उत्तरप्रदेश का मेरठ शहर विश्व का 63वां सबसे तेजी से बढ़ता शहरी क्षेत्र और भारत का 14वां सबसे तेजी से विकसित होता शहर है। इस शहर में उत्तर भारत का एक प्रमुख सैनिक छावनी भी है। साथ ही यह कई औद्योगिक गतिविधियों का भी गढ़ है। देश में खेल सामग्री और संगीत के उपकरण का सर्वाधिक उत्पादन मेरठ में ही होता है। इसके अलावा विश्व में रिक्शा के सर्वाधिक उत्पादन का श्रेय भी मेरठ को ही जाता है।
‘अल्फावाइज सिटी वाइब्रेंसी इंडेक्स: ए गाइड टू इंडियाज अर्बानाइजेशन’ शीर्षक से प्रकाशित यूएस फाइनांसियल सर्विस फर्म मोर्गन स्टानले की रिपोर्ट के अनुसार ‘वाइब्रेंसी’ के मामले में मेरठ दिल्ली और मुंबई से भी आगे है। भारत के अन्य क्षेत्रों की तरह मेरठ भी देश के आर्थिक तंत्र के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यहां बन रही रीयल इस्टेट परियोजना, जिसमें शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मॉल, सड़कें, फ्लायओवर और अपार्टमेंट्स शामिल हैं, इस बात के पुख्ता सबूत हैं।
मेरठ के आसपास के पर्यटन स्थल
भारत के अन्य शहरों की तरह ही मेरठ में भी ढेर सारे मंदिर और धार्मिक स्थल हैं। चंडी देवी मंदिर और मनसा देवी मंदिर में नवरात्रि के मौके पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। जामा मस्जिद में जहां मुस्लिम समुदाय के लोग पहुंचते हैं, वहीं जैन समुदाय श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए आते हैं।
सेंट जॉन चर्च और सरधाना चर्च ईसाई समुदाय के आस्था का केन्द्र हैं। वहीं बाले मियां की दरगाह और शाहपीर साहब की दरगाह पर हर समुदाय के लोग अपनी मनोकामना पूरी करने आते हैं। हरा-भरा इकोलॉजिकल पार्क और पाइन चील्ड्रेंस पार्क शहर की भागदौड़ और शोर व गुल के बीच सुकून भरा माहौल उपलब्ध कराता है। अप्पू घर बच्चों के लिए एक प्रसिद्ध अम्यूजमेंट पार्क है। इसके अलावा आजादी की लाड़ाई में अपने प्राणों की आहूति देने वाले स्वतंत्रता सैनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए शहीद स्मारक का निर्माण करवाया गया है।
कैसे पहुंचे
हवाई, रेल और सड़क मार्ग से मेरठ आसानी से पहुंचा जा सकता है।
घूमने का सबसे अच्छा समय
दिसंबर से फरवरी का समय मेरठ घूमने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।