एल्क जलप्रपात कोटागिरी से 7 किलोमीटर दूर स्थित हैं, तथा यद्पि नाम का अर्थ कुछ और है, क्योंकि इसका वास्तविक एल्क से बहुत कम लेना देना है। इसलिए इस स्थान पर आप इस उम्मीद से न जाएं कि आपको बारहसिंगा के झुंड चरते नजर आयेंगे, अन्यथा आपको निराशा ही हाथ लगेगी।
...कैथरीन जल प्रपात का नाम, यहां कोटागिरी में कहवा के उत्पादन को शुरू करने वाले व्यक्ति, एम. डी. कोकबर्न की पत्नी के नाम पर रखा गया है। दोनों मिस्टर व मिसेज कोकबर्न कोटागिरी में सबसे पहले बसने वाले लोगों में से एक हैं। यह एक सोपानी जलप्रपात है जो 250 फिट की ऊंचाई से...
जान सुलेवान मेमोरियल, कोटागिरी शहर के केंद्र से 2 किलोमीटर केनेरीमुक्कु स्थान पर स्थित है। जान सुलेवान ऊटी में बसने वाला पहला अंग्रेज सिविल सर्वेंट था। आज नीलगिरी जैसा है, यह उसी की वजह से है। अपने जीवन काल में वह नेटिवों के पक्ष में किये गये प्रयासों के लिए...
लांगवड शोला, दो नामों से मिलकर बना है अथवा यह दो वन्य जीवों की प्रजातियों की ओर ध्यान को ले जाता है- एक भारतीय भैंसा तथा दूसरा गादुर। लांगवुड शोला कोटागिरी में स्थित प्राकृतिक रूप से हरे भरे सदाबहार वन हैं, जहां ये दोनों वन्य जीव मुख्य रूप से पाये जाते हैं।इनके...
नीलगिरी म्यूजियम उसी पेथाकल बंगले में है जहां जान सुलेवान मेमोरियल व नीलगिरी डाक्यूमेंटेशन सेन्टर है। यह म्यूजियम नीलगिरी के इतिहास की स्पष्ट तस्वीर प्रस्तुत करता है तथा देश के प्रथम हिल स्टेशन ऊटाकामुंड से लेकर वर्तमान तक की यात्रा के प्रत्येक काल से अवगत कराता...
रंगास्वामी स्तम्भ एवं शिखर समुद्र तल 1794 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। ये कोटागिरी से लगभग 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित हैं तथा उन पर्यटन आकृषणों का हिस्सा है: जिनके लिए यह हिल स्टेशन प्रसिद्ध है। रंगास्वामी शिखर नीलगिरी के स्थानीय लोगों के लिए बड़ा महत्वपूर्ण स्थल...
अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण टर्मिनस कंट्री के नाम से विख्यात ,कोडानड व्यू प्वाइंट कोटागिरी से 18 किलोमीटर दूर स्थित है। आपके किसी हिल स्टेशन पर जाने की कई वजहें हो सकती हैं- पर्वतों की प्राकृतिक खूबसूरती व शांति का लुत्फ लेना दुर्लभ प्रजातियों के पशुओं को नजदीक से...
नेहरू पार्क, कोटागिरी के मुख्य नगरीय क्षेत्र से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एक निजी पार्क है, जहां आगन्तुकों के दिल को सुकून पहुंचाने के साधन मौजूद हैं। पार्क के भीतर कोटागिरी की मूल निवासी कोटा जनजाति का एक मंदिर है। पार्क में धार्मिक सभा हेतु सभागार...
स्नोडेन शिखर मैसूर के सांसों को थाम देने वाले विहंगावलोकन के लिए प्रसिद्ध है। नीलगिरी में यह एक मात्र ऐसा स्थल है, जहां से आप मैसूर के खूबसूरत दृश्यों का अवलोकन कर सकते हैं। यह कोटागिरी मुख्य मार्ग पर स्थित है तथा समुद्र तल से 2677 मीटर की शानदार ऊंचाई पर स्थित...