जागेश्वर, लोकप्रिय धार्मिक शहर है जो उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में समुद्र तल से 1870 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इतिहास के अनुसार, यह जगह कभी लकुलिश शैव का केंद्र था। यह शहर जटागंगा नदी घाटी के पास स्थित है, और इस के हरे - भरे देवदार पेड इस क्षेत्र की महिमा बढाते हैं।
क्या है जागेश्वर के आस पास
यह गंतव्य 12 ज्योतिर्लिन्ग में से आठवे के लिये जाना जात है, जिसे नागेश ज्योतिर्लिंग भी कहा जाता है। इस जगह को मंदिरो का शहर भी कहा जात है क्योंकि यहाँ छोटे व बड़े मंदिर मिलाकर कुल 124 मदिर है जो हिंदू भगवान शिव को समर्पित मंदिर हैं। इन मंदिरों का इतिहास 9 से 13 वीं सदी तक की अवधि से है। दंदेश्वर मंदिर, जागेश्वर मंदिर, चंडी का मंदिर, महामृत्युंजय मंदिर, कुबेर मंदिर, नव-गृह मंदिर, और नंदा देवी मंदिर यहाँ स्थित प्रसिद्ध मंदिरों में से हैं। इनमें, महामृत्युंजय मंदिर सबसे पुराना है जबकि दंदेश्वर मंदिर सब में बड़ा है। बड जागेश्वर मंदिर, पुष्टि भगवती मां, और पुरातत्व संग्रहालय अन्य लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण हैं।
जागेश्वर मानसून महोत्सव इस क्षेत्र का एक प्रसिद्ध आयोजन है जो हिन्दू माह श्रवण की 15 जुलाई और 15 अगस्त के बीच हर साल बड़े ही धूम धाम के साथ मनाया जाता है। इसके अलावा, महा शिवरात्रि यहां का एक और लोकप्रिय हिंदू त्योहार है जो अत्यंत भक्ति और उत्साह के साथ यहाँ मनाया जाता है।
कैसे जाएं जागेश्वर
इस गंतव्य तक वायु, रेल और सड़क मार्ग से आसानी से पहुच सकते है। पंतनगर हवाई अड्डा और काठगोदाम रेलवे स्टेशन जागेश्वर से निकटतम एयर बेस और रेलवे स्टेशन है। पर्यटकों सरकारी या निजी बसों से पिथौरागढ़ , हल्द्वानी और अल्मोड़ा से जागेश्वर पहुंच सकते हैं।
जागेश्वर जाने का सबसे अच्छा समय
यात्रियों को सलाह दी जाती है की वह जागेश्वर गर्मी के मौसम में आयें क्यूंकि इस समय वहां का जलवायु आरामदायक रहता है।