चरे-मरे का सुन्दर झरना कांकेर में अन्तागढ़ से 17 किमी की दूरी पर स्थित है। आमाबेड़ा के रास्ते पर एक चरे-मरे नाम का स्थान पड़ता है। यह झरना जोगीधारा नदी से बनता है। इस झरने की ऊँचाई 16 मीटर है। यह आड़ा-तिरछा झरना प्रमुख पर्यटक आकर्षण होने के साथ-साथ प्रमुख पिकनिक...
गड़िया पर्वत कांकेर के सबसे ऊँचे पहाड़ हैं। यह एक प्राकृतिक किला है और पहले कभी कन्द्र वंश के राजा धर्मदेव की राजधानी घोषित था। पहाड़ी के ऊपर पानी की झील है जो कभी नहीं सूखती। दूध नदी पहाड़ों से उतरती है।
इस झील के साथ एक लोककथा प्रचलित है। झील के दो भाग...
कांकेर पैलेस 12वीं सदी के शाही परिवार का है। यह स्वरगीय महाराजाधिराज उदय प्रताप सिंह देव का निवास था। महल के कई भाग होटल के रूप में परिवर्तित कर दिये गये हैं।
माँ शिवानी मन्दिर कांकेर शहर के निकट स्थित है। यह मन्दिर माँ शिवानी देवी को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि ये देवी, माँ काली तथा दुर्गा देवी का सम्मिलित स्वरूप हैं। मन्दिर की मूर्ति बहुत ही शानदार है और यह यहीं तथा कोलकाता के मन्दिर में पाया जाता है। हर साल...
मलन्झकुडुम झरना कांकेर से 15 किमी की दूरी पर स्थित हैं। पर्वत पर स्थित नीली गोन्डी नामक स्थान से दूध नदी निकलती है। 10 किमी की दूरी पर मलन्झकुडुम नामक स्थान पर इस नदी से क्रमशः 10, 15 तथा 9 मीटर की ऊँचाई के झरने बनते हैं। झरने में पानी का गिरना सीढ़ी के आकार में...