रविन्द्रनाथ टैगोर को साहित्य का गुरूवार कहा जाता है जिन्होने भारतीय राष्ट्रगान लिखा था, जो इस संग्रहालय में उनको श्रद्धांजलि देते हुए रखा हुआ है। ऐतिहासिक रूप से इसे चित्रभानू कहा जाता है, यह स्थल टैगोर जी स्मृतियों के रूप में...
तीस्ता बाजार, तीस्ता नदी के किनारे पर स्थित है। यह कलिम्पोंग से कुछ किमी. की दूरी पर स्थित है और पर्यटकों को यात्रा को आदर्श यात्रा बना देता है। यहां आकर पर्यटक, कलिम्पोंग के स्थानीय भोजन, सामान, गहने, कपड़े, घरेलू सामान आदि को खरीद सकते...
कलिम्पोंग में आकर, दिओलो हिल की सैर वाकई में मन को खुश कर देने वाली होती है। यहां आकर आप घुडसवारी करते हुए शॉपिंग कर सकते है, यहां के शानदार दृश्यों को देख सकते है, कलिम्पोंग के आकर्षक नजारों को निहार सकते है। पर्यटक यहां आकर, यहां के वातावरण,...
नाम से ही पता चल जाता है कि इस नर्सरी में कैक्टस की कई प्रजातियां देखने को मिलेगी। यह स्थान, पर्यटकों को कांटो भरे पेड़ों की दुनिया में रूचि पैदा कर सकता है। कलिम्पोंग आने वाले पर्यटक, यहां की सैर अवश्य करें। यहां की सैर के लिए लगभग 20 रूपए...
कलिम्पोंग रोमन कैथोलिक चर्च, भारत के उन स्थलों में से एक है जहां धार्मिक सद्भाव सबसे ज्यादा देखने को मिलता है। यह चर्च बौद्ध मठों, मंदिरों और मस्जिद के बीच स्थित एक उत्कृष्ट उदाहरण है जो धार्मिक सद्भाव को दिखाता है।
अगर आप...
बौद्ध मंदिर का वर्णन करने के लिए प्राचीन और शांत, दो शब्द पर्याप्त होते है। यहां का पूजा हॉल, शांत होता है और पूरा वातावरण बेहद शांतिमय होता है। इस मठ की देखरेख के अभाव के कारण यहां की वास्तुकला की चमक खोती जा रही है।
इस मठ का नए सिरे से...