पहाड़ी इलाके, हरी घाटियाँ और घुमावदार नदियाँ भारत के सभी उत्तर पूर्वी राज्यों की आम विशेषताएँ हैं। उत्तर में सेवन सिस्टर्स में से एक, मिज़ोरम, नीले पहाड़ों और रोलिंग हिल्स में बसा एक छोटा सा सुंदर राज्य है। मिज़ो शब्द का अर्थ है पहाड़ी और रम का अर्थ है भूमि। पहले यह एक केंद्र शासित प्रदेश था लेकिन बाद में 1986 में यह एक राज्य बना दिया गया था।
प्रकृति का भरपूर मज़ा लेने के लिए मिज़ोरम पर्यटन अनेक अवसर प्रदान करता है। विदेशी वनस्पति और जीव, बांस के जंगल, कलकल करके बहते झरनें, खूबसूरत धान के खेत सभी प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। छिमतुईपुई या कलादान राज्य में बहने वाली सबसे बड़ी नदी है।
लोग और संस्कृति
मिज़ो या मिज़ोरम के लोगों के रंगीन और एथिकल कपड़े बहुत सुंदर होते हैं और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। ऐसा माना जाता है कि ये लोग यहाँ लगभग 300 साल पहले बसे थे। वे अपनी संस्कृति और परंपराओं से बहुत अधिक जुड़े हैं। मिज़ोरम के लोग बहुत साधारण, मददगार और मेहमाननवाज़ होते हैं। यहाँ के लोगों की आधिकारिक भाषा मिज़ो है और मुख्य धर्म ईसाई है।यहाँ के लोग बहुत प्रतिभाशाली ओर जीवंत हैं और गीत व संगीत में रुचि रखते हैं। संगीत उनकी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण भाग है। वे ड्रम बजाते हैं जिन्हें खौंग कहते हैं और जो लकड़ी और पशुओं की चर्बी से बनते हैं।
मिज़ोरम के त्योहार
मिज़ो लोग साल में कई त्योहार मनाते हैं। लुशेरी, मारा, लाई आदि कुछ महत्वपूर्ण उपजातियाँ हैं। आदिवासी त्योहार मिज़ोरम पर्यटन में रंग भर देते हैं। वसंत में आने वाला त्योहार चापचुर कुट मिज़ोरम के मुख्य त्योहारों में से एक है। प्रसिद्ध बांस नृत्य या चेरौ स्थानीय लोगों द्वारा बड़ी धूमधाम से किया जाता है।
एक दूसरा पारंपरिक नृत्य खुआल लैम मिज़ो द्वारा वसंत के आगमन को दर्शाने के लिए किया जाता है। इस त्योहार के दौरान स्थानीय लोग अपनी कुशल हस्तशिल्प और हैंडलूम की प्रदर्शनी लगाते हैं। चूंकि कृषि मिज़ोरम के लोगों का मुख्य व्यवसाय है, इसलिए भूमि की निराई थालफावयुंग कुट त्योहार के साथ मनाई जाती है। यह त्योहार लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। रीक पहाड़ पर मनाया जाने वाला तीन दिवसीय एंथूरियम त्योहार पर्यटकों के लिए एक बड़ा आकर्षण है। यह त्योहार हर साल सितंबर के महीने में मनाया जाता है और एंथूरियम के पूरी तरह से खिलने का प्रतीक है।
मिज़ोरम में और इसके आसपास के पर्यटन स्थल
सबसे बड़ी झील, पाला झील और ताम दिल या सरसों के पौधें की झील मिज़ोरम के दो सबसे बड़े पर्यटन आकर्षण हैं। राज्य की राजधानी होने के कारण आइज़ोल एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। लुंगलेई एक अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। यहाँ अनेक प्राचीन गुफाऐं हैं जो पर्यटकों को मूलभूत मिज़ोरम के बारे में पता लगाने का अवसर प्रदान करती हैं।
यहाँ डंपा वन्यजीव अभयारण्य, खौंगलुंग वन्यजीव अभयारण्य आदि कई वन्यजीव अभयारण्य हैं। ट्रैकर्स के लिए मिज़ोरम स्वर्ग जैसा है अज्ञेर फौंगपुई पहाड़ ट्रैकिंग के लिए यबसे अच्छे स्थानों में से एक है। पैरा ग्लाइडिंग इस इलाके का लोकप्रिय रोमांचक खेल है। यहाँ एक पैरा ग्लाइडिंग स्कूल हे जो मिज़ोरम के पर्यटन विभाग के साथ मिलकर पैरा ग्लाइडिंग गतिविधियाँ और त्योहार आयोजित करता है।
मिज़ोरम की जलवायु
मिज़ोरम की जलवायु हल्की होती है लेकिन मानसून के दौरान यहाँ भारी बारिश होती है। मिज़ोरम में गर्मियाँ सुहावनी होती हैं जबकि सर्दियाँ ठंडी होती हैं। हालांकि औसत तापमान 7 से 21 डिग्री से. के बीच होने के कारण सर्दियाँ अधिक कठोर नहीं होती हैं।