सेंट जॉर्ज फेरोना चर्च जिसे स्थानीय रूप से एडापल्ली पल्ली के नाम से जाना जाता है, भारत के पहले रोमन कैथोलिक चर्चों में से एक है। यह चर्च एडापल्ली में स्थित है जो एक छोटा सा शहर है और कोच्चि से लगभग 10 किमी. की दूरी पर स्थित है। चर्च का एक इतिहास है जो 6 वीं...
गुरुद्वारा श्री गुरू सिंह साहब कोच्चि से केवल 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और केरल का एकमात्र गुरुद्वारा है। यह गुरुद्वारा 1955 में केरल मे अस्तित्व में आया और जैसा कि नाम से पता चलता है यह केरल के सिख समुदाय के लिए गुरू तक पहुँचने का रास्ता है। मूल रूप से यह...
सुभाष पार्क जिसे सुभाष चंद्र बोस पार्क भी कहा जाता है, कोच्चि का एक लोकप्रिय अवकाश स्थल है। यह पार्क कोच्चि के हृदयस्थल में स्थित है और महाराजा कॉलेज के बाजू में है। यह रेलवे स्टेशन से कुछ ही दूरी पर स्थित है और रास्ते द्वारा यहाँ आसानी से पहुँचा जा सकता है। इस...
सांता क्रूज़ कैथेड्रल बेसिलिका कोच्चि आने वाले किसी भी पर्यटक के यात्रा कार्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। यह कैथेड्रल फोर्ट कोच्चि में स्थित है और भारत के प्रथम चर्च में से एक है। इसका स्था देश के मौजूदा आठ बेसीलिकाओं में है।
बेशक यह एक विरासत इमारत है...
मालाय्त्तूर चर्च एक वैश्विक रूप से विख्यात धार्मिक केंद्र है जो मालाय्त्तूर पहाड़ी पर स्थित है। भक्त मौसम की परवाह किए बिना इस चर्च में आते हैं। किवदंतीयों के अनुसार ईसामसीह के प्रचारक सेंट थॉमस ने ईसामसीह के सुविचारों का प्रचार करने के उद्देश्य से इस पहाड़ी पर अपने...
डेविड हॉल एक विरासत इमारत है जिसका निर्माण डच ईस्ट इंडिया कंपनी ने किया था तथा यह फोर्ट कोच्चि के परेड मैदान में स्थित है। इस इमारत का नाम डेविड कोडर के नाम पर पड़ा जो यहूदी मूल का एक व्यापारी था तथा यहाँ कई शताब्दियों पूर्व रहता था।
इस प्राचीन विरासत इमारत...
भारत - पुर्तगाली संग्रहालय सद्भाव का एक उदाहरण है जो दो देशों और दो संस्कृतियों के बीच मौजूद है। इयह इस बात का भी उदाहरण है कि पुर्तगाली संस्कृति ने किस प्रकार कोच्चि के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जो विश्व के उत्तम बंदरगाह शहरों में से एक है।
...संथानागोपाला कृष्णस्वामी मंदिर कोच्चि में स्थित एक मंदिर हैं जो भारत के प्राचीन मंदिरों में से एक है। मंदिर में मिले हुए शिलालेख स्पष्ट रूप से यह बताते हैं कि यह मंदिर 947 ईस्वी का है। यह तथ्य बड़ी संख्या में पर्यटकों को दक्षिण भारत के इस मंदिर की ओर आकर्षित करने...
सेंट फ्रांसिस चर्च भारत का पहला यूरोपियन चर्च है जिसका निर्माण 1503 में किया गया। कई हमलों और अनगिनत समझौतों के साक्षी इस चर्च को कोच्चि के सांस्कृतिक इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। यह चर्च कोच्चि किले के बाजू में स्थित है।
इस चर्च के साथ एक बहुत...
कोच्चि का मरीन ड्राइव भी मुंबई के मरीन ड्राइव की तरह बनाया गया है। मरीन ड्राइव में भ्रमण कोच्चि के बैकवॉटर का मनोहर दृश्य प्रस्तुत करता है। यह स्थान स्थानीय लोगों और पर्यटकों में समान रूप से लोकप्रिय है क्योंकि यहाँ से समुद्र का अदूषित दृश्य देखा जा सकता है।
...मट्टनचेरी महल फोर्ट कोच्चि में स्थित है और यह डच महल के नाम से भी जाना जाता है। यह एक कलाकार को प्रसन्न कर देने वाला स्थान है क्योंकि यह उन विभिन्न संस्कृतियों का समृद्ध मिश्रण प्रस्तुत करता है जिन्होंने कोच्चि को अपना घर बनाया था।
प्रतिवर्ष पर्यटक इस...
म्यूज़ियम ऑफ केरल हिस्ट्री जिसे माधवन नायर फाउन्डेशन के नाम से भी जाना जाता है, केरल का समृद्ध और विविधतापूर्ण इतिहास प्रदर्शित करता है। कोच्चि के हृदयस्थल से 10 किमी. की दूरी पर स्थित यह संग्रहालय भगवान के स्वयं के देश की एक झलक को पाने का उत्तम तरीका है।
...मंगलवनम पक्षी अभयारण्य पक्षी प्रेमियों, पर्यटकों और पक्षीविज्ञानियों का प्रिय स्थान है। यह पक्षी अभ्यारण्य एर्नाकुलम में हाई कोर्ट (उच्च न्यायालय) की इमारत के ठीक पीछे स्थित है। इस पक्षी अभयारण्य में पक्षियों की कुछ दुर्लभ प्रजातियां तथा साथ ही साथ निवासी पक्षी भी...
मस्तफेद मिल्की – वे एक्वा टूरिस्ट विलेज, वैपिंन में मलिप्पुरम में एर्नाकुलम से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गाँव एक पर्यावरण अनुकूल फिश फ़ार्म है जहाँ के शांत और निर्मल वातावरण में आप मछली पकड़ने का आनंद उठा सकते है।
यह क्षेत्र गोश्री पुल द्वारा...