क्रांति तीर्थ या श्यामजी कृष्णा वर्मा मेमोरियल (स्मारक) मांडवी से 4 किमी. की दूरी पर अरब सागर के समुद्र तट के पास स्थित है। इस स्मारक की नींव वर्तमान में गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 4 अक्टूबर 2009 को रखी थी। 56,318 वर्ग फुट की इस संरचना को बनने में...
मुंद्रा भारत का सबसे बड़ा निजी बंदरगाह है जो कच्छ के दक्षिणी किनारे पर मुंद्रा तालुका में स्थित है। यद्यपि किसी समय में यह बंदरगाह अपने नमक और मसालों के व्यापार के लिए जाना जाता था, परन्तु अब यह टाई एंड डाई और ब्लॉक प्रिंट टेक्सटाइल के लिए जाना जाता है।
मांडवी का शिप बिल्डिंग यार्ड रुक्मावती नदी के किनारे स्थित है। कुशल कारीगरों को जहाज़ बनाते हुए देखना एक यादगार अनुभव होता है। ये जहाज़ वे स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के लिए बनांते हैं। यहाँ मुख्य रूप से लकड़ी का कारोबार होता है।
विजय विलास महल का निर्माण सन 1929 में राव विजयराजजी ने करवाया था। राजपूत शैली में बना हुआ यह महल एक शानदार स्थान है जिसके मध्य में एक गुंबद है, किनारों पर बंगाल गुंबद हैं, रंगीन कांच की दीवारें हैं और पत्थर की दीवारों पर सुंदर नक्काशियां की गई हैं। यह महल बॉलीवुड...
कोड़े मांडवी से 10 किमी. की दूरी पर स्थित है तथा जैन मंदिर के लिए प्रसिद्ध है जहाँ अलग अलग 72 मंदिर हैं।
भद्रेश्वर मुंद्रा तालुका से 32 किमी. की दूरी पर स्थित है जो समुद्र तट से एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित है। यह धार्मिक महत्व का स्थान है जिसे उतनी प्रशंसा नहीं मिली जितनी मिलनी चाहिए थी। भद्रेश्वर गुजरात में स्थित जैनियों का प्रमुख तीर्थस्थल है। इस बात कोई...