कराईकल अम्माईयार मंदिर एक श्राइन है जहां एक प्रसिद्ध भक्ति संत कराईकल अम्माईयार की पूजा की जाती है। यह संत, 63 नायाम्यार के बीच इकलौती महिला संत थी। इस छोटे लेकिन सुंदर मंदिर को 1929 में मलाईपेरूमल ने बनवाया था। इस मंदिर में देवी के रूप में प्रसिद्ध देवियों की मूर्ति भी स्थापित है।
यहां के स्थानीय लोग इस मंदिर में संत की पूजा उनकी अलौलिक शक्तियों के लिए करते हैं। दिग्गजों का कहना है कि जब इन संत के पति ने इनको छोड़ दिया था और दूसरी स्त्री से शादी कर ली थी, तो उन्होने भगवान शिव की आराधना की थी और उन्हे उस औरत को बर्बाद करने के लिए कहा।
इसके बाद वह अलंगाडु के जंगलों में निवास करने लगी थी। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हे माता अम्माईयार नाम दिया और घोषणा की जब भी वह तांडव का प्रर्दशन करेंगे तो वह ( अम्माईयार ) उनके लिए गाएगी। प्रत्येक वर्ष, कराईकल में मंगानी त्यौहार का आयोजन किया जाता है, इस त्यौहार को तमिल महीने के अनुसार आनी महीने में पूर्णिमा के दिन जून - जुलाई के दौरान आयोजित किया जाता है। इन दिनों में लोग मंदिरों में पूजा करते हैं और प्रार्थना करते हैं।