अमरावती नदी के किनारे पर स्थित करूर शहर, तमिलनाडु के करूर जि़ले का प्रमुख शहर है। इसके दक्षिण पूर्व में 60कि.मी. दूर इरोड; पश्चिम में 70कि.मी. दूर त्रिची; दक्षिण में 100कि.मी. दूरी पर सलेम; उत्तर मं 150कि.मी. दूर मदुरई और पूर्व में 140कि.मी. दूरी पर कोयंबटूर स्थित है।
1995 में तिरुचिरापल्ली का विभाजन होने पर करूर जि़ले का निर्माण हुआ था और यह शहर मुख्यालय बनाया गया था। इस जि़ले में से कई नदियाँ जैसे कावेरी, अमरावती, नालकासी, कुदागनार और नोय्यल आदि बहती है। इसके अलावा, करूर में कई कुटीर उद्योग होने के कारण यहाँ शॉपिंग करने का अपना ही मज़ा है।
करूर में और इसके आसपास के पर्यटन स्थान
करूर अपने अनेक प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर सात पवित्र शिवालयों में से एक है। इस शहर का सबसे प्रसिद्ध मंदिर पशुपतिश्वरलिंगम है जिसमें पाँच फीट ऊँचा शिवलिंग है। अन्य प्रसिद्ध मंदिर हैं- पुगाझिमलई श्री अरुपदई मुरुगन मंदिर, कल्याण पशुपतीश्वर मंदिर, श्री करूवर मरियम्मा मंदिर, नेरूर श्री सदाशिव भ्रामेनध्रल मंदिर, श्री शिरडी साई बाबा मंदिर, श्री सालियम्मा मंदिर, श्री महाकालियम्मा मंदिर, श्री वंगलम्मा मंदिर, कल्याण वेंकटरमण स्वामी मंदिर, श्री वसवी कन्निका परमेश्वरी अम्मा मंदिर, सदाशिव मंदिर और अग्नीश्वर मंदिर।
करूर के पास स्थित कुछ अन्य स्थान हैं- मयनूर, नोय्यल, नेरूर, चेत्तिपलायम, तिरुमुक्कुदल और कदवुर। करूर में स्थित सरकारी म्यूजि़यम भी एक अन्य पर्यटन आकर्षण है। कई अन्य त्योहार जैसे पोंगल, तमिल न्यू ईयर, आदि पेरुक्कु, वैकुंठ एकादशी, वीरपुर का वार्षिकोत्सव, करूर मरियम्मा का वार्षिकोत्सव बहुत धूमधाम से मनाए जाते हैं जिनमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं।
इतिहास के झरोखे से
तमिलनाडु का उललेख कई शिलालेखों और साहित्यिक कृतियों जैसे करूवर, वणजी, आदिपुरम, पौपातीचुरम, वंकी मूथुरा तिरुआनिलाई, वंजुलरनयम, करुवाईपपातिनम, तिरुवितुवक्कोत्तम, मुदिवाझांगु, विराचोलापुरम, गरबापुरम कारापुरम, भास्करपुरम, आदगा मादम, शानमंगल क्षेत्रम, चेरमा नगर तथा करौरा आदि में किया गया है।
संगम काल में यह जगह अमरावती के किनारे बनाई गई थी और तब यह आनपोरूपाई के नाम से जानी जाती थी। हिंदु पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी स्थान से ब्रह्मा का सृजन कार्य आरंभ हुआ था और इस स्थान को ’पवित्र गाय का स्थान’ कहा जाता था। करूर के पास स्थित आरू नत्तर मलई में शिलालेखों पर चेरा राजाओं के नाम का उल्लेख है।
यह शहर आभूषण निर्माण का केंद्र और व्यापारिक केंद्र था। करूर अथवा कोरोवोरा का उल्लेख यूनानी विद्वान टॉलेमी के कार्यों में भी मिलता है। करूर तिरुविचइप्पा गायक, करूवूर थेवर का जन्मस्थान है जो चोल राजाओं के शासनकाल के दौरान जीवित था। 1874 में अंग्रेज़ों ने करूर को एक नगरपालिका बना दिया था।
कैसे पहुँचे करूर
करूर के निकटतम घरेलू हवाईअड्डे त्रिची और कोयंबटूर में हैं। निकटतम अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा चेन्नई में है। शहर के बीचोंबीच स्थित करूर रेलवे स्टेशन शेष तमिलनाडु से भली प्रकार से जुड़ा है।
करूर का मौसम
करूर की जलवायु अर्द्ध उष्णकटिबंधीय है और इसलिए यहाँ की गर्मियाँ आमतौर पर गर्म होती है जबकि सर्दियाँ हल्की और सुहावनी होती हैं। मानसून के दौरान, करूर में हल्की बारिश होती है और तापमान में राहत आती है। यहाँ आने के लिए साल में सबसे अच्छा समय अक्तूबर से मार्च में सर्दियों के दौरान होता है।