पैराग्लाइडिंग लेह आने वालों के बीच सबसे लोकप्रिय खेल है। जिसका आयोजन यहाँ सिन्धु नदी के तट पर किया जाता है। 11000 फीट की ऊंचाई पर स्थित होने के कारण लेह पैराग्लाइडिंग के लिए पूरी तरह उपयुक्त है। यहाँ पैराग्लाइडिंग के लिए सबसे अच्छा समय ...
ट्रेकिंग यहाँ का एक अन्य आकर्षण है जिसे रोमांच के शौकीनों के द्वारा किया जाता है यहाँ आने वाले पर्यटक ट्रेकिंग के जरिये बर्फीली चोटियों का दीदार करते हैं ये जगह इतनी सुन्दर है की यहाँ ट्रेकिंग का अपना एक अलग ही मज़ा है। अनुभवी और प्रशिक्षित ट्रेकर्स यहाँ स्थित...
शांति स्तूप, जम्मू एवं कश्मीर में लेह के चंग्स्पा के कृषि उपनगर के ऊपर स्थित है, जिसका निर्माण शांति संप्रदाय के जापानी बौद्धों ने कराया था। शांति स्तूप दो शब्द से मिलकर बना है एक शांति और दूसरा स्तूप स्तूप का शाब्दिक अर्थ खम्बा होता है जो...
स्तकना मठ एक सुनसान चट्टान पर 60 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। ये स्थान लेह से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जिसकी खूबसूरती बेमिसाल है। इस मठ में कई सारे चित्रों और कलाकृतियों का संग्रह किया गया है जिनकी देखरेख तिब्बती बौद्ध धर्म के दृक्पा संप्रदाय के बौध...
कर्मा दुप्ग्युद चोएलिङ्ग मठ की देख रेख तिब्बती बौद्ध धर्म के एक संप्रदाय करमापा द्वारा की जाती है। कर्मापा का शाब्दिक अर्थ है 'जो बुद्ध के गतिविधियों का पालन करे'। यह मठ तिब्बती बौद्ध धर्म के प्रोत्साहन और उनकी संस्कृति...
स्टोक पैलेस, राजा सेस्पाल तोंडुप नामग्याल द्वारा 1825 में निर्मित किया गया था।ये स्थान सिंधु नदी से 15 किमी की दूरी पर स्थित है। इस महल में 108 खंडों में कंग्युर मौजूद हैं जो यहाँ के पवित्र ग्रन्थ है। इस स्थान का इस्तेमाल राजा...
स्पितुक मठ जम्मू कश्मीर के लद्दाख में स्थित है। इसे स्पितुक गोम्पा के नाम से भी जाना जाता है। ये मठ लेह से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मठ का निर्माण 11 वीं शताब्दी में ओद डी द्वारा करवाया गया था। यहाँ आने वाले पर्यटक इस शानदार मठ को इसकी...
जामा मस्जिद जो लेह के शहर में स्थित है, लद्दाख की राजधानी है। यह मस्जिद, मुस्लिम सूफी संत, मीर सैयद अली हमदान के सम्मान में बनाया गया था। इसका विशाल ऐतिहासिक महत्व है। जामा मस्जिद का निर्माण लद्दाख के तत्कालीन शासक,...
थिकसे मठ लेह से 19 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जो मध्यकालीन युग को दर्शाता है। एक एक 12 मंजिला ऊंची ईमारत है जो इलाके का सबसे बड़ा मठ है। यहाँ आने वाले पर्यटक सुन्दर और शानदार स्तूप, मूर्तियाँ, पेंटिंग,थांगका और तलवारों को देख सकते हैं जो यहाँ के गोम्पा में...
वज्र भैरव तीर्थ लेह से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यहाँ का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। इस स्थान का निर्माण तांत्रिक देव या गेलुन्ग्पा को सम्मान देने के लिए किया गया था। इस तीर्थ के द्वार आम भक्तों के लिए साल में सिर्फ एक बार ही खोले जाते हैं यहाँ के स्थानीय लोगों...
माउंटेन बाइकिंग लेह का एक प्रमुख आकर्षण है जो यहाँ का प्रमुख खेल माना जाता है। इस खेल को यहां खासी लोकप्रियता भी हासिल है। ये वो स्थान है जहाँ दुनिया भर के पर्यटक माउंटेन बाइकिंग के लिए आते हैं। यहाँ रोमांच के प्रेमियों के लिए उत्तम सड़क है। यहाँ माउंटेन बाइकिंग...
टी समो मठ का निर्माण महाराजा ताशी नामग्याल जो नामग्याल वंश के राजा थे द्वारा कराया गया है। जिन्होंने 15 वीं शताब्दी के दौरान लेह पर शासन किया था। वर्तमान में शकर गोम्पा के बौध भिक्षु इस मठ की देख रेख करते हैं। ये एक एक विशाल, 3 मंजिला संरचना है आने वाले...
लेह पैलेस राजा सेंगे नामग्याल द्वारा 17 वीं सदी में बनाया गया था। महल की इमारत ल्हासा में पोताला पैलेस, जो की तिब्बत में है, की तरह है। जब डोगरा के बलों ने ,19 वीं सदी में लद्दाख पर कब्ज़ा कर लिया था, तब शाही...