गणेश पोल, अम्बेर किले के मुख्य महल में स्थित है। इसका निर्माण राजा जय सिंह द्वितीय ने 1611 से 1667 के बीच करवाया था। अम्बेर किले में प्रवेश के लिए सात मुख्य द्वार है जिनमें से गणेश पोल एक है। इस गेट के माध्यम से उस काल में केवल राजा और...
शिला देवी मंदिर, हिंदूओं की देवी काली को समर्पित है। यह मंदिर अम्बेर किले के परिसर में ही स्थित है। कहा जाता है कि राजा मान सिंह काली माता के बहुत बड़े भक्त थे, वह इस मूर्ति को बंगाल से लेकर आए थे। पूरे मंदिर के निर्माण में सफेद संगमरमर का उपयोग किया गया...
नाहरगढ़ फोर्ट को जयपुर के राजा सवाई जय सिंह द्वारा बनाया गया था। इस किले का निर्माण कार्य 1734 में पूरा किया गया, हालांकि बाद में 1880 में महाराजा सवाई सिंह माधो द्वारा किले की विशाल दीवारों और बुर्जो का पुननिर्माण भी करवाया गया था। यह किला, अरावली पर्वतों...
गल्टाजी एक धार्मिक स्थल है जो जयपुर शहर से लगभग 10 किमी. की दूरी पर स्थित है। गल्टाजी परिसर में मंदिरों, मंडपों और प्राकृतिक झरनों का काफी विस्तार है। यह जगह पहाड़ी क्षेत्रों के बीच स्थित है। यह मंदिर यहां स्थित सूर्य देवता को समर्पित है।...
अल्बर्ट हॉल का निर्माण महाराजा सवाई सिंह माधो द्वारा 1886 ई. में 4 लाख रूपए की लागत से सूखा राहत परियोजना के अर्न्तगत किया गया था। यह एक सुरम्य और खूबसूरत गार्डन है जो राम निवास बाग में स्थित है। इस इमारत को सर स्विंटन जैकब ने डिजायन किया था।...
जयपुर में सामोद पैलेस अपनी वास्तुकला और भव्यता के लिए प्रसिद्ध है। वर्तमान समय में यह पैलेस एक लक्जरी होटल में परिवर्तित हो गया है जो जयपुर शहर से छोटी दूरी पर ही स्थित है। 4000 साल पुराने इस महल में, पर्यटक सामोद गार्डन, सामोद किला और दरबार...
गैटोर, जयपुर के राजाओं के लिए अंतिम विश्राम की जगह है जो मैन सागर झील के सामने जयपुर - अम्बेर रोड़ पर स्थित है। इस स्थल में छाते के आकर के स्मारक बने है जो संगमरमर और बलुआ पत्थरों से निर्मित है।
सिटी पैलेस एक लोकप्रिय विरासत है जो शहर के बीचोबीच स्थित है। यह शहर की शानदार इमारतों में से एक है। इस शानदार महल का निर्माण महाराजा सवाई जय सिंह माधो ने करवाया था जिन्होने जयपुर की स्थापना की थी। महल में राजपूत और मुगल शैली की वास्तुकला का एक...
सेंट्रल पार्क का निर्माण जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा करवाया गया था जो जयपुर का सबसे बड़ा पार्क है। यह पार्क, शहर के केंद्र में स्थित है जो रामबाग पोलो ग्राउंड और क्लब से भी बड़ा होने का दावा करता है। इस पार्क में 5 किमी. लम्बा जॉगिंग ट्रैक और...
गोविंद देवजी मंदिर, हिंदूओं के देवता भगवान कृष्ण को समर्पित है। यह मंदिर जयपुर में जय निवास गार्डन में स्थित है। इस मंदिर में रखी गई मूर्ति पहले वृंदावन के एक मंदिर में रखी हुई थी जिसे बाद में जयपुर के राजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने अपने परिवार के देवता के...
सरगासूली को लोकप्रिय नाम ईश्वर लाट से जाना जाता है। यह एक टॉवर है जिसे महाराजा ईश्वरी सिंह ने 18 वीं सदी के दौरान एक लड़ाई में जीते जाने की खुशी में बनवाया था। हालांकि यहां की प्रजा को बाद में राजा से नफरत हो गई थी क्यूंकि उसे एक आम लड़की से...
अक्षरधाम मंदिर, जयपुर आने वाले हर पर्यटक का मुख्य आकर्षण होता है। यह मंदिर वैशाली नगर में स्थित है जो अपनी सुंदर वास्तुकला, शानदार मूर्तियों, पुतलों और नक्काशी के लिए जाना जाता है। यह मंदिर हिंदूओं के भगवान नारायण को समर्पित है।
...सिसोदिया रानी का बाग, जयपुर का एक लोकप्रिय गार्डन है जो शहर से लगभग 8 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस गार्डन का निर्माण 1728 में राजा सवाई जय सिंह द्वारा अपनी रानी सिसोदिया के लिए किया था। बगीचे की वास्तुकला भारतीय और मुगल शैली से प्रेरित है जिसमें...
अनोखी म्यूजियम ऑफ हैंड आर्ट प्रिंटिग, जयपुर में पुराने चानवार पालकी वालों की हवेली में स्थित है। यह एक चैरिटेवल फांउडेशन है जो जयपुर के पारंपरिक कलाकारों के संरक्षण के लिए काम करती है। यह गैर सरकारी संगठन न केवल रोजगार की ट्रेनिंग देता है बल्कि उभरते...
अम्बेर किला को लगभग 200 साल की अवधि में राजा मानसिंह, मिर्जा राजा जय सिंह और सवाई जय सिंह द्वारा बनाया गया था। जयपुर के अस्तित्व में आने से पहले यह लगभग 7 के लिए कच्छचावाहा शासकों की राजधानी के रूप में जाना जाता था। यह किला मूठा झील के किनारे...