Search
  • Follow NativePlanet
Share
होम » स्थल » मुंगेर » आकर्षण
  • 01मुल्ला मोहम्मद सैयद की कब्र

    मुल्ला मोहम्मद सैयद की कब्र

    मुल्ला मोहम्मद सैयद कब्र औरंगजेब के दरबार के प्रसिद्ध कवि मुल्ला मोहम्मद सैयद की कब्र है। उन पर महान लोगों की कृपा दृष्टि थी तथा वे अशरफ़ के नाम से लिखते थे। इस कवि की मृत्यु वर्ष 1672 में हुई जब वे मक्का की मस्जिद के रास्ते में थे।

    + अधिक पढ़ें
  • 02मानपत्थर

    मानपत्थर अपनी तरह का एक स्थान है जो कष्टहरणी घाट के पास स्थित है। इस चट्टान पर दो पैरों के चिह्न मिलते हैं जो माना जाता है कि सीता के हैं जिन्होनें गंगा नदी पार करते समय चट्टान को स्पर्श किया था। इस चट्टान की लंबाई 250 मीटर और चौडाई 30 मीटर है। यहाँ एक छोटा मंदिर...

    + अधिक पढ़ें
  • 03काली पहाड़ी

    काली पहाड़ी

    काली पहाड़ी एक प्रसिद्ध चोटी है जिसका निर्माण देवी काली की पूजा करने के लिए किया गया था। किवदंती के अनुसार यह पहाड़ी दिव्य शक्ति का प्रतीक है। यह पिकनिक के लिए भी अच्छा स्थान है।

    + अधिक पढ़ें
  • 04सीता कुंड

    सीता कुंड

    सीता कुंड गर्म पानी का एक झरना है और ग्रिल्ड (चारों ओर जालियों से घिरा) है। पर्यटक पूरे वर्ष यहाँ की सैर करते हैं परन्तु माघ महीने की पूर्णिमा को इसका अलग महत्व होता है। एक लोककथा के अनुसार जब सीता लपटों में से प्रकट हुई थी तब उन्होंने अपने शरीर की जलन बुझाने के...

    + अधिक पढ़ें
  • 05साफिबाद मिर्ज़ा

    साफिबाद मिर्ज़ा

    सैफ खान को पहले मिर्ज़ा सैफी के नाम से जाना जाता था जो मुमताज़ महल, जिनकी स्मृति में ताजमहल बनाया गया है, की बड़ी बहन मलिका बानू के पति थे। सैफ खान ने लोक सुविधाओं के निर्माण का बीड़ा उठाया था। जमालपुर और साफीआसरा शहरों के निर्माण के लिए उनका बहुत सम्मान किया जाता है।...

    + अधिक पढ़ें
  • 06गोयनका शिवालय

    गोयनका शिवालय

    गोयनका शिवालय शिव के सभी मंदिरों में सबसे अधिक प्रसिद्ध है। यह प्राचीन और सबसे अधिक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ स्थानों में से एक है। यह मंदिर पानी की एक बड़ी टंकी के मध्य में बनाया गया है जो मछलियों से भरी हुई है तथा इन मछलियों को देखना आश्चर्यजनक अनुभव है। चारों ओर...

    + अधिक पढ़ें
  • 07उचेश्वरनाथ

    उचेश्वरनाथ

    उचेश्वरनाथ मंदिर खड़गपुर क्षेत्र में स्थित है तथा भगवान शिव को समर्पित है। यह एक प्रसिद्ध स्थान है जहाँ भगवान शिव की पूजा की जाती है। यहाँ रहने वाली संथाल जनजाति के लिए यह स्थान विशिष्ट महत्व रखता है क्योंकि यहाँ एक लोक मेला लगता है जिसमें आदिवासी परंपरा के अनुसार...

    + अधिक पढ़ें
  • 08खड़गपुर झील

    खड़गपुर झील

    खड़गपुर झील मुंगेर की झीलों में सबसे सुंदर झील है तथा दरभंगा के महाराजा द्वारा बनाये गए सरोवर के कारण इसकी सुंदरता और भी अधिक बढ़ गई है।

    + अधिक पढ़ें
  • 09मुंगेर किला

    मुंगेर किला मुंगेर का सबसे आकर्षक पर्यटन स्थल है जिसका निर्माण गुलाम राजवंश के समय में हुआ था, हालाँकि इसके निर्माण की कोई निश्चित तिथि ज्ञात नहीं है। किले में दो प्रमुख पहाड़ियां हैं जिन्हें करनाचौरा कहा जाता है तथा दूसरा एक आयताकार टीला है जहाँ कभी एक गढ़ होता था...

