नट्टकम, कोट्टयम का एक छोटा सा गांव है जो पाल्लोम तालुक में पड़ता है। यह कोट्टयम शहर से लगभग 6.5 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस गांव की सुंदरता, यहां की प्राकृतिक हरियाली और आकर्षक पृष्ठभूमि में निहित है। गर्मियों के मौसम में यहां प्रवासी पक्षियों की कई...
पनाचिकादू, कोट्टयम् जिले में स्थित एक अन्य छोटा सा गांव है। यह छोटा सा सुखद गांव, कोट्टयम् और चंगानस्सेरी की मुख्य सड़क पर स्थित है। पनाचिकादू गांव, कोट्टयम् से लगभग 11 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह गांव, अपने यहां बने सरस्वती मंदिर के...
इलावीझापुनचिरा, दर्शकों के बीच स्थित प्रसिद्ध एक सुंदर पिकनिक स्पॉट है। यह छोटी पहाड़ी की गोद में फैली है जो इसे और भी आकर्षक बना देती है। यह समुद्र स्तर से 3200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह जगह ट्रैकर्स के बीच भी पसंदीदा है। शटर बग को पसंद करने वाले भी...
सुब्रमण्य स्वामी मंदिर, चंगनाचेरी में कोट्टयम से लगभग 20 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह केरला के कुछ मंदिरों में से है जो भगवान सुब्रमण्य को समर्पित है। यह मंदिर काफी प्राचीन है जो लगभग 753 ई्. का आंका जा रहा है। यह पहला ऐसा मंदिर है जो जाति, वर्ग और...
थझाथंगाडे जुमा मस्जिद, एक विरासत क्षेत्र के रूप में सूचीबद्ध है और कोट्टयम के पास एक छोटे से टाउन थझाथंगाडे में स्थित है। यह मस्जिद काफी प्राचीन है जो कई सहस्राब्दी से मौजूद है। लगभग हजार साल पुरानी यह मस्जिद भारत में स्थापित पहली मस्जिद है।
...पल्लीप्परथू कावू, कोट्टयम के दक्षिणी भाग में स्थित है जिसे कोडीमाथा के नाम से पुकारा जाता है। इस मंदिर के मुख्य देवता भद्र काली हैं। ऐथिहया माला लिखने वाले, परिवार कोट्टाराथी सानकुन्नी, इस मंदिर के मालिक हैं। पल्लीप्परथू कावू के मंदिर...
कोट्टाथावलम, कोट्टयम से लगभग 70 किमी. की दूरी पर स्थित है। कुरीसुमाला की मुरूगन पहाडि़यों के पास स्थित यह एक अद्भूत गुफा है। यह जगह, कोट्टयम के प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षणों में से एक है। इस गुफा तक पत्थरों पर बनी सीढि़यों के रास्ते से पहुंचा जा सकता...
कोट्टयम का सरस्वती मंदिर, केरल का अकेला एक ऐसा मंदिर है जो देवी सरस्वती को समर्पित है। इस मंदिर को दक्षिणा मूकाम्बिका के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर, चिंगावनम के पास स्थित है। स्थानीय विश्वासों के अनुसार, इस मंदिर को किझेप्पुरम नंबूदिरी...
पुंजार पैलेस, पुंजार में कोयट्टम से पाला - इराट्टुपेट्टा मार्ग पर स्थित है। यह महल, केरल की समृद्ध विरासत का सबूत है। इस महल में शाही प्राचीन वस्तुएं, खूबसूरत मूर्तियां और पत्थरों पर बनी लैम्प आदि आज भी मौजूद हैं। आप यहां सुंदर फर्नीचर भी देख...
थिरूवेरपू मंदिर, केरल के अन्य महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है जो भगवान कृष्ण को समर्पित है। यह मंदिर, मीनाचिल नदी के किनारे कोट्टयम् से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। माना जाता है कि यह मंदिर लगभग 1500 साल पुराना है। इस मंदिर के साथ कई किंवदंतियां...
थिरूनक्करा महादेव मंदिर, भगवान महादेव को समर्पित है जिसे 16 वीं शताब्दी के शुरूआत में राजा थेक्कूमकुर के द्वारा बनवाया गया था। यह कोयट्टम् के मुख्य शहर में स्थित है। यह मंदिर केरल शैली में बना हुआ है। इस मंदिर का कुथामबलम अपनी डिजायन के लिए...