Search
  • Follow NativePlanet
Share
होम » स्थल» हैदराबाद

हैदराबाद पर्यटन - मोतियों का शहर

153

दक्षिण भारत का एक बहुचर्चित पर्यटन स्थल हैदराबाद आंध्र प्रदेश की राजधानी है। इसकी स्थापना कुतुब शाही वंश के शासक मोहम्मद कुली कुतुब शाही ने 1591 में की थी। मूसी नदी के किनारे पर बसा यह एक खूबसूरत शहर है। स्थानीय पौराणिक कथाओं की मानें तो इस शहर का नाम भागमती और मोहम्मद कुली कुतुब शाह की रोचक प्रेम कहानी पर किया गया है।

ऐसा कहा जाता है कि भागमती एक नाचने वाली लड़की थी और सुल्तान उनके प्यार में पड़ गया था। अपने प्यार के नाम पर कुली कुतुब शाह ने इस शहर का नाम भाग्यनगर रखा था। जब उन्होंने इस्लाम धर्म अपना लिया तो सुल्तान ने उनसे गुपचुप तरीके से शादी कर ली और उनका नाम पड़ा हैदर महल।

इसी के आधार पर बाद में शहर का नाम हैदराबाद पड़ा। हैदराबाद पर कुतुब शाह वंश ने करीब 100 साल तक हुकूमत किया। जब मुगल बादशाह औरंगजेब ने भारत के दक्षिणी छोर पर पर आक्रमण किया तो उन्होंने हैदराबाद को अपनी सल्तनत के अधीन कर लिया। 1724 में आसिफ जाह प्रथम ने आसिफ जाही वंश की स्थापना की और हैदराबाद सहित आसपास के इलाके को अपने अधीन कर लिया।

आसिफ जाही वंश ने अपने आपको हैदराबाद के निजाम के रूप में स्थापित किया। यह खिताब उन्हें शुरू में ही मिल गया था। इस शहर का इतिहास निजामों के गौरवशाली युग और उपनिवेशवाद के समय से मिलता है। निजामों ने अंग्रेजों के साथ गठजोड़ कर के 200 साल से भी ज्यादा समय तक हैदराबाद पर शासन किया।

यह शहर 1769 से 1948 तक निजामों की राजधानी रहा। ऑपरेशन पोलो के दौरान हैदराबाद के आखिरी निजाम ने भारतीय संघ के साथ एक समझौता किया जिससे हैदराबाद आंध्र प्रदेश की राजधानी बनाने के साथ-साथ भारत का स्वतंत्र हिस्सा भी बन गया

हैदराबाद की सांस्कृतिक पहचान और विशिष्टता

हैदराबाद की भौगोलिक स्थिति काफी दिलचस्प है। यह उस स्थान पर स्थित है जहां पर उत्तर भारत खत्म होता है और दक्षिण भारत शुरू होता है। यही वजह है कि यहां दो संस्कृतियों का संगम देखने को मिलता है। प्रचीन समय से ही हैदराबाद कला, साहित्य और संगीत का केन्द्र रहा है। देखा जाए तो निजामों के संरक्षण में ही यहां ललित कला फूला फला है।

निजामों को इन चीजों में खासी रुचि थी और वे योग्य कलाकालों को प्रोत्साहित करने में कभी पीछे नहीं रहते थे। यह राज वंश खाने के भी काफी शौकीन थे और वे अलग-अलग व्यंजन बनाने के लिए पूरे भारत से रसोइयों को बुलाते थे।

आज हैदराबाद का स्थानीय व्यंजन भारत के विभन्न हिस्सों के खानपान का मिश्रण है। स्थानीय व्यंजन के स्वाद का तो कोई जवाब ही नहीं है। यहां का हैदराबादी दम बिरयानी पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यहां का हर परिवार अगल-अलग व्यंजन बनाने में माहिर होता है और यह कला एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को मिलती रहती है।

पुराने समय की चमक—दमक

दूसरे शहरों की तुलना में बेहतर तकनीक के कारण आज हैदराबाद विश्व के मानचित्र पर एक प्रमुख शहर है। पूरे देश से यहां बड़ी संख्या में लोग हाईटेक कार्पोरेट ऑफिस में काम करने के लिए आते हैं। टेक्नो पार्क की स्थापना के बावजूद हैदराबाद ने मीनार, चूड़ी बाजार, खाओ गली और किलों के जरिए अपनी पुरानी चमक-दमक को बरकरार रखा है।

ये सारी चीजें देखने में भले ही गुजरे जमाने की लगती हों, पर हैदराबाद ने निजामों के समय के भाव को अभी भी बचा कर रखा है। पुराने हैदराबाद की गलियों में चलते समय आपको कई ऐसी चीजें सीखने को मिल जाएंगी, जो किसी इतिहास की किताब में दर्ज नहीं है। गोलकुंडा किला आज भी भागमती और कुली कुतुब शाह की प्रेम कहानी के गवाह के रूप में खड़ा हुआ है। यहां के रहने वालों में गजब की शिष्टता और मर्यादा देखने को मिलती है।