    + अधिक पढ़ें
  • 10मारुक

    मारुक

    मारुक खड़गपुर में स्थित दक्षिण की ओर जाने वाली एक पहाड़ी है जो मुंगेर से 13 किमी. की दूरी पर स्थित है। यदि आप परिवार या दोस्तों के साथ बाहर पार्टी करने या घूमने जाना चाहते हैं तो यह एक उचित स्थान है। इसका नाम मारुक होने के संदर्भ में कोई जानकारी नहीं है परंतु शायद...

    + अधिक पढ़ें
  • 11मालिनीपहार

    मालिनीपहार

    मालिनीपहार पहाड़ी खड़गपुर की पहाड़ियों में स्थित है जो भीमबांध से उत्तर – पूर्व की ओर सात किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पहाड़ी के नीचे अनेक झरने हैं जिन्हें जनमकुंड नाम दिया गया है क्योंकि ये झरने मिलकर अंजान नदी का स्त्रोत बनते हैं। यहाँ प्राकृतिक सुंदरता...

    + अधिक पढ़ें
  • 12श्री कृष्ण वाटिका

    श्री कृष्ण वाटिका

    श्री कृष्ण वाटिका एक उद्यान है जिसका नाम बिहार के पहले मुख्यमंत्री डॉ. श्री कृष्ण सिन्हा के नाम पर पड़ा है। यह एक चित्ताकर्षक उद्यान है जो कष्टहरणी घाट के ठीक सामने स्थित है। यहाँ आप गंगा नदी के मनोहर दृश्य तथा इस स्थान की हरियाली का आनंद उठा सकते हैं।

    + अधिक पढ़ें
  • 13भीमबंद वन्य जीवन अभयारण्य

    भीमबंद वन्य जीवन अभयारण्य

    मुंगेर का भीमबंद वन्य जीवन अभयारण्य पूरे देश में वनस्पतियों और जीवजंतुओं की दुर्लभ प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध है। यह मुंगेर के दक्षिण पश्चिम में खड़गपुर की पहाड़ियों पर स्थित है। इस अभयारण्य में चीता, जंगली भालू, नीलगाय, वन मुर्गी, सियार, पायथन और बार्किंग डियर जैसे...

    + अधिक पढ़ें
  • 14ऋषिकुंड

    ऋषिकुंड

    ऋषिकुंड गरम पानी का एक झरना है जो खड़गपुर पहाड़ी की दो चोटियों के बीच सीताकुंड से 6 किमी. की दूरी पर स्थित है। एक जलाशय के माध्यम से यह स्थान आसपास के क्षेत्रों के लिए लाभकारी है। एक चोटी के पश्चिमी छोर के निचले भाग से कुछ मिनिट के लिए बने गड्ढों से बुलबुले निकलते...

    + अधिक पढ़ें
  • 15कष्टहरणी घाट

    कष्टहरणी घाट

    कष्टहरणी घाट का उल्लेख वाल्मीकि की रामायण में मिलता है जिसके अनुसार राक्षसी तारका को मारने के बाद भगवान राम अपने भाई लक्ष्मण के साथ कुछ समय के लिए यहाँ रुके थे। ऐसा भी कहा जाता है कि जब भगवान राम सीता के साथ विवाह करके मिथिला से अयोध्या वापस लौट रहे थे तब उनके...

    + अधिक पढ़ें
One Way
Return
From (Departure City)
To (Destination City)
Depart On
28 Mar,Thu
Return On
29 Mar,Fri
Travellers
1 Traveller(s)

Add Passenger

  • Adults(12+ YEARS)
    1
  • Childrens(2-12 YEARS)
    0
  • Infants(0-2 YEARS)
    0
Cabin Class
Economy

Choose a class

  • Economy
  • Business Class
  • Premium Economy
Check In
28 Mar,Thu
Check Out
29 Mar,Fri
Guests and Rooms
1 Person, 1 Room
Room 1
  • Guests
    2
Pickup Location
Drop Location
Depart On
28 Mar,Thu
Return On
29 Mar,Fri