ईटानगर वन्यजीव अभ्यारण्य अरुणाचल प्रदेश के आठ अभ्यारण्यों में से एक है। पापुमपरे जिले में स्थित यह अभ्यारण्य 140.30 वर्ग किमी में फैला है। विभिन्न प्रकार की जलवायु और भूभाग के कारण यहाँ पौधों और जन्तुओं की कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं। प्रकृति की गोद में स्थित असंख्य पौधे और जीव अभ्यारण्य की सुन्दरता और भी बढ़ा देते हैं। वन्यजीवों की सुरक्ष और संरक्षण के उद्देश्य से अभ्यारण्य में दीवार द्वारा मानव गतिविधियों को सीमित कर दिया गया है।
ईटानगर वन्यजीव अभ्यारण्य पूर्व में ईटानगर वन रिजर्व के नाम से जाना जाता था जिसमें दक्षिण में पाचिन नदी, पूर्वोत्तर में नियोरोची नदी, पूर्व में पाम नदी और उत्तर में चिंगके धारा बहती है। वन्यजीवों द्वारा घने रूप से बसे इसे अभ्यारण्य में साँभर, हाथी, भौंकने वाले हिरन, भालू, चीते और तेंन्दुये पाये जाते हैं।
विभिन्न प्रकार के पक्षी और ऑर्किड की प्रजातियाँ भी पाई जाती हैं। दुर्भाग्यवश विस्तार और विकास के लिये वनों का सफाया किया जा रहा है। इसके कारण इस धनी सम्पदा को काफी मात्रा में सीमित कर दिया गया है। अरुणाचल प्रदेश के राजकीय पक्षी, हार्नबिल की संख्या पर इसका बुरा असर पड़ा है।
पूर्व में इनकी उपस्थिति पूरे अभ्यारण्य में समान थी किन्तु अब ये अभ्यारण्य के केवल पूर्वी और उत्तरी भाग में सीमित हैं। वनस्पतियाँ ईटानगर वन्यजीव अभ्यारण्य की एक और खासियत हैं। क्षेत्र में मुख्यतः सदाबहार तथा ऊष्णकटिबन्धीय सदाबहार पौधे पाये जाते हैं। वन में मिलीजुली प्रकार की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। घाटियों और तलहटी के अलावा पूरा क्षेत्र पहाड़ी होने के कारण कई स्थानों पर मुख्यतः बाँस ही पाये जाते हैं।