महाबलीपुरम को आधिकारिक तौर पर मामाल्लापुरम के नाम से जाना जाता है जो तमिलनाडु राज्य के कांचीपुरम शहर में स्थित है। इस शहर को 7 वीं शताब्दी के पल्लव वंश के शासन के दौरान बंदरगाह शहर के रूप में जाना जाता है जिसका निर्माण 7 वीं से 9 वीं शताब्दी के बीच हुआ था।
इस शहर में कई ऐतिहासिक स्मारक मौजूद है। इन स्मारकों को यूनेस्को विश्व विरासत स्थल के रूप में वर्गीकृत किया गया है। महाबलीपुरम, बंगाल की खाड़ी के सामने स्थित है और कोरोमंडल तट पर स्थित है। पल्लव वंश के स्वर्ण युग के दौरान, 650 - 750 ई. में महाबलीपुरम में कला, वास्तुकला, कविता, ड्रामा, और अन्य सांस्कृतिक पहचान वाले पहलुओं को बढ़ावा दिया गया था, जिन्हे आज भी यहां देखा जा सकता है।
महाबलीपुरम और उसके आसपास स्थित पर्यटन स्थल
जैसा कि तथ्यों से पता चलता है कि महाबलीपुरम को पल्लव वंश के दौरान काफी विकसित किया गया था। महाबलीपुरम में पत्थरों को काटकर बनाई गई चट्टानें, चांदी से चमकते रेतीले तट, वृक्ष, और एक चट्टान पर बने नक्काशीदार मंदिर आदि स्थान पर्यटकों के लिए सदैव आकर्षक का केंद्र रहे है। महाबलीपुरम में पर्यटकों के देखने के लिए कई आकर्षक स्थल है और इनमें से कृष्णा मंडपम, पांच रथ, वाराह मंडपम और शोर मंदिर शामिल है।
इस स्थान से चोलामदल आर्टिस्ट गांव भी मात्र 30 किमी. की दूरी पर स्थित है, यहां आकर कई प्रकार के चित्र, क्राफ्टी आर्टिकल और शिलालेख देखे जा सकते है। महाबलीपुरम समुद्र तट का पल्लव वंश के विकास में अभूतपूर्व योगदान रहा है और पर्यटक इन समुद्र तटों की सैर सुबह से शाम तक कर सकते है।
यहां का समुद्र तट, शहर से 5 किमी. की दूरी पर स्थित है। यहां एक मंदिर भी स्थित है जो देवी दुर्गा को समर्पित है। इसक अलावा, यहां एक टाइगर गुफा और घडि़याल बैंक भी है जो पर्यटकों के लिए प्रसिद्ध पिकनिक स्थल है।
महाबलीपुरम तक कैसे पहुंचे
महाबलीपुरम, राज्य और देश के कई शहरों और राज्यों से यातायात के विभिन्न साधनों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। महाबलीपुरम में सैर करने के टैक्सी भी मिल जाती है। महाबलीपुरम तक एयर, ट्रेन और बस के द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां के स्थानीय लोग तमिल या अंग्रेजी में बात करते है।
महाबलीपुरम का मौसम
समुद्र तट के नजदीक स्थित होने कारण यहां की जलवायु आर्द्र रहती है।