कोटा बैराज, समकालीन अवधि का एक इंजीनियरिंग चमत्कार माना जाता है जो शहर की कई आवश्यकताओं की पूर्ति के उद्देश्य से बना था। यह राजस्थान और मध्यप्रदेश के किसानों के लिए पानी का प्रमुख स्त्रोत है। इसके अलावा, यह बैराज, पानी में शक्ति पैदा...
सिटी फोर्ट पैलेस, कोटा में चंबल नदी के पूर्वी किनारे पर स्थित है जो राजस्थान में सबसे बड़े किला परिसरों में से जाना जाता है। यह महल कोटा शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। किले की बीहड़ दीवारें, गढ़े हुए गुम्बद और हैंड रेल्स की सजावट उस...
राजकीय संग्रहालय कोटा का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जो किशोर सागर झील के निकट स्थित बृज विलास पैलेस के अंदर बना हुआ है। संग्रहालय में दुर्लभ पुराने सिक्के, प्राचीन पांडुलिपियों और मूर्तियों का विशाल संग्रह है। प्रर्दशन के लिए रखी गई सभी मूर्तियों में से...
बरोली, कोटा से लगभग 45 किमी. की दूरी पर स्थित एक सुंदर जगह है। यह स्थल राणा प्रताप सागर के रास्ते पर स्थित है। बरोली का शांत और प्यारा वातावरण देशभर के यात्रियों को भारी संख्या में अपनी ओर आकर्षित करता है। यह जगह अपने पुराने और सुंदर...
गाराडिया महादेव मंदिर, कोटा का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है जो चंबल नदी के निकट स्थित है। यहां से चंबल कण्ठ और मैदानों का एक शानदार और यादगार दृश्य देखने को मिलता है। यह गंतव्य स्थल भी कोटा के प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट में से गिना जाता है।...
गोदावरी धाम मंदिर, चंबल नदी के किनारे पर स्थित है। यह कोटा के सुंदर मंदिरों में से एक है जो कि सफेद पत्थर से बना हुआ है। मंदिर के टॉवर काफी उच्च और प्रभावशाली हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु साल भर इस मंदिर दर्शन करने हेतू आते हैं।
कन्सुआ मंदिर, कोटा के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर में आकर्षण का मुख्य केंद्र चार सिर वाली देवता की मूर्ति है। भक्त भारी संख्या में साल भर यहां दर्शन करने आते हैं और...
कैथून, कोटा में हाथ से बनाई जाने वाली कोटा डोरिया साडि़यों के लिए जाना जाता है। यहां पर उत्तम क्वालिटी की फ्रैबिक वाले सूती कपड़े जिनमें सोने और चांदी के धागे की कशीदाकारी होती है, बड़ी मात्रा में बनाएं जाते हैं। इच्छुक पर्यटक, साडि़यों की...
अल्निया, कोटा के पास में स्थित है जो अपनी प्रागैतिहासिक नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है। इतिहासकारों और पुरातत्वविदों ने पुष्टि की है कि इन पत्थरों पर की गई नक्काशी यानि रॉक कॉरविंग पूर्व ऐतिहासिक काल की है। उन लोगों ने खोज में यह भी...
गुरूद्वारा आजमगढ़ साहिब, कोटा में सिखों के बीच एक महान धार्मिक महत्व रखता है। गुरूद्वारा में एक कटार और लकडी की एक जोड़ी चप्पल रखी हुई है। माना जाता है कि यह वस्तुएं सिखों के दसवें गुरू गुरूनानक साहिब की हैं। इसी जगह पर प्रसिद्ध कवि...
सीताबारी बरन के पास स्थित एक प्रसिद्द धार्मिक स्थल है। पौराणिक कथाओं के अनुसार यह वो स्थल है जहाँ श्री राम की पत्नी देवी सीता ने अपने पुत्रों यानी लव तथा कुश को जन्म दिया था। श्री राम द्वारा उनका त्याग करने के बाद देवी सीता अपने दोनों पुत्रों के साथ यहीं वास...
मधुराधीश मंदिर, कोटा के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर हिंदूओं के देवता भगवान कृष्ण और वल्लभ संप्रदाय जो कि कृष्ण जी के अनुयायी होते हैं को समर्पित है। भगवान कृष्ण की प्रेमिका राधा जी की मूर्ति भी मंदिर में देखी जा...
राव माधो सिंह संग्रहालय, कोटा का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है। इसका नाम कोटा के पहले राजा, राजा माधो सिंह के नाम पर पड़ा था। यह पहले एक किला था जिसे बाद में संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया था। इस संग्रहालय में कई नमूने, कालानुक्रमिक तरीके से प्रदर्शित...
गैपरनाथ, कोटा के निकट स्थित एक सुरम्य झरना है। सुंदर वातावरण और शांत माहौल के कारण यह स्थल एक आर्दश पिकनिक स्पॉट है। यहां आकर पर्यटक ऊपर से गिरते ठंडे - ठंडे पानी का आनंद उठा सकते है।
रानी जी की बावड़ी ( सीढ़ीदार कुआं ) का निर्माण 1699 में रानी नाथावती द्वारा करवाया गया था जो राव की सबसे कम उम्र की रानी थी। वाओरीस यानि बावड़ी ने भारत में मध्ययुगीन काल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, इसी कारण इसे महत्वपूर्ण सामाजिक...