मिदनापुर कभी कलिंगा साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था। ब्रिटिश शासनकाल के समय मिदनापुर ने भारत को कई स्वतंत्रता सैनानी दिए। वर्तमान में कंगसबती नदी के किनारे पर बसा यह शहर कोलकाता से नजदीक होने के कारण एक चर्चित पर्यटन स्थल है।
नामकरण की कहानी
इस शहर के नाम के पीछे की कहानी भी बड़ी रोचक है। हिंदू और मुस्लिम दोनों के पास इस शहर के नामकरण का अपना-अपना मत है। हिंदूओं का मानना है कि इस जगह का नाम स्थानीय देवी मेदनीमाता के नाम पर पड़ा है। वहीं मुस्लिमों का कहना है कि इस शहर का नामकरण उनके पवित्र शहर मदीना के नाम पर हुआ है। इसके पीछे उनका तर्क है कि यहां ढेरों मस्जिद और बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी है।
मिनदापुर और आसपास के पर्यटन स्थल
मिदनापुर में कई ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल हैं। इनमें शिव का चपलेश्वर मंदिर, जगन्नाथ मंदिर और कई मस्जिद व दरगाह प्रमुख हैं। देवी काली के भक्त अकसर यहां के बटाला मंदिर में जाते हैं। पश्चिम बंगाल के अन्य शहरों की तरह ही दुर्गा पूजा, सरस्वती पूजा और काली पूजा के दौरान मिदनापुर जाना सबसे अच्छा माना जाता है। इस दौरान शहर में आप ढेरों पंडाल देख सकते हैं और त्योहारी मौसम के कारण शहर नए रंग में नजर आता है।
मिदनापुर में शिक्षा
पर्यटन स्थलों के अलावा मिदनापुर में कई महत्वपूर्ण स्कूल और यूनिवर्सिटी भी हैं। यहां राज्य के कई बड़े शहरों से भी विद्यार्थी आते हैं। स्थानीय लोग सुबह और शाम में शहर में बने कई पार्कों में घूमने का आनंद उठाते हैं।
कैसे पहुंचें
मिदनापुर हवाई, सड़क और रेल मार्ग से प्रमुख स्थानों से अच्छे से जुड़ा हुआ है।