लाबरांग मठ का शाब्दिक अर्थ होता है ‘लामा का निवास स्थान।’ 1814 में ग्यालशे रिगजिंग चेंपा से मान्यता मिलने के करीब 70 साल बाद 1884 में इस मठ का निर्माण करवाया गया था। इस मठ के भिक्षु तिब्बती बौद्ध धर्म के निन्यंगमपा स्कूल के सिद्धांतों का अनुसरण करते...
मंगन से 12 किमी दूर सिंघिक गांव 5200 फिट की ऊंचाई पर बसा है। यहां से कंचनजंघ और सिनिओलचु पहाड़ का विहंगम नजारा देखने को मिलता है। गांव में एक प्राचीन मठ है जो काफी प्रसिद्ध है। इसके अलावा यहां के पहाड़ और जंगल भी इसे पर्यटकों के बीच लोकप्रिय बना देते...
मंगन शहर से 8 किमी दूर स्थित रोंग लुंगटेन ली नम्परिकडांग के लेपचा संप्रदाय के परंपरागत घर से काफी मिलता जुलता है। यहां लेपचा समुदाय के दुर्लभ प्रचीन कलाकृतियों को भी प्रदर्शित किया जाता है।
रोंग लुंगटेन तीन हिस्सों में विभाजित है। इसके छत को फोडोंग कहा...
1983 में निर्मित सिरिजोंगा युमा मंघीम की वास्तुशिल्पीय बनावट पश्चिम बंगाल के मार्तम में स्थित सिरिजोंगा युमा मंघीम से मिलती-जुलती है। जनवरी के महीने में मनाए जाने वाले माघे संक्रांति के दौरान यहां पर्यटकों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।
माघे...