र है। अगर आप चाहें तो इस झील में बोटिंग का भी आनंद ले सकते हैं।
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झील के अंदर मौजूद पेड़ों पर बसेरा बनाने के लिए बड़ी संख्या प्रवासी पक्षी भी आते हैं। यहां आने वाले पक्षियों में हवासील, सारस, बगुला, टिटिहरी और काले ड्रोंगो आदि शामिल है।
इस झील में प्रवेश के लिए टिकट लेना पड़ता है और यह सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक खुला रहता है। यह झील मैसूर जू के पीछे है और बस के जरिए यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।
कुक्करहल्ली झील
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मैसूर के दिल में स्थित कुक्करहल्ली झील स्थानीय निवासी और पक्षी-प्रकृति प्रेमियों के बीच ख़ासा लोकप्रिय है, जिसे हर साल लाखों की तादाद में लोग घूमने पहुंचते हैं। 150एकड़ में फैली इस झील के आसपास पार्क स्थित है, जहां शाम के समय लोग अपनी थकान मिटाने पहुंचते हैं।
आप इस झील के किनारे कई प्रवासी पक्षियों को भी देख सकते हैं, जैसे पेलिकन, डार्टर, नाइट हेरॉन और पेंट किए गए स्टॉर्क शामिल हैं।
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लिंग्म्बुधी झील
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माना जाता है कि 19वीं सदी के दौरान वोडेयार राजवंश की देखरेख में इस झील का निर्माण किया गया था। यह झील प्रकृति प्रेमी और पक्षी प्रेमियों के बीच खासा लोकप्रिय है।
गर्मियों के मौसम में झील आंशिक रूप से सूख जाती है, लेकिन इसके बावजूद यहां कई प्रवासी पक्षियों की प्रजातियों को निहारा जा सकता है। समृद्ध जैव विविधता का केंद्र होने के नाते, यह पक्षी-प्रेक्षक, प्रकृति प्रेमी और फोटोग्राफर के लिए एक आवश्यक स्थान है।
बोगाधि झील
कुक्करहल्ली झील से लगभग 3 किमी की दूरी पर स्थित बोगाधि झील मैसूर का एक अन्य पर्यटन आकर्षण है। अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं, तो आपको इस झील को एक बार अवश्य घूमना चाहिए। आप झील के किनारे घूमते हुए कई खूबसूरत पक्षियों को भी देख सकते हैं।
हेब्बल झील
बीते समय में हेब्बल झील मैसूर का प्रमुख पानी का स्त्रोत हुआ करती थी, लेकिन धीरे धीरे इस झील का अस्तित्व मिट रहा है।
आज भी यह झील पक्षी प्रेमी और एकांत के आदि लोगों के बीच खासा लोकप्रिय है। उंचे उंचे पेड़ों और मखमली घास से घिरी हुई यह झील, यहां आने वाले पर्यटकों को शांति के पल प्रदान करती है। तो अपनी अगली मैसूर यात्रा पर इस खूबसूरत शहर की इन खास झीलों की सैर करना कतई ना भूलें।