श्री कैलासनाथर मंदिर, संभवत: सबसे पुराने और अस्तित्व में रहने वाले मंदिरों में से एक है। माना जाता है कि यह मंदिर लगभग 2000 साल पुराना है लेकिन यह भी कहा जाता है कि इस मंदिर को पल्लव शासन के दौरान पुर्ननिर्मित करवाया गया था। यह मंदिर कराईकल में...
कराईकल अम्माईयार मंदिर एक श्राइन है जहां एक प्रसिद्ध भक्ति संत कराईकल अम्माईयार की पूजा की जाती है। यह संत, 63 नायाम्यार के बीच इकलौती महिला संत थी। इस छोटे लेकिन सुंदर मंदिर को 1929 में मलाईपेरूमल ने बनवाया था। इस मंदिर में देवी के रूप में प्रसिद्ध...
पोनवेट्टी एक गांव है जिसका नाम पोनावेट्टरी से व्युत्पन्न हुआ है जिसका अर्थ होता है पोनपाट्टरीकावलन बुद्दामित्रन का घर। पोनपाट्टरीकावलन बुद्दामित्रन, वीराचोझीअम के लेखक थे। कहा जाता है कि उनका घर इसी गांव में था। उनके नाम से प्रतीत होता है कि वह...
कराईकल रेतीले समुद्र तट, दक्षिण तमिलनाडु में पाएं जाने वाले समुद्र तटों में से सबसे सुंदर तट है। यहां पर्यटक भ्रमण करने आते हैं, इस तट पर आने से पानी के प्रेमियों को एकाग्रता और शांति मिलती है। यहां पर बहने वाली अरासलर नदी के किनारे 2 किमी. की दूरी तक चौड़ी सड़क...
मेला कासकुडे, कराईकल के सबसे लोकप्रिय गांवों में से एक है और यह कराईकल शहर से 7 किमी. की दूरी पर कराईकल - नेडुनगडु सड़क मार्ग पर स्थित है। यह गांव यहां स्थित वारदराजा पेरूमल मंदिर के कारण विख्यात है जिसे 12 वीं शताब्दी में बनाया गया था। राज्य...
धर्मपुरम, कराईकल शहर से 1.8 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह कराईकल जिले के पश्चिमी तरफ स्थित है। धर्मपुरम यहां स्थित श्री यझमुरिनाथीश्वेर मंदिर के लिए जाना जाता है। यहां के लोगों में माना जाता है कि संत थिरूंगनानासमबनदर इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं और...
कीझा कासाकुडे, कराईकल शहर से 4 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह कराईकल जिले के उत्तरी भाग पर स्थित है और यहां स्थित पुरातात्विक महत्व के कारण अधिक प्रसिद्ध है क्योकि इस स्थान पर ही एम. जे. डेलाफॉन ने प्रसिद्ध कासाकुडे तांबे की प्लेट को...
अकालंकन्नू एक गांव है जो कराईकल से लगभग 9.4 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह गांव, पर्यटकों के बीच मुख्य आकर्षण का केंद्र है। इस गांव को कराईकल जिले का सबसे बड़ा गांव माना जाता है जो कि यहां के पानी के कामों और प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। यह...
पुट्टाकुडी, कराईकल शहर से 7 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस गांव का नाम, वास्तुकला और संस्कृति गांव में बौद्ध धर्म के प्रभाव की झलक दिखलाती है। यह गांव यहां स्थित भगवान बुद्ध की विशाल ग्रेनाइट की प्रतिमा के कारण लोकप्रिय है जिसे काफी लम्बे समय...