वारामवेट्टा मस्जिद, कालपेट्टा शहर से लगभग 15 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह मस्जिद, पदींजाराथारा के समीप स्थित है। यह मस्जिद 300 साल पुरानी है और वायनाड़ जिले में बनी हुई मस्जिद है। एक मुस्लिम धर्म स्थल होने के बावजूद, इस मस्जिद में जाति, सम्प्रदाय और...
कोट्टामुंडा कांच मंदिर, कालपेट्टा का अन्य प्रसिद्ध जैन मंदिर है। यह कोट्टामुंडा कांच मंदिर, वेल्लरीमाला के पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित है। यह कांच मंदिर महान जैन संत पार्श्वनाथ स्वामी के सम्मान में बनवाया गया था। कोट्टामुंडा कांच मंदिर को...
पुलीयारमाला जैन मंदिर, अपनी उत्कृष्ट वास्तुकला और खुदाई किए हुए खम्भों के कारण प्रसिद्ध है। यह मंदिर जैन धर्म के महान और प्रमुख संत अनंतनाथ स्वामी को समर्पित है। पुलीयारमाला जैन मंदिर, कालपेट्टा से 6 किमी. की दूरी पर स्थित है और जैन धर्म...
मीनमुट्टी झरना, केरल का दूसरा और वायनाड जिले का सबसे खूबसूरत झरना है। इस झरने के नाम का मतलब होता है - जहां मछलियां ठहर गई, यह मलयालम भाषा का शब्द है। इस जगह का नाम ऐसा इसलिए रखा गया क्यूंकि यहां कुछ प्राकृतिक कारणों के चलते मछलियां तैर नहीं पाती।...
कांथापारा झरने, यहां आने वाले और नजारे देखने वाले हर व्यक्ति के लिए एक विनम्र स्थल है। यह झरना कालपेट्टा दक्षिणपूर्व से 12 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह एक और भव्य और खूबसूरत झरना है जो 30 मीटर की ऊंचाई से गिरता है। दोनो तरफ और आसपास स्थित चाय के...
कारापुझा बांध, भारत का सबसे बड़ा अर्थ डैम यानि पृथ्वी बांध है। यह बांध कालपेट्टा के शांत शहर से 16 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह बांध कारापुझा झील पर बना हुआ है। इस झील की विशेषता यह है कि इस झील में लगभग 12 अन्य झीलों का समावेश होता है।
आप इन कई...
चेम्ब्रा चोटी, कालपेट्टा में ही नहीं बल्कि वायनाड जिले में भी सबसे ऊंची चोटी है। यह चोटी समुद्र स्तर से 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह चोटी, ट्रैकर्स के लिए एक पसंदीदा जगह है। आप यहां आकर चोटी पर बने हुए अस्थाई कैंप भी खोज सकते हैं जहां आकर...
कालपेट्टा के सोचिप्पारा झरने, क्षेत्र में सेंटीनेल रॉक झरने के नाम से लोकप्रिय है जो 100 से 300 फीट की ऊंचाई से गिरते हैं। यह झरने कालपेट्टा से 22 किमी. दूर मीप्पाडी के निकट स्थित हैं। मलयालम में सोचि का अर्थ होता है - नीडिल यानि सुई और पारा का अर्थ होता...