मांडवी – बंदरगाह और आत्माओं की थिरकन
मांडवी कच्छ का प्रमुख बंदरगाह है तथा मुंबई या सूरत के पहले यह गुजरात का भी प्रमुख बंदरगाह था। पूर्वी अफ्रीका, फारस की खाड़ी, मालाबार तट और दक्षिण – पूर्वी एशिया से जहाज......
मोरबी - हैंगिंग ब्रिज का आश्चर्य
मोरबी, गुजरात राज्य का एक शहर है जो मच्छु नदी के तट पर स्थित है। यह शहर, पारंपरिक और यूरोपियन शैली की वास्तुकला का अद्भूत मिश्रण है। इस शहर का झूला पुल उस युग की......
जामनगर – जामों का शहर
1540 ई. में जाम रावल ने जामनगर शहर को नवानगर रियासत की राजधानी के रूप में स्थापित किया। यह शहर रणमल झील के इर्द-गिर्द बसा है तथा रंगमती और नागमती नदियों के संगम पर स्थित है। बाद......
द्वारका – गुजरात का पवित्र स्वर्ग
द्वारका शहर को संस्कृत में द्वारावती कहा जाता है तथा यह भारत के सात प्राचीन शहरों में से एक है। यह शहर भगवान कृष्ण का घर था। हमारे धर्म ग्रंथों में ऐसा कहा गया है कि केवल यही एक......
गांधीधाम - एक सभ्य शहर
भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान से बड़ी संख्या में सिंधी भारत आ गए। पाकिस्तान के इन शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए गांधीजी के अनुरोध पर कच्छ के महाराज विजयराज जी खेंगार जी जडेजा ने......
राजकोट पर्यटन - महात्मा गांधी के लकड़कपन का घर
राजकोट, सौराष्ट्र राज्य की पूर्व राजधानी के रूप में प्रसिद्ध है। हालांकि, राजकोट अब कोई राजधानी नहीं है लेकिन इसका अतीत अत्यंत सुंदर और गरिमामयी है। ऐतिहासिक......
भुज - राजहंसों का विश्राम गृह
भुज गहरी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के साथ एक शहर है और यह कच्छ का जिला मुख्यालय भी है। शहर का नाम पहाड़ी भुजियो डुंगर के नाम पर पड़ा है, जो शहर के पूर्वी हिस्से में स्थित है और इसे......
वांकानेर - निहारने लायक अद्भुत दर्शनिय स्थल
वांकानेर का नाम इसके लोकेशन पर पड़ा। यह मच्छु नदी के पानी या 'नेर' के मोड़ या 'वांका' पर स्थित है। वांकानेर झाला राजपूतों द्वारा शाशित राजसी राज्य था इसलिए इसे झालावर के नाम से भी......
धोलावीरा - हड़प्पा का शहर
धोलावीरा को यहां पाए गए हड़प्पा सभ्यता के अवशेष ने प्रसिद्ध बनाया है। यह जगह सिंधु घाटी सभ्यता की महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थलों में से एक है, धोलावीरा कच्छ के रण में खदिर बेट......