पवित्र गंगा नदी के किनारे स्थित कानपुर शहर उत्तरप्रदेश का सबसे बड़ा शहर है। किवदंती है कि महाभारत के काल में शक्तिशाली अर्जुन के विरुद्ध वीरता के लिए दुर्योधन ने अपने मित्र और वफ़ादार कर्ण को भूमि का एक टुकड़ा दिया था। यह स्थान पहले कर्णपुर के नाम से जाना जाता था और समय के साथ इसका नाम कानपुर हो गया। अन्य किवदंती यह है कि भगवान कृष्ण के नाम के आधार पर इसका वास्तविक नाम कन्हैयापुर था और समय के साथ इसे इसका वर्तमान नाम मिला।
पौराणिक कथाओं के अलावा औपनिवेशिक युग के दौरान कानपुर को मुख्य स्थान मिला जब इसका स्थानांतरण अवध के नवाब से अंग्रेज़ों को कर दिया गया। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान शहर ने नरसंहार को देखा है।
आज कानपुर भारत में शिक्षा का मुख्य केंद्र है और यहाँ अनेक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान हैं जिनमें इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी प्रमुख है। अन्य प्रमुख संस्थानों में यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, सीएसजेएम विश्वविद्यालय, हर्कोउर्ट बटलर टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट(एचबीटीआई), जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज और डॉ. आंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी हैं। औद्योगिक क्षेत्र में कानपुर अपने चमड़े और कपास के उत्पादों के लिए प्रसिद्द है और भारत से तथा विदेशों से भी व्यापार को आकर्षित करता है।
कानपुर तथा इसके आसपास पर्यटन स्थल
पहली झलक में कानपुर भारत के अन्य शहरों की तरह ही है – अस्त व्यस्त, रंगीला, जीवंत और हमेशा किसी न किसी गतिविधि में लगा रहने वाला। हालाँकि इसके बाहरी स्वरुप के अलावा यहाँ ऐसा बहुत कुछ है जिसे आप देख सकते हैं और कर सकते हैं। कानपुर के पर्यटन में कई मंदिर शामिल हैं जिनका आप भ्रमण कर सकते हैं जिसमें श्री राधाकृष्ण मंदिर , भीतरगाँव मंदिर और द्वारकाधीश मंदिर शामिल हैं।
कानपुर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता का प्रतीक है। हिन्दू मंदिरों के चर्च और मस्जिद अन्य समुदायों के विश्वास को प्रदर्शित करते हैं। यहाँ प्रमुख रूप से जमा मस्जिद, कानपुर मेमोरियल चर्च और जैन कांच मंदिर का उल्लेख करना महत्वपूर्ण होगा जो वास्तुकला की प्राचीन शैली को प्रस्तुत करते हैं और जैसा कि नाम से पता चलता है इसे कांच से बनाया गया है और रंगों से सजाया गया है।
यदि कानपुर के स्थान और आवाज़ आपको कुछ परेशान करते हैं तो आप ग्रीन पार्क, नाना राव पार्क, मोती झील और फूल बाग़ अर्थात फूलों का बाग़, में शांति पा सकते हैं यद्यपि यह स्थान 1857 में भारत की स्वतंत्रता के लिए हुए पहले युद्ध में हुए नरसंहार के लिए जाना जाता है। सप्ताहांत और छुट्टियों में इन पार्क में बहुत भीड़ हो सकती है जब लोग पिकनिक का आनंद उठाने और परिवार के साथ समय बिताने के लिए यहाँ आते हैं।
कानपुर में प्रसिद्ध एलन फॉरेस्ट ज़ू (चिड़ियाघर) है जो शहर का सबसे बड़ा और उत्तरप्रदेश का सबसे उत्तम चिड़ियाघर है। यह चिड़ियाघर वास्तव में एक जंगल है जहाँ आप जानवरों को पिंजरे के स्थान पर उनके प्राकृतिक आवास में देख सकते हैं।
कानपुर में खाना
भारतीय भोजन दुनिया भर में प्रसिद्ध है। आप चाहे किसी भी शहर की यात्रा करें आपको चखने के लिए कुछ न कुछ विशेष अवश्य मिल जाएगा। कानपुर का एक प्रमुख पहलू इसका स्वादिष्ट खाना है।
यहाँ फ़ास्ट फ़ूड जॉइंट से लेकर किफायती रेस्टारेंट हैं जहाँ सभी प्रकार के स्वाद का खाना मिलता है। शहर में रहते हुए आपको मत्था पांडेय के ठग्गू के लड्डू और सिविल लाइंस की बदनाम कुल्फी का स्वाद अवश्य लेना चाहिए।
कानपुर की सैर के लिए उत्तम समय
कानपुर की सैर के लिए उत्तम समय अक्टूबर से मार्च के बीच का है।
कानपुर कैसे पहुंचे
कानपुर तक रास्ते, रेलमार्ग या हवाईमार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है।