दरिया खान का मकबरा, मांडू का एक महत्वपूर्ण कलाकृति है। इस मकबरे की सैर करने का मतलब है कि आप किसी और युग की सैर कर रहे है, यहां आकर पर्यटक कलाकृति और बारीक नक्काशी को देख सकते है जो बेहद अद्भुत है। जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है कि यह दरिया...
होसांग मकबरा, भारत की पहली संगमरमर संरचना है और यह अफगान स्थापत्य कला का बेहतरीन उदाहरण है। इस मकबरे की अविश्सनीय गुंबदें और मेहराबें, ताजमहल के लिए प्रेरणा रही थी। इस मकबरे के द्वार पर नीले तामचीनी सितारें और दक्षिण द्वार पर कमल के फूल यहां की...
रेवा कुंड एक अन्य स्मारक है जो बाज बहादुर और रूपमती की प्रेम कहानियों को समर्पित है। रेवा कुंड एक कृत्रिम झील है जिसे बाज बहादुर ने रूपमती मंडप में पानी की आपूर्ति के लिए बनवाया था। इस झील में प्राकृतिक प्रसिद्धि के अलावा धार्मिक प्रकृति भी है।
...छप्पन महल संग्रहालय में जनजातीय प्राचीन कलाओं और शिल्प का प्रर्दशन किया जाता है। मांडू के भूगोल में हाल ही में एक अतिरिक्त परिवर्तन हुआ है, इस संग्रहालय में ऑडियो, वीडियो और लाइट्स का प्रदर्शन काफी नवीनतम तकनीकी से किया गया है। राज्य...
मालिक मुगीस मस्जिद, मांडू में सबसे पुराने इस्लामी धार्मिक स्थानों में से एक है। इस मस्जिद का निर्माण 1432 ई. के आसपास हुआ था और एक ऐतिहासिक इमारत का एक हिस्सा है जो 15 वीं शताब्दी में सागर तालाब के आसपास बनवाई गई थी। इस मस्जिद की मुख्य...
दरवाजिस का अर्थ होता है - दरवाजे या द्वार । यह स्मारकों के शहर में प्रवेश द्वार के रूप में जाने जाते है। मांडू को इतिहास के पन्नों में उस समय से स्थान मिला, जब से शहर की परिधि में किले का निर्माण किया गया था। यह भारत के इतिहास में सबसे गढ़वाले नगरों...
भर्तृहरि गुफाएं, गुफाओं का एक समूह है। इस जगह का नाम एक ऋषि भर्तृहरि के नाम पर पड़ा है। राजा भर्तृहरि, राजा विक्रमादित्य के सौतेले भाई, एक विद्वान और एक कवि थे। उन्होने संस्कृत को आम आदमी की समझ में आने के लिए उसे सरल बनाने का प्रयास किया था। उनके...
श्री मांडवागढ़ तीर्थ मांडवगढ़, मांडू शहर में ही स्थित है। यह मंदिर, हिंदू धर्म के कुछ मूल धरोहरों में से एक है जो आज भी अस्तित्व में है। मांडवगढ़ को मांडू के नाम से भी जाना जाता है और इसे सिटी ऑफ जॉय के नाम से भी जाना जाता है। शहर के अंदर होने के बावजूद भी इस...
बाघ गुफाएं, मांडू के पास में ही स्थित है जो नौ गुफाओं के समूह है और बौद्ध धर्म से जुड़ी हुई है। इन गुफाओं की भीतरी दीवारों पर सुंदर अलंकरण बना हुआ है जो मांडू में देखने लायक स्थल है। इन गुफाओं को सही से दिनांकित नहीं किया जा सकता है लेकिन फिर भी यह लगभग 400...
दाई का महल एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। मांडू एक समृद्ध राज्य था, यहां के स्मारक, महल और इमारतें, प्रकृति के कई प्रकोपों से बच गए और आज भी मांडू के इतिहास की समृद्ध गाथा गाते है। दाई का महल, मांडू शहर के बीचों - बीच स्थित है जिसका शाब्दिक अर्थ...
रूपमती पॉवेलियन, उस काल की सबसे प्रचलित प्रेम गाथा की गवाह है। इस मंडप में अभी भी रानी रूपमती और बाज बहादुर की प्रेम गाथा एक गवाही के रूप में विख्यात है। यह प्रेम कहानी, धर्म और दुनिया के कई बंधनों से दूर एक प्रेम गाथा है जो मांडू की धरती से जुड़ी हुई है।...
बाज बहादुर महल, 16 वीं सदी की एक इमारत है जिसमें बड़ा सा आंगन, बड़ा सा हॉल और एक छत शामिल है, यहां से पर्यटकों को सांस को थाम लेने वाला दृश्य देखने को मिलता है। इस महल को देखने के लिए दूर - देश से यानि सारी दुनिया से पर्यटक आते है।
यह महल, रूपमती और...
रूपायन संग्रहालय, उन स्थानों में से एक है जहां पर्यटक अक्सर जाया करते है। इस संग्रहालय में कई विशेष वस्तुओं को दर्शाया जाता है जो यहां स्थायी और अस्थायी होती है। इस प्रदर्शनी में विज्ञान, कला और शिल्प, विकास या यहां तक कि इतिहास...
दाई की छोटी बहन का महल, स्मारकों का एक समूह है जो सागर तालाब के पास में स्थित है। यह स्मारक वास्तव में नर्स की छोटी बहन की समाधि है। प्राचीन भारत में समाज के ऊंचें वर्ग में एक नर्स की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती थी। नर्स दूसरी औरतों के...
हिंडोला महल, मांडू की शाही इमारतों में से एक है। इसे होसांग शाह के शासनकाल के दौरान बनाया गया था। इस महल का उपयोग मुख्य रूप से दरबार के रूप में किया जाता था जहां राजा बैठकर अपनी प्रजा की समस्याओं को सुनते थे। हिंडोला महल का शाब्दिक अर्थ होता है - झूलती...