हाई-टेक सिटी

संभवत: हैदराबाद भारत का अकेला ऐसा शहर होगा जिन्होंने अपनी सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने के साथ-साथ टेक्नोलॉजी को भी आत्मसात किया है। पिछले दो दशक में देश में इंजीनियर की मांग को देखते हुए यहां ढेरों इंजीनियरिंग कॉलेज खोले गए हैं।

वास्तव में हैदराबाद और आसपास के जगहों के इंजीनियरिंग कॉलेज अपने क्षेत्र के बेहतरीन इंजीनियर पैदा करते हैं। यहां कई मल्टी नेशनल कंपनियों ने अपने स्थाई ऑफिस खोल रखें है, जो इस बात का पुख्ता प्रमाण है। आईटी और आईटीईएस की कंपनी की स्थापना से देश के युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिले हैं। यहां पूरे भारत से बड़ी संख्या में युवा शिक्षा और रोजगार के लिए आते हैं। इस शहर तमाम आधुनिक सुविधाओं से लैश है।

हैदराबाद की कानून व्यवस्था भी काफी चुस्त है, जिससे यह हर समय काफी सुरक्षित रहता है। ये सब बस इन कारणों संभव हो सका कि स्थानीय लोगों ने अपनी सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखते हुए बदलाव को स्वीकार किया।

हैदराबाद और आसपास के पर्यटन स्थल

हैदराबाद में घूमने लायक कई स्थान है और यह पर्यटकों के साथ-साथ इतिहासकारों के बीच भी काफी लोकप्रिय है। हैदराबाद और आसपास के कुछ महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में चारमीनार, गोलकुंडा किला, सलार जंग संग्रहालय और हुसैन सागर झील शामिल है।

हैदराबाद का मौसम

हैदराबाद में ठंड के समय भी मौसम काफी गर्म हो जाता है। इसलिए हैदराबाद घूमने तभी जाना चाहिए जब मौसम काफी अनुकूल हो।

कैसे पहुंचें

देसी और विदेशी पर्यटकों के लिए हैदराबाद पहुंचना कठिन नहीं है। हवाई, रेल और सड़क मार्ग के जरिए यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।

 

हैदराबाद इसलिए है प्रसिद्ध

हैदराबाद मौसम

घूमने का सही मौसम हैदराबाद

  • Jan
  • Feb
  • Mar
  • Apr
  • May
  • Jun
  • July
  • Aug
  • Sep
  • Oct
  • Nov
  • Dec

कैसे पहुंचें हैदराबाद

  • सड़क मार्ग
    आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के जरिए हैदराबाद राज्य के विभिन्न शहरों और पड़ोसी राज्यों से भी जुड़ा हुआ है। बसें काफी आरामदायक होती हैं और किराया भी ज्यादा नहीं होता है। प्राइवेट टूर एंड ट्रेवल कंपनियां भी टैक्सी सेवा उपलब्ध कराती है।
    दिशा खोजें
  • ट्रेन द्वारा
    दक्षिण रेलवे हैदराबाद को देश के विभिन्न हिस्सों से जोड़ता है। दक्षिण रेलवे का मुख्यालय सिकंदराबाद में है। शहर के मुख्य रेलवे स्टेशन सिकंदराबाद से ढेरों ट्रेनें आती और जाती हैं।
    दिशा खोजें
  • एयर द्वारा
    हैदराबाद एयरपोर्ट से नियमित अंतराल पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें मिलती हैं। हैदराबाद में दो एयरपोर्ट है। राजीव गांधी टर्मिनल से जहां अंतरराष्ट्रीय उड़ानें मिलती हैं, वहीं एनटी रामा राव टर्मिनल से घरेलू उड़ानें संचालित होती हैं। बेहतर होगा कि आप एयर टिकट पहले ही बुक करा लें।
    दिशा खोजें
One Way
Return
From (Departure City)
To (Destination City)
Depart On
19 Mar,Tue
Return On
20 Mar,Wed
Travellers
1 Traveller(s)

Add Passenger

  • Adults(12+ YEARS)
    1
  • Childrens(2-12 YEARS)
    0
  • Infants(0-2 YEARS)
    0
Cabin Class
Economy

Choose a class

  • Economy
  • Business Class
  • Premium Economy
Check In
19 Mar,Tue
Check Out
20 Mar,Wed
Guests and Rooms
1 Person, 1 Room
Room 1
  • Guests
    2
Pickup Location
Drop Location
Depart On
19 Mar,Tue
Return On
20 Mar,Wed