रुद्रधारी जलप्रपात व गुफाएं कौसानी से 12 किमी दूर कौसानी-अल्मोड़ा मार्ग पर स्थित है। ऐसी मान्यता है कि यह जगह भागवान शिव (रुद्र) और भगवान विष्णु (हरि) से संबद्ध है। सोमेश्वर का शिव मंदिर इस जलप्रपात के करीब ही है।
कौसानी चाय बगान कौसानी से 5 किमी दूर बागेश्वर रोड पर स्थित है। यह बगान 21 भागों में बंटा हुआ है और 208 हेक्टियर में फैला हुआ है। उत्तरांचल की मशहूर ‘गिरियास टी’ का उत्पादन यहीं होता है। इसके अलावा जैविक चाय का भी उत्पादन किया जाता है और इस खुशबूदार चाय...
अनाशक्ति आश्रम को गांधी आश्रम के नाम से जाना जाता है, जिसका निर्माण महात्मा गांधी के सम्मान में किया गया था। राष्ट्र पिता महात्मा गांधी ने 1929 में इस आश्रम का भ्रमण किया था। इस स्थान के बारे में महात्मा गांधी ने लिखा था कि अनाशक्ति का अर्थ होता है- ऐसा योगा जिससे...
पिन्नाथ गोपालकोट की तराई में बसा एक गांव है, जो पिन्नाथ मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। वर्गाकार आकार में बना यह मंदिर हिंदू देवता भैरों को समर्पित है। इस मंदिर में पांच प्रवेश द्वार है, जो दक्षिण की दिशा में है। मंदिर के दीवार हिंदू देवी-देवताओं की चित्रों से सजे हुए...
कोट भ्रामरी मंदिर को भ्रामरी देवी मंदिर और कोट की माई नाम से भी जाना जाता है। यह कौसानी से 5 किमी दूर एक पहाड़ी पर स्थित है। एक प्रसिद्ध दंत कथा के अनुसार ऐसी मान्यता है कि महान भारतीय गुरु आदि गुरु शंकराचार्य गढ़वाल जाने के क्रम में इस जगह पर रुके थे। हर वर्ष...
रुद्रहरि महादेव मंदिर कासौनी से 8 किमी दूर कोसी नदी के किनारे पर स्थित है। यह एक प्राचीन गुफा मंदिर है, जहां ऋषि कौशिक संन्यासी ने काफी लंबे समय तक तपस्या की थी।
सुमित्रानंदन पंत गैलरी की ओर भी सैलानियों का खासा रुझान रहता है। यह संग्रहालय कौसानी में जन्मे प्रसिद्ध हिन्दी कवि सुमित्रानंदन पंत को समर्पित है। संग्रहालय में उनकी कविताओं की पांडुलिपि, साहित्यिक कृतियां और उन्हें दिए गए पुरस्कार देखे जा सकते हैं। इतना ही नहीं...
सरयू और गोमती नदी के संगम पर बसा बागेश्वर एक धार्मिक शहर है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव एक बार इस क्षेत्र में बाघ का भेष धरने आए थे। हिन्दू पौराणिक कथाओं में भी इस शहर का वर्णन मिलता है। कौसानी से 28 किमी दूर स्थित यह शहर हर साल बड़ी संख्या में सैलानियों को...
कौसानी से 16 किमी दूर बैजनाथ शहर में स्थित यह मंदिर धार्मिक आस्था का महत्वपूर्ण केन्द्र है। 12वीं शताब्दी में निर्मित इस मंदिर का हिन्दू धर्म में खास धार्मिक एंव ऐतिहासिक महत्व है। ऐसी मान्यता है कि शिव और पार्वती ने गोमती व गरुड़ गंगा नदी के संगम पर विवाह रचाया...
प्लानेट्स शो में ताराघर और इंटरनेट कैफे है, जो पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। अंतरिक्ष प्रेमी इस जगह को काफी पसंद करते हैं और यहां कृत्रिम तारों को देखने का आनंद लेते हैं। हर शाम यहां एक शो का आयोजन किया जाता है, जिसमें खगोलज्ञ पृथ्वी व अन्य ग्रहों के बारे में...
कौसानी में ट्रेकिंग का जमकर आनंद उठाया जा सकता है। दरअसल कौसानी को ट्रेकिंग के लिए एक आदर्श जगह माना जाता है। धारचूला होते हुए कौसानी और आदि कैलाश के बीच का ट्रेकिंग रूट सर्वाधिक प्रसिद्ध है। आदि कैलाश को छोटा कैलाश के नाम से भी जानते हैं। यहां पवित्र शब्द...
महात्मा गांधी की एक अनुयायी कैथरीन हिलमन ने 1948 में लक्ष्मी आश्रम का निर्माण करवाया था। इसे सरला आश्रम के नाम से भी जाना जाता है। वह गांधी जी की बहुत बड़ी प्रशंसक थी। 1931 में वह लंदन छोड़कर भारत आ गईं और महात्मा गांधी के स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ गईं। बाद में...
कौसानी से 11 किमी दूर बसा सोमेश्वर एक प्रसिद्ध शहर है। यह शहर भगवान शिव के मंदिर के लिए जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण चंद सम्राज्य के संस्थापक राजा सोमचंद ने करवाया था। इस जगह का नामकरण राजा सोम और भगवान महेश्वर के नामों को मिला कर किया गया है।