जोरहाट, असम के प्रमुख शहरों में से एक है और राज्य के उत्तरी भाग में अपनी सामरिक स्थिति के कारण यह ऊपरी असम और नागालैंड राज्य के लिए एक प्रवेश द्वार बना देता है। जोरहाट शब्द, दो शब्दों से मिलकर बनता है - जोर अर्थात् दो और हाट यानि बाजार।
18 वीं सदी में, दो साप्ताहिक बाजार, इस क्षेत्र में मुख्य आकर्षण थे - चौकी हाट और मचरारहाट, जो भगदोई नदी के दोनों ओर स्थित है। जोरहाट भी, अहोम राजाओं की अंतिम राजधानी होने का गौरव रखती है। इस प्रकार, शहर में कई ऐतिहासिक अवशेष है जो अहोम शासन के शाही दिनों के बारे में बताते है।
जोरहाट पर्यटन - रोलिंग टी - एस्टेट्स में मज़ा
जोरहाट, यहां स्थित चाय बागानों के कारण प्रसिद्ध है। वास्तव में, जोरहाट और उसके आसपास के इलाके में लगभग 135 चाय के बागान स्थित है। चाय के यह बागान न केवल इस क्षेत्र को चाय का सबसे बड़ा उत्पादक बनाते है बल्कि यह इलाके के अभिन्न अंग भी रहे हैं।
जोरहाट पर्यटन, चाय के कुछ बागानों की सैर के बिना अधूरे है जैसे - सिन्नामोरा चाय बागान आदि। टोकलाई चाय अनुसंधान केंद्र, दुनिया में स्थित सबसे पुराना चाय संस्थान है जो जोरहाट की सुंदरता को बढ़ाता है।
जोरहाट और उसके आसपास स्थित पर्यटन स्थल
जोरहाट में स्थित कई कब्रिस्तान या मैडाम के बारे में अगर उल्लेख न किया जाएं, तो वहां के पर्यटन स्थलों के बारे में बताना अधूरा ही रह जाएगा। यहां पर स्थित राजा मैडाम और लचित वोरफुकान मैडाम, जोरहाट की सांस्कृतिक श्रेष्ठता को दर्शाते है। पुखरी या टैंक भी इस शहर की सुंदरता बढ़ाते है। इस शहर में कई सारे पुखरी है जैसे - कुंवारी पुखरी, बडौली पुखरी आदि।
जोरहाट - असम की सांस्कृतिक राजधानी
जोरहाट को अपनी समृद्ध संस्कृति के लिए जाना जाता है। यह छोटा सा शहर खुद में संगीत और साहित्य के रूप में अहोम संस्कृति को संरक्षित रखे हुए है। यहां न केवल अहोम राज्य की समृद्धि संरक्षित है बल्कि भव्यतापूर्ण मिश्रित आधुनिकता भी देखने को मिलती है। अगर यह अहोम शासन की आखिरी राजधानी थी, तो शहर असम का ब्रिटिश विरोधी संघर्ष का केंद्र भी है। इन वर्षो में, जोरहाट ने साबित कर दिया है कि यहां की संस्कृति पर उम्दा संगीतकारों, लेखकों और इतिहासकारों का प्रभुत्व रहा है।
वीरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य, पहले असमिया लेखक थे, जिन्हे ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, वह भी जोरहाट के ही वाशिंदे थे। कृष्णा कांता हांडिक, शिक्षा के क्षेत्र में प्रसिद्ध नाम है, वह भी जोरहाट से ही थे।
जोरहाट कैसे पहुंचे
जोरहाट, असम के अन्य भागों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है और देश के अन्य हिस्सों में भी यहां से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। जोरहाट में निजी हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन भी है।
जोरहाट का मौसम
जोरहाट में साल भर अर्ध - मानसून मौसम रहता है जिससे यहां नमी काफी रहती है। गर्मी के दिनों में भंयकर गर्मी नहीं होती है और मानसून के दिनों में पर्याप्त बारिश होती है।