सुंदरेश्वरा मंदिर, कन्नूर के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है और शहर से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। श्री नारायण गुरू, जो आधुनिक केरल के सबसे प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरू और समाज सुधारक थे, उन्होने इस मंदिर को सन् 1916 में स्थापित...
अरालम वन्यजीव अभयारण्य, थालास्सेरी से 35 किमी. की दूरी पर स्थित है और कन्नूर शहर से 60 किमी. की दूरी पर स्थित है। ईरट्टी में मुख्यालय ( 20 किमी. दूर ), अभयारण्य 1984 में स्थापित किया गया था। पश्चिमी घाट के घने वन ढालानों पर...
श्री राघवपुरम मंदिर को स्थानीय तौर पर हनुमाराम्बलम के नाम से भी जाना जाता है। यह कोल्लम जिले का प्रसिद्ध मंदिर है। यह केरल के उन चुनिंदा मंदिरों में से एक है जहां भगवान हनुमान की पूजा की जाती है। यह मंदिर एक छोटे से गांव चेरूथाझम में स्थित है जो...
गुंडर्ट बंगला, एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक इमारत है और एक आकर्षक पर्यटन स्थल है जो कन्नूर से 20 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह बंगला, इल्लीकुन्नू नाम की सुंदर पहाड़ी के पर बना हुआ है जो थालास्सेरी शहर के निकट स्थित है और इस बंगले के पास से...
धर्मदम द्वीप, धर्मदम शहर में स्थित है जो थालास्सेरी शहर से कुछ किमी. की दूरी पर स्थित है। इस द्वीप से मुझुप्पीलांगढ तट को भी देखा जा सकता है और यह एक मनोरम दृश्य प्रदान करता है। इस द्वीप की पवित्र सुंदरता वाकई में जादुई और करामाती है, यहां की सैर के...
मुझहुप्पीलांगढ तट, भारत ही नहीं बल्कि पूरे एशिया में अकेला ड्राइव - इन तट होने के कारण प्रसिद्ध है। थालास्सेरी से 8 किमी. दूर और कन्नूर से 16 किमी. दूर स्थित इस तट तक सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है। नेशनल हाईवे - 17 के समानांतर स्थित होने...
फोर्ट सेंट एंजेलो को कन्नूर कोट्टा या कन्नूर किले के नाम से जाना जाता है जो कन्नूर शहर से 3 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस किले से क्षेत्र का उत्कृष्ट दृश्य देखने को मिलता है क्यूंकि यह अरब सागर की दहाड़ती लहरों के ठीक सामने स्थित...
ओरपझास्सी कावू मंदिर, एक प्रख्यात धार्मिक स्थल है और प्रसिद्ध पूजा करने की जगह है जो एक्कड़ में कन्नूर से कुछ किमी. की दूरी पर स्थित है। मंदिर के भीतरी आंगन में तीन प्रमुख देवताओं जिनके नाम भगवती, श्री ओरपाझाची दैवावतार और...
अरक्कल केट्टू, एक महल है जो वर्तमान में एक संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया है। यह महल पर्यटकों को अपने शाही इतिहास और कलाकृतियों के कारण काफी आकर्षित करता है। कन्नूर शहर से कुछ किमी. की दूरी पर स्थित यह महल मोपिला खाड़ी के निकट स्थित है। कुछ सदियों...
मदयीपारा, एक हरे रंग की टेकरी और एक दूर तक फैली लेटराइट चट्टान का सुंदर खिचांव है जो पजायांगढी शहर ( कन्नूर से 2 किमी. दूर ) में कुप्पम नदी के तट पर स्थित है। इस क्षेत्र में समृद्ध जैव - विविधता है और यहां का इतिहास काफी पुराना है जिससे एझिमाला के राजाओं...
श्री सुब्रमण्य मंदिर, कन्नूर के प्रमुख मंदिरों में से एक है और यह पेय्यान्नूर में स्थित है। विद्वानों के अनुसार, इस मंदिर को भगवान परशुराम के द्वारा पवित्र किया गया था जो भगवान विष्णु के दस अवतारों में से एक हैं। इस मंदिर में पुरानी कहावतों और...
मोपिला बे ( इसे माप्पीला बे के रूप में भी जाना जाता है ) एक समुद्र तट है जो कन्नूर से कुछ दूरी पर एय्यीकारा नाम के गांव में स्थित है। इस प्राकृतिक बंदरगाह को यहां के सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। मोपिला बे, एक तरफ फोर्ट सेंट एंजेलो...
मीनकुन्नू तट, पय्यमवलम तट का एक हिस्सा है जो एझिकोड नामक गांव में, कन्नूर शहर से 10 किमी. की दूरी स्थित है। इस तट का नाम दो मलयालम शब्दों से मिलकर बना है - मीन यानि मछली और कुन्नू यानि पर्वत।
यह तट प्राकृतिक सुंदरता में बेहद...
श्री मवीलियक्कावू मंदिर, एक प्रसिद्ध धार्मिक केंद्र है जिसे यहां की पुरानी व अनूठी रस्मों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए जाना जाता है। यह मंदिर एक छोटे और सुंदर से गांव में स्थित है जिसका नाम मवीलाई है। यह गांव केरल के प्रख्यात...
किझाक्केकारा श्री कृष्णा मंदिर, एक प्राचीन कृष्ण मंदिर है जो लगभग 3000 साल पहले बनाया गया था। यह मंदिर चिराक्कल में स्थित है जो कन्नूर शहर से 7 किमी. की दूरी पर है। इस मंदिर तक सड़क मार्ग के द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। कई शताब्दियों...