हैदराबाद के बाहरी इलाके में स्थित सुरेन्द्रपुरी एक आकर्षक म्यूजियम है। इसे पौराणिक जागरुकता केन्द्र के रूप में भी जाना जाता है। इस म्यूजियम को भारतीय पौराणिक कथाओं के प्रति जागरुकता और समझ बढ़ाने के लिए बनाया गया था।
इसका नाम कुंडा सत्यनारायण के बेटे...
फलकनुमा महल की डिजाइन एक अंग्रेज वास्तुकार ने तैयार की थी और इसका निर्माण कार्य 1884 में शुरू हुआ था। पहले इस महल का संबंध हैदराबाद के तत्कालीन प्रधानमंत्री विकार उल उमरा से था। बाद में इस महल को निजामों को दे दिया गया। इस महल का नामकरण उर्दू के एक शब्द पर किया...
सिकंदराबाद को हैदरबाद का जुड़वां शहर के रूप में जाना जाता है। इस शहर का नाम सिकंदर जाह के नाम पर पड़ा है। उनका संबंध आसिफ जाही वंश से था और वह हैदराबाद के तीसरे निजाम थे। सिंकदराबाद की स्थापना 1806 में की गई थी और आजादी तक यह मुख्य रूप से ब्रिटिश सेनिकों की छावनी...
हैदराबाद के बाहरी इलाके में बसा शामीरपेट एक उपनगर है जो कि सिकंदराबाद से 20 किमी दूर है। यह जगह बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, पिलानी हैदराबाद, नलसर यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ और जेनोम वेली के लिए जाना जाता है।
प्रसिद्ध शामीरपेट झील भी इसी जिले में...
हैदराबाद आने वाले पर्यटकों की सूचि में निजाम संग्रहालय का नाम जरूर होता है। यह संग्रहालय निजाम के महल का हिस्सा है और यहां पेटिंग, ज्वेलरी, गिफ्ट, हथियार और प्रचीन कार सहित ऐतिहासिक महत्व की कई चीजें रखी गई हैं। यहां प्रदर्शनी के लिए रखी गई ज्यादातर चीजें मूल रूप...
हैदराबाद का स्नो वर्ल्ड देश में अपने तरह का पहला अम्यूजमेंट पार्क था। इसे 2004 की शुरुआत में आम लोगों के लिए खोल दिया गया था। यह एक समय में 2400 लोगों के एक साथ अंदर रहने की व्यवस्था कर सकता है। जैसे कि नाम से ही जाहिर है, आप यहां मानवनिर्मित बर्फ और बर्फबारी का...
हैदराबाद का स्पेनिश मस्जिद अपने तरह का एकमात्र मस्जिद है। स्थानीय लोग इसे एवान-ए-बेगमपेट और मस्जिद इकबाल उद दौला भी कहते हैं। एक बार पैगाह नवाब इकबाल उद दौला स्पेन यात्रा पर गए थे। वहां के कोरडोबा स्थित कैथिडरल मस्जिद के वास्तुशिल्प से वह काफी प्रभावित हो गए।
...मक्का मस्जिद हैदराबाद का न सिर्फ सबसे पुराना मस्जिद है, बल्कि यह देश का सबसे बड़ा मस्जिद भी है। मुस्लिमों के बीच इसका विशेष धार्मिक महत्व होने के साथ-साथ इसका ऐतिहासिक महत्व भी है और यह राज्य सरकार द्वारा संरक्षित एक धरोहर स्थल भी है।
चूंकि मक्का मस्जिद...
गोलकुंडा किला हैदराबाद से सिर्फ 11 किमी दूर है। 15वीं शताब्दी में गोलकुंडा चकाचौंध भरी जिंदगी जी रहा था। हालांकि अब यहां सिर्फ गौरवशाली अतीत के खंडहर ही देखने को मिलते हैं। इस किले को कुतुब शाही वंश के शासकों ने बनवाया था, जिन्होंने यहां 1512 से शासन किया।
...हैदराबाद का ओसियन पार्क देश का दूसरा सबसे बड़ा अम्यूजमेंट पार्क है। यह शहर से 20 किमी दूर बाहरी क्षेत्र में उसमान सागर झील के पास स्थित है। इस पार्क की प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है। यह स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों के बीच भी बराबर रूप से लोकप्रिय है।
...धोला री धानी एक राजस्थानी गांव का प्रतिरूप है। सप्ताहांत बिताने का यह एक आदर्श स्थान है क्योंकि यह शहर की भागदौड़ से काफी दूर है। सिकंदराबाद से सिर्फ 11 किमी दूर स्थित यह गांव थीम रेस्टोरेंट के लिए चर्चित है। जैसे ही आप एक भव्य द्वार से अंदर प्रवेश करेंगे तो आपको...
हैदराबाद में मीर आलम तालाब के पास बना नेहरू जूलॉजीकल पार्क शहर का एक चर्चित आकर्षण है। देखा जाए तो इस जू का शुमार हैदराबाद के तीन सर्वाधिक चर्चित पर्यटन स्थलों में होता है। पार्क को बनाने की मान्यता 1959 में मिली थी और 1963 में इसे आम लोगों के लिए खोल दिया गया...
संघी मंदिर हैदरबाद के बाहरी क्षेत्र संघी नगर में स्थित है। यह मंदिर ऊंचे बने राजा गोपुरम के लिए जाना जाता है, जो कि स्थानीय लोगों के बीच काफी पवित्र है। अपनी ऊंचाई के कारण गोपुरम को काफी दूर से भी देखा जा सकता है। यह मंदिर सुंदर ढंग से परमानंद गिरि नामक एक छोटी सी...
माधापुर में हाईटेक सिटी के पास स्थित शिल्परमम एक जाना माना कला और शिल्प का गांव है। हैदराबाद से 20 किमी दूर बसा यह गांव पूरी तरह से कला और शिल्प को समर्पित है, जिससे यह न सिर्फ आंध्र प्रदेश में बल्कि पूरे देश में जाना जाता है। इस गांव को बसाने का उद्देश्य भारत की...
सलारजंग संग्रहालय एक चर्चित म्यूजियम है, जहां हैदराबाद के समृद्ध और गौरवशाली इतिहास को प्रदर्शित किया जाता है। देश के तीन राष्ट्रीय संग्रहालय में से सलारजंग संग्रहालय भी एक है, जिससे इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। यहां पेरिस, जापान, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, चीन,...