गंगौ बाँध सिमिरी और केन नदियों के संगम पर स्थित है। यह बाँध पन्ना राष्ट्रीय उद्यान और गंगू अभयारण्य से घिरा हुआ है। इस बाँध की प्राकृतिक सुंदरता सर्दियों के दौरान कई गुना बढ़ जाती है जब प्रवासी पक्षियों की अनेक प्रजातियाँ यहाँ आती हैं। बाँध का वातावरण इतना मोहक है...
शांतिनाथ मंदिर, खजुराहो मंदिरों के पूर्वी समूह से संबंधित एक प्रसिद्ध जैन मंदिर है। हालांकि यह खजुराहो के दूसरे सदियों पुराने मंदिरों के जैसा ही है लेकिन यह नवनिर्मित मंदिर है। यह मंदिर प्रसिद्ध जैन संत आदिनाथ को समर्पित है।
जैन धर्म को मानने वालों के लिए...
धुबेला संग्रहालय झांसी-खजुराहो सड़क पर बनी एक झील के तट के पास स्थित है। संग्रहालय एक पुराने किले के अंदर स्थित है। इसमें प्राचीन और आधुनिक युग की कलाकृतियाँ और अवशेषों का एक समृद्ध कलेक्शन है। यहाँ मुख्य रूप से खजुराहो के प्रसिद्ध बुंदेला वंश के इतिहास, उत्थान और...
रानेह झरना खजुराहो शहर से 22कि.मी. दूर छतरपुर जि़ले में स्थित है। केन नदी पर बना यह एक शानदार झरना है। केन नदी 5कि.मी. लंबी और 30मी. चैड़ी एक घाटी बनाती है। यह घाटी शुद्ध क्रिस्टेलाइन ग्रेनाइट से बनी है जिसमें गुलाबी, लाल और कभी ग्रे रंगों को प्रदर्शित करती...
ब्रह्म मंदिर खजुराहो के सबसे बड़े टैंक निनोरा ताल के किनारे स्थित है। यह मंदिर 900ई. में बनाया गया था। इस मंदिर में भगवान ब्रह्म, विष्णु और हिंदू देवताओं के चित्र खुदे हुए हैं।
यह एक चैकोर आकार का छोटा सा मंदिर है। यह मंदिर ग्रेनाइट के 12 खंभों पर खड़ा है जो...
बीजामंडल मंदिर खजुराहो में विदिशा में स्थित है। मंदिर के सबसे ऊपर लगा हुआ एक सफेद पत्थर इसकी विशेषता है। मंदिर की शानदार वास्तुकला एक इंडानेशियाई या दक्षिण-पूर्व एशियाई शैली को प्रदर्शित करती है।
इस मंदिर में हर रात एक पवित्र दीपक जलाने की परंपरा है। मंदिर...
आदिनाथ मंदिर खजुराहो में जैन मंदिर से संबंधित एक विशेष मंदिर है। यह पाश्र्वनाथ मंदिर के उ में स्थित है। 11वीं सदी में चंदेल शासकों ने यह मंदिर बनाकर जैन संत आदिनाथ को समर्पित किया था। इस मंदिर का निर्माण सप्त-रथ पर आधारित है।
इस मंदिर को एक मीनार वाले...
आदिवासी और लोक कला का राज्य संग्रहालय खजुराहो का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह खजुराहो के चंदेल सांस्कृतिक परिसर के अंदर स्थित है। यह संग्रहालय बहुत बड़ा नहीं है लेकिन इसका कलेक्शन बहुत समृद्ध है।
इस संग्रहालय में भारतीय लाइफस्टाइल, उसकी परंपराओं और...
कंडारिया महादेव मंदिर खजुराहो में पश्चिमी समूह के मंदिरों में सबसे बड़ा मंदिर है। सामान्य मंच पर बना यह पहला मंदिर था। यह तीर्थस्थान 1025-1050 के आसपास चंदेला शासकों ने भगवान शिव की पूजा करने के लिए बनवाया था। इसके गर्भगृह के बीच एक शिवलिंग स्थित है।
यह...
मातंगेश्वर मंदिर हिंदू देवता भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर में 8फीट ऊँचा एक भव्य और विशाल शिवलिंग है। महाशिवरात्रि के वार्षिक उत्सव पर इस मंदिर में भारी भीड़ होती है। यह शिवलिंग देश के ऊपरी भाग में सबसे बड़ा शिवलिंग है। यह शिवलिंग पीले बलुआ पत्थर से बना...
घंटाय मंदिर मंदिरों के पूर्वी समूह से संबंधित ण्क जैन मंदिर है। स्थानीय भाषा में घंटाय का अर्थ है घंटी और मंदिर के स्तंभों पर बनी घंटी की नक्काशी के कारण इसका यह नाम रखा गया है। इसका निर्माण 950-1050ई. के आसपास किया गया था।
यह मंदिर फ्रीज़ के चित्रण के...
खजुराहो का शिल्पग्राम इस प्राचीन शहर का मीत्वपूर्ण भाग है। यह भारत की संस्कृति और परंपरा के संरक्षण और प्रोमोशन के लिए सरकार द्वारा चलाया गया वेंचर है। यह केंद्र 1998 में शुरु किया गया और यह शहर के बीच में स्थित है। दुनिया के सामने भारतीय कला और संस्कृति की अद्भुत...
कालिंजर का किला खजुराहो पर्यटन का एक बड़ा आकर्षण है। एक पहाड़ी का चोटी पर स्थित इस किले में अनेक स्मारकों और मूर्तियों का खजाना है। इन चीज़ों से इतिहास के विभिन्न पहलुओं का पता चलता है। चंदेलों द्वारा बनवाया गया यह किला चंदेल वंश के शासनकाल की भव्य वास्तुकला का...
बेनी सागर बांध शानदार नदी खुद्दार पर बना हुआ है। यह राजसी बांध खजुराहो शहर के बाहरी इलाके में स्थित है। हराभरा वातावरण बांध के पास एक मनभावन माहौल बनाता है। बेनी सागर बांध 7.7वर्ग कि.मी. के क्षेत्र में फैला हुआ हे। यह बांध पर्यटकों के लिए एक विशेष आकर्षण है।
...अजेयगढ़ का किला खजुराहो से 80कि.मी. दूर है। यह विंध्य पर्वतमाला से संबंधित एक अलग पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यह किला चंदेल शासकों ने अपनी प्रजा को हमलों और घेराबंदी से बचाने के लिए बनवाया था। अजेयगढ़ का किला पहाड़ी की चोटी से नीचे बहती हुई केन नदी का एक मनमोहक...