जाम मस्जिद को नाबिर खान ने बनवाया था जो औरंगज़ेब के शाशन में गवर्नर हुआ करता था। मस्जिद के प्रमुख आकर्षण हैं चार सजे हुए मीनार और गगनचुम्बी आकृति पर मोज़ेक का प्लास्टर। यह मस्जिद जन्मभूमि मंदिर के पास ही स्थित है जो हिन्दू और मुसलमानों के बीच के आपसी सौहार्द को...
मशहूर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर या कृष्ण जन्मस्थान हिन्दुओं के पूजन के लिए पावन धरती मानी जाती है। मंदिर परिशर के अन्दर एक कारागार जैसी संरचना है और ऐसा माना जाता है कि भगवान का जन्म यहीं हुआ था। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर जहाँगीर के शाशन में ओरछा के राजा वीर सिंह...
कंस किला यमुना नदी के तट पर बसा है। आज कल यह किला ध्वस्त स्थिति पर अपने समय में यह कृष्ण के मामा कंस का घर हुआ करता था। यह किला बड़े क्षेत्र में बना है और इसके दीवार काफी लम्बे। इस आकृति द्वारा हिन्दू और इस्लाम दोनों ही धर्म के वास्तुकला बनावट का बेहतरीन...
मथुरा में हिन्दू धर्म के आने से पहले शहर में बौद्ध और जैन धर्म का बोलबाला था। हालांकि बाद में मुग़ल शाशकों द्वारा अधिकतर मोनास्ट्री और मंदिरों को बर्बाद कर दिया गया। इनमें से कुछ अब भी मौजूद हैं और पूरे साल पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं।
मथुरा चौरासी जैन...
रंगेश्वर महादेव मंदिर एक सुन्दर पत्थरों से बना मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मथुरा शहर के दक्षिणी भाग में स्थित है। यह मंदिर दीवार पर चित्र और अभिलेख के कारण हिन्दू वास्तुकला का अद्भुत नमूना पेश करती है। यह क्षेत्र के कुछ मंदिरों में से एक है जो...
नाम योग साधना मंदिर स्वामी जय गुरुदेव के लिए बनवाया गया था जो एक परोपकारी संस्था चलाते हैं और सादा जीवन जीना सिखाते हैं जिससे लोग शाकाहारी बन जाते हैं और गुस्सा, लोभ, जुड़ाव और अहंभाव से मुक्ति पाते हैं। इस मंदिर के गुम्बद और खम्बे हिन्दू वास्तुकला का...
मथुरा भारत की सबसे पावन धरती में से एक मानी जाती है। यहाँ पर कई महत्वपूर्ण मंदिर हैं जो पूरे साल श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। एक ऐसा ही मंदिर है पोटारा कुंड जिसका मतलब है पावन दरवाज़ा। यह दरवाज़े वाली आकृति बलुआ पत्थर से बना है और यहाँ पुराने हिन्दू...
कई पर्यटकों के लिए भारत एक धार्मिक गन्तव्य स्थान माना जाता है। मथुरा भारत का पवित्र हिन्दू शहर होने के कारण कई श्रद्धालुओं को अपनी तरफ खींचता है जो यहाँ शान्ति और ज्ञान प्राप्त करने आते हैं। कई पर्यटक जय गुरुदेव आश्रम भी आते हैं जिसका नामकरण महान स्वामी जय गुरुदेव...
मथुरा-आगरा रोड पर स्थित श्री केशवजी गौडिया मठ दर्शन के लिए जानी मानी जगह है। यह मठ भगवान् कृष्ण के नाम पर पड़ा है। श्री श्रीमद भक्त्वेदांत नारायण महाराज उत्तर भारत के हिंदी बोलने वाले लोगों के बीच भक्ति की संस्कृति को फैलाने के लिए नियुक्त किया गया था। ...
मथुरा को उसके प्राचीन स्थल और धार्मिक जगहों के लिए जाना जाता है पर यहाँ का गीता मंदिर नया बना है और इसको भारत के नामचीन औद्योगिक परिवार, बिरला परिवार ने बनवाया है। गीता मंदिर के दीवारों पर हिन्दुओं की धार्मिक किताब भगवद गीता की सिक्षायें और मौलिक अवतरण अंकित...
मंदिरों के अलावा मथुरा अपने दूर तक फैले हुए घाट के लिए भी काफी मशहूर है। यह शहर यमुना नदी के किनारे बसा है। घात लम्बे होते हैं और यहाँ पत्थर की सीढ़ियाँ होती हैं जो गंगा नदी तक जाती हैं। यह नदी हिन्दुओं के लिए काफी पावन है और ऐसा माना जाता है कि इसमें डुबकी लगाने...
भूतेश्वर महादेव मंदिर, रंगेश्वर महादेव मंदिर की तरह भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर भारत का सबसे पुराना मंदिर है। शिवरात्रि के पावन पर्व पर श्रद्धालु यहाँ पूजा करने आते हैं। ऐसी जगह जहाँ लगभग सारे मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित हैं, यह एक ऐसा मंदिर है जो...
शहर के मुख्य डाक घर के सामने स्थित है रंगभूमि और यह ऐसी जगह है जिसका काफी महत्व है। कहानी के अनुसार यह जगह कुश्ती क्षेत्र हुआ करता था जहाँ कृष्ण ने अपने मामा के साथ कुश्ती की थी। कृष्ण ने यह कुश्ती जीतकर अपने माँ बाप को कंस के चंगुल से छुड़वाया था और अपने नाना को...
मथुरा का द्वारकाधीश मंदिर 1814 में सेठ गोकुल दास पारीख ने बनवाया था जो ग्वालियर रियासत का खजांची था। यह मंदिर विश्राम घाट के नज़दीक है जो शहर के किनारे बसा प्रमुख घाट है। भगवान कृष्ण को अक्सर 'द्वारकाधीश' या 'द्वारका के राजा' के नाम से पुकारा जाता था और उन्हीं के...
मथुरा संग्रहालय शहर के बीचों बीच स्थित है। यहाँ पर प्राचीन भारत के पुराने अवशेष और मूर्तियाँ रखीं हैं। यह खजाने करीबन 3 सेंचुरी बी सी पुराने हैं। यह संग्रहालय बादामी पत्थर से बना है। मथुरा और इसके आस पास की गई खुदाई से मिले अवशेष यहाँ पर रखे गए हैं। इसको...