काँची कुधील एक पैतृक निवास है जिसे एक हेरिटेज होटल में परिवर्तित कर दिया गया है। हालँकि यह इस स्थान का अकेला आकर्षण नहीं है, इसे काँचीपुरम के समृद्ध ऐतिहासिक और सास्कृतिक अतीत को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसमें ठहरने वाले अतिथियों को स्थानीय संस्कृति के अनुभव...
वराधराजा पेरूमल मन्दिर को लोकप्रिय रूप से हस्तागिरि मन्दिर या अट्टियूरन के नाम से भी जाना जाता है। मन्दिर को भगवान विष्णु की याद में बनवाया गया था और यह उन 108 मन्दिरों में से एक हैं जहाँ अलवर या 12 सन्त गये थे। अन्य विष्णु मन्दिरों की तरह यह मन्दिर भी काँचीपुरम...
एकम्बरेश्वरार मन्दिर हिन्दू भगवान शिव का मन्दिर है और हजारों की संख्या में भक्त उनका आशीर्वाद पाने के लिये यहाँ हर साल आते हैं। यह मन्दिर 600 ईसा पूर्व बना था और काँचीपुरम शहर के उत्तरी हिस्से में स्थित है। यह मन्दिर शिव के सबसे पवित्र पाँच मन्दिरों में से एक है...
कामाक्षी मन्दिर कामीक्षी देवी को समर्पित है जिन्हें हिन्दू देवी पार्वती का स्वरूप माना जाता है। सम्भवतः मन्दिर को लगभग 6ठी शताब्दी में पल्लव वंश के शासकों द्वारा निर्मित कराया गया था।
मन्दिर की अनोखी बात यह है कि मन्दिर की इष्टदेवी देवी कामाक्षी खड़ी मुद्रा...
काँची कामकोटि मठ को आदि शंकरा द्वारा स्थापित किया गया था और यह तमिलनाडु के कांचीपुरम शहर में स्थित है। काँची कामकोटि मठ को मठ संस्थाओं की तर्ज पर हिन्दुओं के लिये स्थापित किया गया था। मठ के पाँच पंच-भूतस्थल हैं और काँचीपुरम उन पाँच में से एक है।
यह कोई नहीं...
वैकुण्ठ पेरूमल मन्दिर को 7वीं शताब्दी में पल्लव शासक नन्दीवर्मन ने बनवाया था। मन्दिर भगवान विष्णु को समर्पित है और प्रमुख मन्दिर में तीन अलग स्तर हैं। मुख्य मन्दिर में सफाई के साथ तराशी गई भगवान विष्णु की मूर्तियाँ है। ये मूर्तियाँ आकार में काफी बड़ी हैं और विष्णु...
मद्रास परमाणु पावर स्टेशन काँचीपुरम जिले के छोटे से शहर कल्पक्कम में स्थित है। दक्षिण भारत में इस पावर स्टेशन के निर्माण का उद्देश्य देश की परमाणु क्षमता को और मजबूत बनाना था। वास्तव में देश मे ही निर्मित परमाणु तकनीक की दृष्टि से यह पावर स्टेशन सबसे अग्रणी था।...
कैलासनाथार मन्दिर या कैलासनाथ मन्दिर शायद शहर का सबसे पुराना मन्दिर है। इस मन्दिर को 8वीं शताब्दी में भगवान शिव की याद में पल्लव शासक नरसिंहवर्मन द्वारा निर्मित किया गया था। हर साल शिवभक्त इस मन्दिर में आते हैं।
मन्दिर का परिसर बलुये पत्थर से बना है और इस पर...
देवराजस्वामी मन्दिर प्राचीन कला और स्थापत्य कला का बढ़िया उदाहरण है। मन्दिर को भगवान विष्णु की समृति में विजयनगर शासकों द्वारा निर्मित किया गया था। मन्दिर काँचीपुरम शहर के पूर्वी भाग में स्थित है।
मन्दिर में खूबसूरत नक्काशी वाले खम्भे हैं जो उस समय की...