अगर मैसूर घूमते समय आपके पास पर्याप्त समय हो तो चामुंडी हिल्स की तराई में बने ललिता महल घूमने जरूर जाएं। इस महल को महाराजा कृष्णराजा वुडेयार चतुर्थ ने 1921 में खासतौर से भारत के वाइसराय के लिए बनवाया था। इसकी डिजाइन मुंबई ईडब्लू फ्रिचले ने तैयार की थी। इसके...
मैसूर में करीब 180 पार्क और गार्डन हैं, जिसे आपको घूमना ही चाहिए। जयानगर का एक छोटा सा पार्क अंबेडकर पार्क करीब 500 मीटर लंबा फुटपाथ है। यह पार्क रहवासी क्षेत्र में बना है। वहीं एंडोलन सर्किल पार्क कुवेंपु नगर में स्थित है। इसके अलावा लिंगबुधी केरे भी एक चर्चित...
चामुंडी पहाड़ी समुद्र तल से करीब 1065 मीटर की ऊंचाई पर बना हुआ है और अगर आप मैसूर घूमने जा रहे हैं तो यहां भी जाने की कोशिश करें। चामुंडी पहाड़ी की चोटी पर देवी पार्वती के एक अवतार चामुंडेश्वरी को समर्पित चामुंडेश्वरी मंदिर है। वास्तव में यह वुडेयार की देवी हुआ...
मैसूर के ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना 1891 में की गई थी। इसकी स्थापना तत्कालीन महाराजा सरकार ने की थी। इसकी स्थापना का मूल उद्देश्य पुराने संस्कृत और कन्नड़ स्वलेख को इकठ्ठा करना, उनमें परिवर्तन करना, उसका प्रकाशन करना और उसे बचाए रखना था। यहां करीब 33000...
मैसूर महल को अंबा विलास महल के नाम से भी जाना जाता है। इस महल में इंडो-सारासेनिक, द्रविडियन, रोमन और ओरिएंटल शैली का वास्तुशिल्प देखने को मिलता है। इस तीन तल्ले महल के निर्माण में निर्माण के लिए भूरे ग्रेनाइट, जिसमें तीन गुलाबी संगमरमर के गुंबद होते हैं, का सहारा...
पर्यटकों को यह सलाह दी जाती है कि जब भी वह मैसूर घूमने जाएं तो हैप्पी मेन पार्क जरूर जाएं। माता-पिता और बच्चों के लिए यह पार्क यहां का सबसे बड़ा आकर्षण है। इस छोटे से पार्क में एक छोटा सा जू भी है। पार्क में आप लकड़ी की बनी पुल पर चलते समय नीचे बहती धारा में...
सेंट फिलोमेना चर्च को सेंट जोसेफ चर्च के नाम से भी जाना जाता है। अगर आप मैसूर जा रहे हैं, तो यह चर्च जाने की कोशिश जरूर करें। इस चर्च का निर्माण कार्य 1933 में महाराजा कृष्णराजा वुडेयार ने शुरू किया था और यह 1941 में बनकर तैयार हुआ था। इसे गौथिक वास्तुशिल्पीय शैली...
जयलक्ष्मी विलास हवेली मैसूर का सबसे खूबसूरत ऐतिहासिक इमारत है और मैसूर में होते हुए इसे जरूर देखना चाहिए। यह हवेली मैसूर यूनिवर्सिटी के हरेभरे कैंपस से घिरी हुई है और एक पहाड़ी पर कुक्कराहल्ली झील के पश्चिमी छोर पर स्थित है। जयलक्ष्मी विलास हवेली को कुष्णराजा...
जगनमोहन महल का शुमार शहर के सबसे पुराने भवनों में कया जाता है। अगर आप मैसूर में हैं तो यह महल महल घूमने की कोशिश जरूर करें। इस महल का निर्माण मैसूर के राजाओं द्वारा 1961 में किया गया था। 1897 में जब पुराना लकड़ी का महल आग में जलकर नष्ट हो गया तो मुख्य महल के...
मैसूर में होते हुए इस म्यूजियम को भी घूमने की कोशिश करनी चाहिए। यह म्यूजिम खूबसूरत जयलक्ष्मी विलास हवेली में स्थित है। इसकी स्थापना 1968 में की गई थी और यहां करीब 6500 फोक्लोर आर्टिकल्स, कठपुतली, दक्षिण भारतीय खिलौने और घरेलू चीजें रखी गई हैं। इसके अलावा इस...
करणजी झील मैसूर का एक चर्चित पर्यटन स्थल है। यह झील एक खूबसूरत नेचर पार्क से घिरा हुआ है, जिसमें एक बटरफ्लाई पार्क और एक मन मोह लेने वॉक थ्रू एवीएरी है। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह देश का सबसे बड़ा वॉक थ्रू एवीएरी है।
करणजी झील का रखरखाव मैसूर जू अथॉरिटी...
मैसूर के रेल म्यूजियम को 1979 में बनवाया गया था। म्यूजियम के चामुंडी गैलरी में आप रेलवे के प्रसार और विकास को देख सकते हैं। इसके अलावा आप श्री रंगा मार्की में जाकर मैसूर महाराजा के शाही कोच और भारत में बने पहले स्टीम इंजन को भी देख सकते हैं। साथ ही म्यूजियम में एक...
अगर आप मैसूर में हैं तो वैक्स म्यूजियम-मेलोडी वर्ल्ड जाने की कोशिश जरूर कीजिए। इस म्यूजियम की स्थापना अक्टूबर 2010 में की गई थी और इसका उद्देश्य संगीत और संगीत उपकरण को संरक्षित रखना था। इस म्यूजियम में मोम से बनी करीब 100 आदमकद मूर्तियों और 300 से ज्यादा वाद्य...
मैसूर में शहर में होते हुए मैसूर जू को घूमना एक अच्छा अनुभव साबित हो सकता है। इस जू का निर्माण 1892 में महाराजा चामराजा वुडेयार ने करवाया था और इसकी गितनी भारत के कुछ बेहतरीन जूलॉजिकल गार्डन में होती है। करीब 250 एकड़ में फैले इस जू में कई स्तनपाई, सरीसृप और...
अगर आप मैसूर घूमने जा रहे हैं, तो यहां जरूर जाएं। यह म्यूजियम चामुंडी की पहाड़ियों पर करणजी झील के किनारे बना हुआ है। 20 मई 1995 को शुरू हुए यह म्यूजियम पूरी तरह से प्रकृति को समर्पित है। यहां आपको फूलों, पौधों और जानवरों के साथ-साथ दक्षिण भारत के भूगर्भीय संपदा...