लेपाक्क्षी, आंध्र प्रदेश के दक्षिणी राज्य में स्थित गांव अनंतपुर का एक आकर्षक हिस्सा है। यह कर्नाटक में बंगलुरू से 120 किमी. और हिंदपुर शहर से 15 किमी. की दूरी पर स्थित है। छोटे होने के बावजूद भी यहां कई ऐतिहासिक और धार्मिक महत्वता वाले स्थल मौजूद है। यह स्थान, दक्षिण भारत में तीन मंदिरों के कारण प्रसिद्ध है जो भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान विदर्भ को समर्पित है।
यहां का अन्य आकर्षण, एक छोटी सी पहाड़ी है जो एक कछुए के आकार की है। इस पहाड़ी का नाम कुरमा शैला के नाम पर रखा गया है और इस पहाड़ी पर श्रीराम, रघुनाथ, वीरभद्रा, पापनाथेश्वर और देवी दुर्गा के मंदिर स्थित है। यहां के मंदिरों की बाहरी नक्काशी, शिल्पकला के उत्कृष्ट नमूने है जिन्हे विश्वकर्मा वास्तुशिल्पियों के द्वारा उत्कृष्ट तरीके से निर्मित किया गया है।
कई लोगों का मानना है कि विख्यात विश्वकर्मा वास्तुकार अमाराशिल्पी जानकाचारी ने इस मंदिर के डिजाइन को तैयार किया है। वास्तव में, उस समय के प्रसिद्ध वास्तुकारों ने जिनमें काकोजु और मोरोजु भी शामिल है, ने इस मंदिर की दीवारों पर नक्काशी में मदद की थी। इन मंदिरों की दीवारों पर प्रसिद्ध हिंदू महाकाव्यों रामायण और महाभारत के दृश्यों को उकेरा गया है।
दिलचस्प बात यह है कि इस मंदिर में बनाई गई डिजाइन, लेपाक्क्षी साडी को डिजाइन करने में प्रेरणा प्रदान करती है। इस क्षेत्र के मंदिरों में नक्काशीदार खंभे, एक पहाडी चैन, दुर्गा पादम, वास्तु पुरूष, एक रेसिंग महिला, और कई अन्य विषयों पर काफी कुछ बना हुआ है। मंदिर की छतें बेहद सुंदर और खूबसूरत पेटिंग्स से ढकी है। इन्हे बनाने में सुंदर रंगों का प्रयोग किया गया है।
लेपाक्क्षी और उसके आसपास स्थित पर्यटन स्थल
लेपाक्क्षी का मुख्य आकर्षण यहां के मंदिर है जो दक्षिण भारत के सभी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते है। यहां स्थित मंदिर, भगवान वीरभद्र को समर्पित है। यहां दक्षिण भारत के हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते है।
लेपाक्क्षी का मौसम
लेपाक्क्षी का मौसम, साल के सभी महीनों में सुखद रहता है, बस गर्मियों के दौरान थोड़ा असहज हो जाता है।
लेपाक्क्षी तक कैसे पहुंचे
लेपाक्क्षी तक यातायात के सभी साधन मौजूद है। यहां कोई रेलवेस्टेशन या एयरपोर्ट नहीं है लेकिन सड़क मार्ग द्वारा पर्यटक यहां की सैर कर सकते है। यह शहर वास्तुकला और रंग का शहर है जहां पर्यटक भ्रमण के लिए आसानी से पहुंच सकते है।