सिटी पैलेस एक लोकप्रिय विरासत है जो शहर के बीचोबीच स्थित है। यह शहर की शानदार इमारतों में से एक है। इस शानदार महल का निर्माण महाराजा सवाई जय सिंह माधो ने करवाया था जिन्होने जयपुर की स्थापना की थी। महल में राजपूत और मुगल शैली की वास्तुकला का एक सुंदर समामेलन है। महल के प्रवेश द्वार पर मुबारक महल ( स्वागत महल ) बना हुआ है। इसका निर्माण भी महाराजा सवाई माधो सिंह ने 19 वीं सदी में करवाया था जिसका इस्तेमाल स्वागत क्षेत्र के रूप मे किया जाता था।
वर्तमान में इस इमारत को जयपुर के राजा सवाई माधो सिंह द्वितीय को समर्पित करके एक संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया। इस संग्रहालय में बनारसी साडि़यों और पश्मीना शॉल के साथ कई शाही पोशाकों का प्रर्दशन किया गया है।
महाराजा सवाई माधो सिंह ( 1750 - 1768 ) के द्वारा पहनी जाने वाली शाही पोशाकों को भी इस संग्रहालय में रखा गया है जिन्हे आम जनता देख सकती है। सिटी पैलेस परिसर में महारानी पैलेस या क्वीन पैलेस भी स्थित है जहां कई प्राचीन राजपूतों हथियारों को दर्शाया गया है। यहां के संग्रहालय में हाथी दांत तलवारें, चेन हथियार, बंदुक, पिस्टल, तोपें, प्वाइजन टिप वाले ब्लेड और गन पाउडर के पाउच भी प्रर्दशन के लिए रखे गए हैं।
इन सभी के बीच सिजर - कैंची - एक्शन सबसे ज्यादा उल्लेखनीय हथियार है। इनमें से कुछ हथियार तो 15 वीं सदी के आसपास के है। सिटी पैलेस, पर्यटकों के लिए सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है। इसमें भ्रमण करने के लिए भारतीयों को 75 रू और विदेशियों को 300 रू का प्रवेश शुल्क देना पड़ता है।