मिजोरम के सात ज़िलों में से एक है लुंगलेई। यह शहर का दूसरा सबसे प्रमुख जिला है और इसका जिला मुख्यालय जो इसी नाम से है यहाँ का दूसरा बड़ा इलाका है। लुंगलेई जिसको लुंगलेह भी कहते हैं का मतलब 'पत्थर का पुल' होता है। वह पत्थर जो पुल की तरह लगता था(न्घासी जो त्लावंग नदी की उपनदी थी) के आस पास की नदियों में पाया जाता है। इसी पत्थर से लुंगलेई का नाम पड़ा है।
लुंगलेई शहर वनस्पति और जंतु समूह के मामले में धनवान है। यह किसी भी प्रकृति प्रेमी के लिए सही जगह है क्योंकि शहर के आस पास कई गुप्त स्थान हैं। लुंगलेई से करीबन 50 किलोमीटर दूर मुआल्चेंग गाँव में भगवान बुद्ध की खुदी हुई छवि है। रोचक बात यह है कि यह इस शहर का एकमात्र बौद्ध अवशेष है और आज तक यह एक रहस्य है कि इसकी उत्पत्ति कहाँ से हुई जो लुंगलेई पर्यटन को और भी रोचक बना देता है।
लुंगलेई और उसके आस पास के पर्यटन स्थल
लुंगलेई जिले में कई पर्यटन स्थल हैं खौनग्लुंग वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी, कौमज़वी पार्क, सैकुती हॉल और मिजोरम का दूसरा घास का फुटबॉल ग्राउंड थुआम्लूआइआ मुआल। लुंगलेई पर्यटन अपने पिकनिक स्थल के लिए भी मशहूर है जो नदियों के किनारे बसा है।
लुंगलेई कैसे पहुंचें
लुंगलेई का जिला मुख्यालय अईज़वाल से 175 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और अईज़वाल मिजोरम की राजधानी भी है। लुंगलेई राजधानी से अच्छी तरह से जुड़े होने के बावजूद यह मिजोरम के दूसरे इलाकों से भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
लुंगलेई का मौसम
लुंगलेई में पूरे साल मौसम सुहाना रहता है। सभी तीन मौसम में तापमान मुश्किल से सहनीय स्तर से ऊपर जाता है और इस कारण पर्यटक यहाँ साल में किसी भी समय आ सकते हैं।